अमेठी : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में एसपी आवास के सामने स्थित सरकारी कार्यालय में युवती के सहकर्मी ने शारीरिक शोषण किया. शोषण की शिकार युवती ने जब विरोध करने की हिम्मत जुटाई तो विभाग के जिम्मेदार वर्ग विशेष के लिपिक के बचाव में उतर आए. युवती का आरोप है कि बातचीत के दौरान लिपिक ने विधवा मां पर अभद्र टिप्पणी की. युवती ने मामले की लिखित शिकायत अपने उच्चाधिकारियों से की है. मामला बढ़ता देख विभाग ने आरोपी के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है.
मामला अमेठी एसपी आवास के सामने स्थित एक सरकारी कार्यालय का है. कार्यालय में तैनात एक युवती का आरोप है कि उसके सहकर्मी ने उसका शारीरिक शोषण किया. आरोपी ने विधवा मां पर भी अभद्र टिप्पणी की. इस बाबत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को शिकायती पत्र दिया गया है. शिकायती पत्र में युवती ने बताया है कि 27 जून को कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक ने मेरी विधवा मां के बारे में पहले अभद्र टिप्पणी की. आरोपी ने विधवा मां की शादी कराने की बात कहकर कार्यालय परिसर में ही मजाक उड़ाया. उपरोक्त बातें जब मां को पता चलीं तो वह परेशान हो गईं. वह घर में बदहवाश पड़ी हुई हैं. युवती ने मां के साथ अनहोनी की आशंका जताई है.
भयभीत युवती ने कार्य करने में जताई असमर्थता
युवती का आरोप है कि इसके पहले भी आरोपी मेरे साथ गलत हरकत कर चुका है. कमरे में जबरन बंद करके अश्लील बातें की थीं और जबरदस्ती मेरा हाथ पकड़ा था. मेरे काफी विरोध के बाद भी वह घिनौनी हरकतें करता रहा. अधिकारियों से शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने से उसका हौसला बढ़ गया है. ऐसे माहौल में मेरा यहां काम करना बेहतर नहीं है. फिलहाल इस घटना पर विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. संबंधित वरिष्ठ अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी मैं लंच करने जा रहा हूं, थोड़ी देर में आकर इस विषय पर बात करता हूं. दोबारा वह कार्यालय लौटकर नहीं आए. दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन स्विच ऑफ कर दिया.
आरोपी को भेजा नोटिस
मामला गंभीर होते देख सरकारी कार्यालय की ओर से आरोपी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. पत्र के अनुसार आरोपी को नोटिस देकर तीन कार्य दिवस के अंदर इस आशय के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया है. पत्र में यह भी बताया गया है कि कनिष्ठ सहायक के प्रति अमर्यादित व्यवहार किया जाता रहा है. जिससे माहिला सम्मान को ठेस पहुंची है, जो कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है. तीन कार्य दिवस के अंदर स्पष्टीकरण न देने पर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रकरण उच्चाधिकारियों को संस्तुति करने की बात भी कही गई है.