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राहुल गांधी के इस्तीफे पर क्या बोली अमेठी की जनता

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Published : Jul 4, 2019, 11:25 PM IST

राहुल के इस्तीफा देने से गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाली अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को काफी दुख पहुंचा है. उनका कहना है कि राहुल गांधी हमारे नेता थे, हैं और हमेशा रहेंगे. आने वाला दिन उन्हीं का है.

राहुल गांधी (फाइल फोटो).

अमेठी: गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी से राहुल गांधी का लोकसभा चुनाव 2019 हारने के बाद राहुल गांधी ने अन्तत: अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अमेठी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को काफी दुख हुआ. राहुल गांधी अमेठी से 2004 से 2019 तक अमेठी के सांसद रहे.

राहुल गांधी के इस्तीफा देने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की राय.
15 साल तक रहे अमेठी के सांसद-राहुल गांधी 15 साल तक अमेठी के सांसद रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर देते हुए अमेठी की लोकसभा सीट को अपने नाम किया.स्मृति ईरानी से था कड़ा मुकाबला-2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी का कड़ा मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी स्मृति ईरानी के साथ था. इसमें स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर देते हुए राहुल गांधी को 55,120 मतों से हराकर अमेठी की सीट पर उनके वर्चस्व को समाप्त किया. वहीं राहुल गांधी को अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा.

राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए हैं. यह बहुत दुखद है. देश की बीस करोड़ जनता ने उन्हीं को देखकर वोट दिया है. देश के सच्चे और अच्छे लोग उन पर विश्वास करते हैं. हम लोग तो यह चाहते थे कि कांग्रेस में जो विश्वासघात करते हैं उनको बाहर का रास्ता दिखाएं मगर राहुल गांधी ने स्वयं इसकी जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दे दिया है. यह हम सबके लिए दुखद की बात है. राहुल गांधी हमारे नेता हैं और रहेंगे.
- धर्मेंद्र शुक्ल, कांग्रेस मीडिया पैनलिस्ट, अमेठी

राहुल गांधी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए. बूथ स्तर से लेकर पूरे देश स्तर तक आमूलचूल परिवर्तन करना चाहिए. महिलाओं, बुजुर्गों सबको अपनी तरफ आकर्षित करना चाहिए. राहुल गांधी भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखे जा रहे हैं. आने वाला दिन उन्हीं का है. इसके लिए संघर्ष की आवश्यकता है.
-मोहम्मद कुद्दुस खान, कांग्रेस कार्यकर्ता

अमेठी: गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी से राहुल गांधी का लोकसभा चुनाव 2019 हारने के बाद राहुल गांधी ने अन्तत: अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अमेठी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को काफी दुख हुआ. राहुल गांधी अमेठी से 2004 से 2019 तक अमेठी के सांसद रहे.

राहुल गांधी के इस्तीफा देने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की राय.
15 साल तक रहे अमेठी के सांसद-राहुल गांधी 15 साल तक अमेठी के सांसद रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर देते हुए अमेठी की लोकसभा सीट को अपने नाम किया.स्मृति ईरानी से था कड़ा मुकाबला-2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी का कड़ा मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी स्मृति ईरानी के साथ था. इसमें स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर देते हुए राहुल गांधी को 55,120 मतों से हराकर अमेठी की सीट पर उनके वर्चस्व को समाप्त किया. वहीं राहुल गांधी को अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा.

राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए हैं. यह बहुत दुखद है. देश की बीस करोड़ जनता ने उन्हीं को देखकर वोट दिया है. देश के सच्चे और अच्छे लोग उन पर विश्वास करते हैं. हम लोग तो यह चाहते थे कि कांग्रेस में जो विश्वासघात करते हैं उनको बाहर का रास्ता दिखाएं मगर राहुल गांधी ने स्वयं इसकी जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दे दिया है. यह हम सबके लिए दुखद की बात है. राहुल गांधी हमारे नेता हैं और रहेंगे.
- धर्मेंद्र शुक्ल, कांग्रेस मीडिया पैनलिस्ट, अमेठी

राहुल गांधी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए. बूथ स्तर से लेकर पूरे देश स्तर तक आमूलचूल परिवर्तन करना चाहिए. महिलाओं, बुजुर्गों सबको अपनी तरफ आकर्षित करना चाहिए. राहुल गांधी भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखे जा रहे हैं. आने वाला दिन उन्हीं का है. इसके लिए संघर्ष की आवश्यकता है.
-मोहम्मद कुद्दुस खान, कांग्रेस कार्यकर्ता

Intro:अमेठी। गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी से राहुल गांधी का लोकसभा चुनाव 2019 हारने के बाद राहुल गांधी ने अन्तत: अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अमेठी के कार्यकर्ताओं को काफी दुख हुआ। आपको बता दे कि राहुल गांधी अमेठी से 2004 से 2019 तक अमेठी के सांसद रहे।


15 साल तक थे अमेठी के सांसद-

राहुल गांधी अमेठी में 2004 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद से 2019 तक पूरे 15 साल तक अमेठी के सांसद रहे। 2019 में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर देते हुए अमेठी के लोकसभा सीट को अपने नाम किया।

स्मृति ईरानी से था कड़ा मुकाबला-

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष व अमेठी के सांसद राहुल गांधी का कड़ा मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी स्मृति ईरानी के साथ था। जिसमे स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर देते हुए राहुल गांधी को 55,120 मतों से हरा कर अमेठी की सांसद चुनी गयी। वही राहुल गांधी अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा।


Body:वी/ओ 1- राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए हैं यह बहुत दुखद है। देश की बीस करोड़ जनता ने उन्हीं और कांग्रेस को देखकर वोट दिया है। देश के सच्चे और अच्छे लोग उन पर विश्वास करते हैं। हम लोग सोचते थे कि राहुल गांधी के अगुवाई में लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी ने जो इस्तीफा दिया है अमेठी नहीं वरन पूरे देश के लिए दुखद का विषय है। हम लोग तो यह चाहते थे कि कांग्रेस में जो विश्वासघात करते हैं उनको बाहर का रास्ता दिखाएं मगर राहुल गांधी ने स्वयं इसकी जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दिया है। यह हम सबके लिए दुखद की बात है। राहुल गांधी हमारे नेता हैं और रहेंगे।

बाइट- धर्मेंद्र शुक्ल (कांग्रेस मीडिया पैनलिस्ट, अमेठी)




Conclusion:वी/ओ 2- दुखद है, इस्तीफा देना नहीं चाहिए राहुल गांधी को। बूथ स्तर से लेकर पूरे देश स्तर तक आमूलचूल परिवर्तन करना चाहिए। महिलाओं बुजुर्गों सबको अपनी तरफ आकर्षित करना चाहिए। पार्टी को मजबूत करना चाहिए। संघर्ष करके आगे बढ़ना चाहिए। राहुल गांधी भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखे जा रहे हैं। आने वाला दिन उन्हीं का है। इसके लिए संघर्ष की आवश्यकता है।

बाइट- मोहम्मद कुद्दुस खान (कांग्रेस कार्यकर्ता)
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