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जवान के पार्थिव शरीर को देख बोली दुखी पत्नी...मेरे पति को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए

श्रीनगर में तैनात अमरोहा के जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उसका पार्थिव शरीर गांव आया तो परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. जवान की पत्नी ने मांग उठाई है कि उसके पति को शहीद का दर्जा दिया जाए.

श्रीनगर में तैनात अमरोहा के जवान का पार्थिव शरीर गांव आया तो परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.
श्रीनगर में तैनात अमरोहा के जवान का पार्थिव शरीर गांव आया तो परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.
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Published : Dec 2, 2021, 4:34 PM IST

अमरोहाः श्रीनगर में तैनात अमरोहा के जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उसका पार्थिव शरीर गांव आया तो परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. जवान की पत्नी ने मांग उठाई है कि उसके पति को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए.

अमरोहा के गजरौला के गांव वारसाबाद निवासी तेजपाल (30) वर्ष 2015 में सेना में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे. इन दिनों वह जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के बनिहाल में ड्यूटी पर तैनात थे.

पत्नी दीपिका के मुताबिक उनको हेड क्वार्टर से जानकारी मिली थी कि उनके पति की दुर्घटना में मृत्यु हो गई है. पत्नी ने मांग उठाई कि जब वह ड्यूटी पर थे तो उन्हें शहीद का दर्जा क्यों नहीं दिया गया.

ये भी पढ़ेंः डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने पूछा सवाल...अखिलेश यादव बताएं कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर बने या नहीं

श्रीनगर में तैनात अमरोहा के जवान का पार्थिव शरीर गांव आया तो परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.

पत्नी दीपिका ने कहा कि हेडक्वार्टर पति की मौत को दुर्घटना बता रहा है. जब पति को जीवित नौकरी के लिए भेजा तो उनके मरने के बाद दोहरा व्यवहार क्यों? उन्होंने मांग उठाई की कि मेरे पति को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए.

उधर, गुरुवार सुबह जवान का शव जैसे ही गांव पहुंचा पूरा गांव बिलख पड़ा. हर कोई जवान के अंतिम दर्शन को उमड़ पड़ा. आसपास के कई गांवों के लोग जवान के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे.

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अमरोहाः श्रीनगर में तैनात अमरोहा के जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उसका पार्थिव शरीर गांव आया तो परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. जवान की पत्नी ने मांग उठाई है कि उसके पति को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए.

अमरोहा के गजरौला के गांव वारसाबाद निवासी तेजपाल (30) वर्ष 2015 में सेना में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे. इन दिनों वह जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के बनिहाल में ड्यूटी पर तैनात थे.

पत्नी दीपिका के मुताबिक उनको हेड क्वार्टर से जानकारी मिली थी कि उनके पति की दुर्घटना में मृत्यु हो गई है. पत्नी ने मांग उठाई कि जब वह ड्यूटी पर थे तो उन्हें शहीद का दर्जा क्यों नहीं दिया गया.

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श्रीनगर में तैनात अमरोहा के जवान का पार्थिव शरीर गांव आया तो परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.

पत्नी दीपिका ने कहा कि हेडक्वार्टर पति की मौत को दुर्घटना बता रहा है. जब पति को जीवित नौकरी के लिए भेजा तो उनके मरने के बाद दोहरा व्यवहार क्यों? उन्होंने मांग उठाई की कि मेरे पति को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए.

उधर, गुरुवार सुबह जवान का शव जैसे ही गांव पहुंचा पूरा गांव बिलख पड़ा. हर कोई जवान के अंतिम दर्शन को उमड़ पड़ा. आसपास के कई गांवों के लोग जवान के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे.

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