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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर संजय सिंह को बनाया प्रत्याशी, कांग्रेस की बढ़ीं मुश्किलें - यूपी चुनाव न्यूज

अमेठा कांग्रेस का गढ़ है. यहां से यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने डॉक्टर संजय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने अभी अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. संजय सिंह के मैदान में आने से बीजेपी की राह आसान हो गई है.

डॉक्टर संजय सिंह
डॉक्टर संजय सिंह
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Published : Feb 7, 2022, 9:35 AM IST

अमेठी: गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में बीजेपी ने बड़ा दांव चल दिया है. बीजेपी ने वर्तमान विधायक गरिमा सिंह का टिकट काटकर उनके पति पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है. संजय सिंह को तुरुप के पत्ते के रूप में चल कर भाजपा ने सभी को चौका दिया है. संजय सिंह के मैदान में आने से बीजेपी की राह आसान हो गई है. संजय सिंह अतीत में गांधी परिवार के सबसे करीबी और विश्वसनीय थे.

बीजेपी ने रविवार देर रात काफी मंथन के बाद अमेठी में प्रत्याशी की घोषणा कर दी. भाजपा से वर्तमान विधायक गरिमा सिंह का टिकट पार्टी ने काट दिया है. उनके स्थान पर उनके पति और देश के राजनीतिक में बड़े नेताओं में शुमार डॉक्टर संजय सिंह को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. फिलहाल, भाजपा से अमेठी विधानसभा के लिए इनके पुत्र अनंत विक्रम सिंह, बहू शांभवी सिंह के नाम की भी चर्चा बहुत तेजी से चल रही थी. इनके अतिरिक्त भाजपा नेता आशीष शुक्ला, काशी प्रसाद तिवारी और रश्मि सिंह ने भी टिकट के लिए आवेदन किया था. शीर्ष नेतृत्व ने लंबी जद्दोजहद के बाद डॉक्टर संजय सिंह को उपयुक्त मानते हुए उनके नाम पर अंतिम मोहर लगाई. संजय सिंह इसके पूर्व कई चुनाव लड़ चुके हैं और विभिन्न विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं. संजय सिंह के नाम की घोषणा होते ही अमेठी में खलबली मच गई.

संजय सिंह ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करिअर की शुरआत 1985 में की थी. वे कांग्रेस से चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे. 1989 में भी अमेठी से विधायक चुने गए थे. 1989 में संजय सिंह पार्टी बदलकर जनता दल से विधान सभा का चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस के हरिचरण यादव से चुनाव हार गए थे. अस्सी के दशक में संजय सिंह का राजनीति में सिक्का चलता था. गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते थे. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी से बहुत गहरी दोस्ती थी. तत्कालीन कांग्रेस सरकार में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं.

डॉक्टर संजय सिंह राजनीति के मझे खिलाड़ी हैं. 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय सिंह को टिकट दिया. संजय सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को चुनाव हराकर लोक सभा पहुंच गए. अगले साल हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने अमेठी से पर्चा भरा और संजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. संजय सिंह 2003 में एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौटे. 2009 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से सुलतानपुर से जीत हासिल की. बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा दिया, लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले वह जुलाई 2019 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.

अब बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अमेठी सीट से मैदान में उतार दिया है. समाजवादी पार्टी ने इस सीट से महराजी प्रजापति को चुनावी मैदान में उतारा है. महराजी प्रजापति सपा सरकार के चर्चित मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी हैं. बताना मुनासिब होगा कि गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी है. गायत्री प्रजापति उपरोक्त मामले में सलाखों के पीछे हैं. समाजवादी पार्टी ने उनकी पत्नी को टिकट दिया है.

यह भी पढ़ें: भाजपा की एक और सूची जारी, बलिया से दयाशंकर सिंह को टिकट दिया गया

महराजी प्रजापति विधानसभा क्षेत्र में अपने परिवार के साथ अमेठी की जनता से न्याय मांग रही हैं. लोगों के बीच में जाकर अपने पति को छुड़ाने के लिए लोगों से वोट की अपील कर रही हैं. वहीं, बीजेपी ने अमेठी से डॉक्टर संजय सिंह के नाम पर मोहर लगाकर तुरुप का पत्ता फेंक दिया है. संजय सिंह की पकड़ अमेठी के सभी वर्ग के लोगों के बीच में है. हर वर्ग के लोग संजय सिंह को पसंद करते हैं. अब इनके मैदान में आने से विपक्षी पार्टियों में खलबली मची हुई है.

फिलहाल कांग्रेस ने अभी अमेठी से अपने कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि कांग्रेश बीजेपी की घोषणा का इंतजार कर रही थी. जल्द ही कांग्रेस उम्मीदवार घोषित कर सकती है.

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अमेठी: गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में बीजेपी ने बड़ा दांव चल दिया है. बीजेपी ने वर्तमान विधायक गरिमा सिंह का टिकट काटकर उनके पति पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है. संजय सिंह को तुरुप के पत्ते के रूप में चल कर भाजपा ने सभी को चौका दिया है. संजय सिंह के मैदान में आने से बीजेपी की राह आसान हो गई है. संजय सिंह अतीत में गांधी परिवार के सबसे करीबी और विश्वसनीय थे.

बीजेपी ने रविवार देर रात काफी मंथन के बाद अमेठी में प्रत्याशी की घोषणा कर दी. भाजपा से वर्तमान विधायक गरिमा सिंह का टिकट पार्टी ने काट दिया है. उनके स्थान पर उनके पति और देश के राजनीतिक में बड़े नेताओं में शुमार डॉक्टर संजय सिंह को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. फिलहाल, भाजपा से अमेठी विधानसभा के लिए इनके पुत्र अनंत विक्रम सिंह, बहू शांभवी सिंह के नाम की भी चर्चा बहुत तेजी से चल रही थी. इनके अतिरिक्त भाजपा नेता आशीष शुक्ला, काशी प्रसाद तिवारी और रश्मि सिंह ने भी टिकट के लिए आवेदन किया था. शीर्ष नेतृत्व ने लंबी जद्दोजहद के बाद डॉक्टर संजय सिंह को उपयुक्त मानते हुए उनके नाम पर अंतिम मोहर लगाई. संजय सिंह इसके पूर्व कई चुनाव लड़ चुके हैं और विभिन्न विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं. संजय सिंह के नाम की घोषणा होते ही अमेठी में खलबली मच गई.

संजय सिंह ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करिअर की शुरआत 1985 में की थी. वे कांग्रेस से चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे. 1989 में भी अमेठी से विधायक चुने गए थे. 1989 में संजय सिंह पार्टी बदलकर जनता दल से विधान सभा का चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस के हरिचरण यादव से चुनाव हार गए थे. अस्सी के दशक में संजय सिंह का राजनीति में सिक्का चलता था. गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते थे. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी से बहुत गहरी दोस्ती थी. तत्कालीन कांग्रेस सरकार में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं.

डॉक्टर संजय सिंह राजनीति के मझे खिलाड़ी हैं. 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय सिंह को टिकट दिया. संजय सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को चुनाव हराकर लोक सभा पहुंच गए. अगले साल हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने अमेठी से पर्चा भरा और संजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. संजय सिंह 2003 में एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौटे. 2009 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से सुलतानपुर से जीत हासिल की. बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा दिया, लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले वह जुलाई 2019 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.

अब बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अमेठी सीट से मैदान में उतार दिया है. समाजवादी पार्टी ने इस सीट से महराजी प्रजापति को चुनावी मैदान में उतारा है. महराजी प्रजापति सपा सरकार के चर्चित मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी हैं. बताना मुनासिब होगा कि गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी है. गायत्री प्रजापति उपरोक्त मामले में सलाखों के पीछे हैं. समाजवादी पार्टी ने उनकी पत्नी को टिकट दिया है.

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महराजी प्रजापति विधानसभा क्षेत्र में अपने परिवार के साथ अमेठी की जनता से न्याय मांग रही हैं. लोगों के बीच में जाकर अपने पति को छुड़ाने के लिए लोगों से वोट की अपील कर रही हैं. वहीं, बीजेपी ने अमेठी से डॉक्टर संजय सिंह के नाम पर मोहर लगाकर तुरुप का पत्ता फेंक दिया है. संजय सिंह की पकड़ अमेठी के सभी वर्ग के लोगों के बीच में है. हर वर्ग के लोग संजय सिंह को पसंद करते हैं. अब इनके मैदान में आने से विपक्षी पार्टियों में खलबली मची हुई है.

फिलहाल कांग्रेस ने अभी अमेठी से अपने कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि कांग्रेश बीजेपी की घोषणा का इंतजार कर रही थी. जल्द ही कांग्रेस उम्मीदवार घोषित कर सकती है.

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