अमेठी: अमेठी राजघराने से ताल्लुक रखने वाले डॉ. संजय सिंह ने एक बार फिर से कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. डॉ. संजय सिंह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासत का अहम चेहरा रहे हैं. राज्यसभा में एक साल अभी बाकी होने के बावजूद संजय सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया.
कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थामने पर अमेठी के प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि राजनीति में कब, कौन, कहां जाएगा उसको तय करना होता है, लेकिन वह नीतिगत निर्णय लेता है कि किसकी नीतियां अच्छी हैं. डॉ. संजय सिंह भारतीय जनता पार्टी की नीतियों और विचारों से प्रभावित होकर वापस आए हैं. इस पार्टी में कोई भी आ सकता है. उसके लिए दरवाजे खुले हैं.
डॉ. संजय सिंह ने 1980 में संजय गांधी का किया था समर्थन
संजय सिंह ने अपनी राजनीति करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. 1980 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह ने संजय गांधी का समर्थन किया था. वह खुद भी 1980 से 1989 तक कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे.
1990 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा
1990 से 1991 में डॉ. संजय सिंह केंद्र में संचार मंत्री रहे. इसके बाद कांग्रेस की स्थिति प्रदेश की सियासत में कमजोर होना शुरू हुई. इसको देखते हुए डॉ. संजय सिंह ने पहली बार भाजपा का दामन थाम लिया.
1998 में बीजेपी के टिकट पर पहुंचे लोकसभा
1998 में डॉ. संजय सिंह भाजपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे. वहीं 1999 में सोनिया गांधी के खिलाफ अमेठी से ही जब वह दोबारा चुनाव में उतरे तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
हमारी पार्टी का मूल मंत्र 'सबका साथ सबका विकास' है. यह भारतीय जनता पार्टी है. यह कोई समाजवादी, बहुजन समाजवादी या कांग्रेस नहीं है. इस पार्टी में कोई भी आ सकता है. उसके लिए दरवाजे खुले हैं.
मोहसिन रजा, प्रभारी मंत्री, अमेठी