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प्रियंका गांधी ने चला भावनात्मक कार्ड, कहाः '13 साल की थी तो पिता के साथ आती थी अमेठी'

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमेठी के हारी मऊ में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज बचपन की यादें ताजा हो गईं.

'15 साल की थी तो पिता के साथ आती थी अमेठी'
'15 साल की थी तो पिता के साथ आती थी अमेठी'
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Published : Dec 18, 2021, 8:12 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 10:54 PM IST

अमेठीः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जिले में एक जनसभा के दौरान अपने बचपन की यादों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जब मैं 13 साल की थी, तो अमेठी आती थी. अपने पिता के साथ ततारपुर में रही हूं. मैं जीप में बैठकर आप लोगों के बीच आया करती थी. कुछ ही दिनों में मैं 50 साल की होने वाली हूं. उन्होंने कहा कि अमेठी से हमारा पारिवारिक रिश्ता है. जिसे मैंने भी निभाया और आपने भी निभाया है.

अपने एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची प्रियंका गांधी हारी मऊ में एक जन सभा को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने अमेठी वासियों से भावनात्मक रिश्ते को जोड़ते हुए कहा कि मुझे कोई शिकायत नहीं है. परिस्थितियां ऐसी बन गई थीं. परिस्थितियों से हमने भी सीखा और आपने भी सीखा. उनका संकेत 2019 के आम चुनाव की तरफ था. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में यहां एक झूठ का जाल फैलाया गया, जो लोग साढ़े सात सालों से झूठ का जाल फैला रहे हैं. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि ढाई साल में क्या विकास हुआ. प्रियंका गांधी ने कोरोना काल की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा.

प्रियंका गांधी ने चला भावनात्मक कार्ड

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों को कोई सुविधाएं सरकार उपलब्ध नहीं करा पाई. अमेठी रायबरेली के लोगों के फोन आते थे. वह लोग कहते थे दीदी हमें हमारे घर तक पहुंचा दीजिए. अमेठी के लोग जो अन्य प्रदेशों में फंसे थे वह अपने घर पहुंचने के लिए परेशान थे. क्या आप की सांसद ने कोई मदद किया उस समय बीजेपी कहां थी. अन्य प्रांतो में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए मैंने बस की व्यवस्था किया. जिसे योगी सरकार ने ठुकरा दिया. ऑक्सीजन देने के लिए प्रशासन से निवेदन किया. उनसे यहां तक कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर ले लीजिए. हम अपना नाम नहीं लिख रहे हैं. ना ही इसे मीडिया को बता रहे हैं. बहुत मुश्किल से रायबरेली में हमारे सिलेंडर लिए गए.

प्रियंका गांधी ने जनसभा में मौजूद लोगों से सवाल किया कि क्या आप को खाद मिल रही है. गन्ने का दाम मिल रहा है. उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्राइवेट में खाद मिल रही है. गौशाला से गाय ले जाकर दफनाये जा रहे हैं. इस बीच उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि लखीमपुर में किसान को किसने मारा. मंच पर वह किसके साथ खड़ा हो रहा है. उसे मंच से किसने नहीं हटाया. प्रियंका ने उपस्थित लोगों से सवाल करते हुए कहा कि सिलेंडर कितने को मिल रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि 8 हजार करोड़ रुपये के जहाज में उड़कर वाराणसी में नौटंकी करने आ सकते हैं. आपको महंगाई से निजात नहीं दे सकते. हर चुनाव में संप्रदाय की बात करते हैं. जब भी चुनाव आता है तो संप्रदाय की बात आ जाती है. 70 साल की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि 7 साल की बात क्यों नहीं करते. प्रियंका ने कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि हमने बीएचईएल, एचएल, रायबरेली में एमएस लगाया.

उन्होंने आगे कहा कि संघर्ष कौन कर रहा है मोदी के दोस्त संघर्ष नहीं कर रहे हैं. बड़ी-बड़ी कंपनियां जो कांग्रेस ने लगवाई थी मोदी के बड़े-बड़े दोस्तों को बेचा जा रहा है. इनकी सरकार में उद्योगपति मित्रों का विकास हो रहा है. इस सरकार को बदल डालिए.

इसे भी पढ़ें- राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा-देश के पैसे से किया करीबी पूंजीपतियों का विकास

गौरतलब है कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के पहले राहुल और प्रियंका गांधी अपने पुराने किले को दोबारा मजबूत करने पहुंचे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल और प्रियंका गांधी का जगह-जगह भव्य स्वागत किया. चुनाव में इसका फायदा मिलता है या नहीं यह तो समय ही बताएगा. फिलहाल कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह दिखाई दिया.

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अमेठीः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जिले में एक जनसभा के दौरान अपने बचपन की यादों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जब मैं 13 साल की थी, तो अमेठी आती थी. अपने पिता के साथ ततारपुर में रही हूं. मैं जीप में बैठकर आप लोगों के बीच आया करती थी. कुछ ही दिनों में मैं 50 साल की होने वाली हूं. उन्होंने कहा कि अमेठी से हमारा पारिवारिक रिश्ता है. जिसे मैंने भी निभाया और आपने भी निभाया है.

अपने एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची प्रियंका गांधी हारी मऊ में एक जन सभा को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने अमेठी वासियों से भावनात्मक रिश्ते को जोड़ते हुए कहा कि मुझे कोई शिकायत नहीं है. परिस्थितियां ऐसी बन गई थीं. परिस्थितियों से हमने भी सीखा और आपने भी सीखा. उनका संकेत 2019 के आम चुनाव की तरफ था. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में यहां एक झूठ का जाल फैलाया गया, जो लोग साढ़े सात सालों से झूठ का जाल फैला रहे हैं. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि ढाई साल में क्या विकास हुआ. प्रियंका गांधी ने कोरोना काल की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा.

प्रियंका गांधी ने चला भावनात्मक कार्ड

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों को कोई सुविधाएं सरकार उपलब्ध नहीं करा पाई. अमेठी रायबरेली के लोगों के फोन आते थे. वह लोग कहते थे दीदी हमें हमारे घर तक पहुंचा दीजिए. अमेठी के लोग जो अन्य प्रदेशों में फंसे थे वह अपने घर पहुंचने के लिए परेशान थे. क्या आप की सांसद ने कोई मदद किया उस समय बीजेपी कहां थी. अन्य प्रांतो में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए मैंने बस की व्यवस्था किया. जिसे योगी सरकार ने ठुकरा दिया. ऑक्सीजन देने के लिए प्रशासन से निवेदन किया. उनसे यहां तक कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर ले लीजिए. हम अपना नाम नहीं लिख रहे हैं. ना ही इसे मीडिया को बता रहे हैं. बहुत मुश्किल से रायबरेली में हमारे सिलेंडर लिए गए.

प्रियंका गांधी ने जनसभा में मौजूद लोगों से सवाल किया कि क्या आप को खाद मिल रही है. गन्ने का दाम मिल रहा है. उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्राइवेट में खाद मिल रही है. गौशाला से गाय ले जाकर दफनाये जा रहे हैं. इस बीच उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि लखीमपुर में किसान को किसने मारा. मंच पर वह किसके साथ खड़ा हो रहा है. उसे मंच से किसने नहीं हटाया. प्रियंका ने उपस्थित लोगों से सवाल करते हुए कहा कि सिलेंडर कितने को मिल रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि 8 हजार करोड़ रुपये के जहाज में उड़कर वाराणसी में नौटंकी करने आ सकते हैं. आपको महंगाई से निजात नहीं दे सकते. हर चुनाव में संप्रदाय की बात करते हैं. जब भी चुनाव आता है तो संप्रदाय की बात आ जाती है. 70 साल की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि 7 साल की बात क्यों नहीं करते. प्रियंका ने कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि हमने बीएचईएल, एचएल, रायबरेली में एमएस लगाया.

उन्होंने आगे कहा कि संघर्ष कौन कर रहा है मोदी के दोस्त संघर्ष नहीं कर रहे हैं. बड़ी-बड़ी कंपनियां जो कांग्रेस ने लगवाई थी मोदी के बड़े-बड़े दोस्तों को बेचा जा रहा है. इनकी सरकार में उद्योगपति मित्रों का विकास हो रहा है. इस सरकार को बदल डालिए.

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गौरतलब है कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के पहले राहुल और प्रियंका गांधी अपने पुराने किले को दोबारा मजबूत करने पहुंचे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल और प्रियंका गांधी का जगह-जगह भव्य स्वागत किया. चुनाव में इसका फायदा मिलता है या नहीं यह तो समय ही बताएगा. फिलहाल कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह दिखाई दिया.

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Last Updated : Dec 18, 2021, 10:54 PM IST
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