अमेठी: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से रामचरित मानस की चौपाई को लेकर दिए गए बयान पर मचा घमासान अब सड़कों पर आ गया है. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अमेठी के अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया. अधिवक्ताओं ने पुतला दहन के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य को जेल में बंद करने की मांग भी सरकार से की है.
रामचरित मानस पर बयान देना स्वामी प्रसाद मौर्य को धीरे-धीरे महंगा पड़ता जा रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ बुधवार को अमेठी के अधिवक्ता सड़क पर उतर आए. अधिवक्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला दहन करते हुए उनके खिलाफ नारे लगाए. अधिवक्ताओं ने कहा कि रामचरित मानस हिंदू समाज और सनातन धर्म का पवित्र ग्रंथ है. स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान सनातन धर्म के लिए बड़ी शर्म की बात है. जो सरकार सनातन धर्म और हिंदू धर्म के नाम पर प्रदेश और देश की सरकार पर पहुंची है उसे तत्काल स्वामी प्रसाद मौर्या को जेल में बंद कर देना चाहिए.
अधिवक्ताओं ने अखिलेश यादव को भी आड़े हाथों लिया. पुतला दहन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अधिवक्ता उपेंद्र शुक्ला ने कहा कि पुतला फूंकने का मुख्य कारण स्वामी प्रसाद मौर्य हैं. जो यूपी के पूर्व मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने सनातन धर्म पर कुठाराघात किया है. यहां रामचरित मानस पर शोध हो रहा है. पीएचडी हो रही है. विश्व में रामचरित मानस को पढ़ाया जाता है. हमारे सनातनी शंकराचार्य और धर्मगुरु रामचरित मानस की पूजा करते हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने करोड़ों हिंदुओं और साधु-संतों की आस्था पर कुठाराघात किया है. उनको हिंदूओं और सभी साधु संतों से माफी मांगनी चाहिए.
अधिवक्ता एवं प्रबुद्ध ब्रम्ह समाज के अध्यक्ष राजेश पांडेय ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान निश्चित तौर पर पूरे सनातन धर्म के लिए शर्म की बात है. हम इसकी निंदा करते हैं. इसलिए हमने आज उनका पुतला फूंका है. सरकार से मांग है कि मौर्य को तत्काल गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए.
चन्दौली में स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए किया गया बुध्दि शुद्धि यज्ञ
लोकसभा चुनाव 2024 भले ही दूर हों, लेकिन इसके लिए बिसात अभी से सजने लगी हैं. रामचरित मानस को लेकर शुरू हुई जुबानी जंग अब जमीन पर भी दिखने लगी है. एक पक्ष जहां रामचरित मानस को लेकर दी गई प्रतिक्रिया को जायज ठहरा रहे हैं. तो वहीं दूसरा पक्ष इसके विरोध में खड़ा हो गया है. इसी क्रम में भाजपा नेता सूर्यमुनि तिवारी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया है. साथ ही उनके बयान को समाज में नफरत फैलाने वाला बयान बताया है. कहा कि सपा नेता मौर्या समाज को नहीं मानते हैं. उनके बयान से करोड़ों हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंची है. अवांछित तत्वों की तरफ से रामचरित मानस के प्रतियां जलाकर आस्था को ठेस पहुंचाया गया है. सपा नेता ने अपने मुखिया पूर्व सीएम अखिलेश यादव के इशारे पर ऐसा बयान दिया है. ऐसे नेताओं से सभी को सतर्क रहना चाहिए. यह समाज को तोड़ने का काम करते हैं. समाज में नफरत फैलाकर सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि श्रीराम हम लोगों के आदर्श हैं. रामचरित मानस पर इस प्रकार के बयान देने वाले को भारत की जनता कभी माफ नहीं करेगी. उम्मीद है कि इस बुद्धि शुद्धि यज्ञ से अंतरमन साफ होगा. उनके अंदर सनातन धर्म के प्रति आदर बढ़ेगा.