अमेठी : बच्चों के भविष्य को सवांरने के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार की ओर से तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं. जिलों के अधिकारी भी इन योजनाओं को धरातल पर उतारने का दावा कर रहे हैं. लेकिन, स्थानीय स्तर पर जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से योजनाएं अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रही हैं. जिले के मुसाफिरखाना विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत कस्थूनी पूरब-3 गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की दयनीय दशा है.
107 बच्चे हैं नामांकित
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कस्थूनी पूरब-3 आंगनबाड़ी केंद्र की बिल्डिंग का निर्माण वर्ष 2013 -14 के आसपास पास हुआ था. जानकारी दी गई कि वर्तमान में इस आंगनबाड़ी केंद्र में एक कार्यकर्ता आशा यादव तैनात हैं और यहां 7 महीने से लेकर 3 वर्ष तक 107 बच्चे नामांकित हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि बिल्डिंग की फर्श टूटी गई है और छत के बीम में भी दरार आ गई है. यहां अक्सर जहरीले कीड़े भी आ जाते हैं, जिससे डर बना रहता है. बरसात के महीनों में केंद्र में पानी भर जाता है. इसलिए पास में एक स्थान पर बच्चों को सुरक्षित बैठा दिया जाता है.
कायाकल्प को लेकर लिखा गया है पत्र
सीडीपीओ इंचार्ज मुसाफिरखाना रीता रानी सिंह ने बताया कि उक्त आंगनबाड़ी केंद्र में नल नहीं लगा है, शौचालय भी टूट हुआ है. केंद्र के कायाकल्प को लेकर पत्र लिखा गया है. इस गांव के ग्रामीणों ने बनाईं गई आंगन बाड़ी केंद्र की बिल्डिंग की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए हैं. वहीं कायाकल्प को लेकर उच्चाधिकारियों से अपील की है.