अमेठी : यूपी के अमेठी में बहुजन समाज पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब नगर पंचायत अध्यक्ष पद की बीएसपी उम्मीदवार ने बीजेपी के बागी उम्मीदवार को अपना समर्थन दे दिया. बीएसपी उम्मीदवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों पर प्रचार ना करने का आरोप लगाया है. अचानक बीएसपी उम्मीदवार के इस फैसले से राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मच गया है. वहीं बीएसपी जिला अध्यक्ष ने कहा कि इससे पार्टी के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
यूपी निकाय चुनाव को लेकर जहां सभी दल अपने अपने उम्मीदवारों को जिताने को लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं जिले के अमेठी नगर पंचायत से बीएसपी उम्मीदवार शकीला बानो पत्नी शमीम राइन ने बीजेपी के बागी उम्मीदवार लक्ष्मी सोनी पत्नी महेश सोनी के लिए मैदान छोड़ दिया है. बीएसपी उम्मीदवार शकीला बानो के पति शमीम राईन ने बीएसपी संगठन पर सहयोग और प्रचार ना करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मुझे बसपा संगठन का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. इसके साथ महेश सोनी को टाऊन की जितनी जानकारी है. उतनी मुझे नहीं है. हिंदू-मुसलमान सबका आशीर्वाद महेश सोनी के साथ हैं. बसपा प्रत्याशी का समर्थन निर्दल प्रत्याशी को मिलने के बाद मुकाबला रोचक हो गया है. बीएसपी उम्मीदवार के इस फैसले से राजनीतिक गलियारे में हल चल तेज हो गई. अमेठी में दूसरे चरण में 11 मई को अध्यक्ष और सभासदों के लिए चुनाव होना है. अचानक इस तरह बीएसपी कैंडिडेट का मैदान छोड़ना चर्चा का विषय बना हुआ है.
पूरे मामले में जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार गौतम ने बताया कि मीडिया के साथियों के जरिए हमें भी जानकारी मिल रही है कि पार्टी प्रत्याशी शकीला बानो ने इस्तीफा दे दिया है. हमने उनसे संपर्क का प्रयास किया, लेकिन फोन बंद है. टिकट लेकर किसी अन्य प्रत्याशी को समर्थन देना राजनीतिक रूप से खुदकुशी माना जाता है. बसपा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
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