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अमेठी में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा- पहले भी हमारे साथ थे 'डॉ. संजय सिंह'

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Published : Aug 5, 2019, 10:50 AM IST

यूपी के अमेठी में मंत्री मोहसिन रजा ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने डॉ. संजय सिंह के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर कहा कि संजय सिंह बीजेपी की नीतियों और विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए हैं.

मंत्री मोहसिन रजा.

अमेठी: अमेठी राजघराने से ताल्लुक रखने वाले डॉ. संजय सिंह ने एक बार फिर से कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. डॉ. संजय सिंह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासत का अहम चेहरा रहे हैं. राज्यसभा में एक साल अभी बाकी होने के बावजूद संजय सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया.

मंत्री मोहसिन रजा.

कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थामने पर अमेठी के प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि राजनीति में कब, कौन, कहां जाएगा उसको तय करना होता है, लेकिन वह नीतिगत निर्णय लेता है कि किसकी नीतियां अच्छी हैं. डॉ. संजय सिंह भारतीय जनता पार्टी की नीतियों और विचारों से प्रभावित होकर वापस आए हैं. इस पार्टी में कोई भी आ सकता है. उसके लिए दरवाजे खुले हैं.

डॉ. संजय सिंह ने 1980 में संजय गांधी का किया था समर्थन
संजय सिंह ने अपनी राजनीति करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. 1980 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह ने संजय गांधी का समर्थन किया था. वह खुद भी 1980 से 1989 तक कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे.

1990 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा
1990 से 1991 में डॉ. संजय सिंह केंद्र में संचार मंत्री रहे. इसके बाद कांग्रेस की स्थिति प्रदेश की सियासत में कमजोर होना शुरू हुई. इसको देखते हुए डॉ. संजय सिंह ने पहली बार भाजपा का दामन थाम लिया.

1998 में बीजेपी के टिकट पर पहुंचे लोकसभा
1998 में डॉ. संजय सिंह भाजपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे. वहीं 1999 में सोनिया गांधी के खिलाफ अमेठी से ही जब वह दोबारा चुनाव में उतरे तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

हमारी पार्टी का मूल मंत्र 'सबका साथ सबका विकास' है. यह भारतीय जनता पार्टी है. यह कोई समाजवादी, बहुजन समाजवादी या कांग्रेस नहीं है. इस पार्टी में कोई भी आ सकता है. उसके लिए दरवाजे खुले हैं.
मोहसिन रजा, प्रभारी मंत्री, अमेठी

अमेठी: अमेठी राजघराने से ताल्लुक रखने वाले डॉ. संजय सिंह ने एक बार फिर से कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. डॉ. संजय सिंह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासत का अहम चेहरा रहे हैं. राज्यसभा में एक साल अभी बाकी होने के बावजूद संजय सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया.

मंत्री मोहसिन रजा.

कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थामने पर अमेठी के प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि राजनीति में कब, कौन, कहां जाएगा उसको तय करना होता है, लेकिन वह नीतिगत निर्णय लेता है कि किसकी नीतियां अच्छी हैं. डॉ. संजय सिंह भारतीय जनता पार्टी की नीतियों और विचारों से प्रभावित होकर वापस आए हैं. इस पार्टी में कोई भी आ सकता है. उसके लिए दरवाजे खुले हैं.

डॉ. संजय सिंह ने 1980 में संजय गांधी का किया था समर्थन
संजय सिंह ने अपनी राजनीति करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. 1980 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह ने संजय गांधी का समर्थन किया था. वह खुद भी 1980 से 1989 तक कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे.

1990 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा
1990 से 1991 में डॉ. संजय सिंह केंद्र में संचार मंत्री रहे. इसके बाद कांग्रेस की स्थिति प्रदेश की सियासत में कमजोर होना शुरू हुई. इसको देखते हुए डॉ. संजय सिंह ने पहली बार भाजपा का दामन थाम लिया.

1998 में बीजेपी के टिकट पर पहुंचे लोकसभा
1998 में डॉ. संजय सिंह भाजपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे. वहीं 1999 में सोनिया गांधी के खिलाफ अमेठी से ही जब वह दोबारा चुनाव में उतरे तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

हमारी पार्टी का मूल मंत्र 'सबका साथ सबका विकास' है. यह भारतीय जनता पार्टी है. यह कोई समाजवादी, बहुजन समाजवादी या कांग्रेस नहीं है. इस पार्टी में कोई भी आ सकता है. उसके लिए दरवाजे खुले हैं.
मोहसिन रजा, प्रभारी मंत्री, अमेठी

Intro:अमेठी। अमेठी के राजघराने से ताल्लूक रखने वाले डॉ संजय सिंह ने एक बार फिर से कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। डॉ संजय सिंह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासत का अहम चेहरा थे। राज्यसभा में एक साल अभी बाकी होने के वावजूद संजय सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन पकड़ा। कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन पकड़ने पर अमेठी प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि राजनीति में कब, कौन, कहां जाएगा उसको तय करना होता है, लेकिन वह नीतिगत निर्णय लेता है कि किस की नीतियां अच्छी है। डॉ संजय सिंह भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से, विचारों से प्रभावित होकर भाजपा में वापस आए हैं। इस पार्टी में कोई भी आ सकता है। उसके लिए दरवाजे खुले हैं।


Body:डॉ संजय सिंह ने 1980 में संजय गांधी का किया था समर्थन-

संजय सिंह ने अपनी राजनीति कैरियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी। 1980 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह ने संजय गांधी का समर्थन किया था।। वह खुद भी 1980 से 1989 तक कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे।


1990 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा-

कांग्रेस ने 1990 से 1991 में डॉक्टर संजय सिंह केंद्र में संचार मंत्री रहे। इसके बाद कांग्रेस की स्थिति प्रदेश की सियासत में कमजोर होना शुरू हुई। इसको देखते हुए डॉ संजय सिंह ने पहली बार भाजपा का दामन पकड़ा।



1998 में बीजेपी के टिकट पर पहुंचे लोकसभा-

1998 में डॉक्टर संजय सिंह भाजपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़े और जीत कर लोकसभा पहुंचे। वही 1999 में सोनिया गांधी के खिलाफ अमेठी से ही जब वह दोबारा चुनाव में उतरे तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा।


Conclusion:वी/ओ- डॉ संजय सिंह पहले भी हमारे साथ थे। राजनीति में कब, कौन, कहां जाएगा उसको तय करना होता है, लेकिन वह नीतिगत निर्णय लेता है कि किस की नीतियां अच्छी है। उन्होंने कहा कि वह जरूर कहीं दूसरी जगह गए लेकिन उनको लगा कि वहां अच्छी नीतियां देश के लिए, जनता के लिए अच्छा नहीं सोचा जाता इसलिए डॉ संजय सिंह भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से, विचारों से प्रभावित होकर भाजपा में वापस आए हैं। हमारे पार्टी का मूल मंत्र "सबका साथ सबका विकास" है। यह भारतीय जनता की पार्टी है। यह कोई समाजवादी, बहुजन समाजवादी या कांग्रेस नहीं है। इस पार्टी में कोई भी आ सकता है। उसके लिए दरवाजे खुले हैं।


बाइट-मोहसिन रजा (प्रभारी मंत्री,अमेठी)
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