अमेठी: पूर्व केंद्रीय मंत्री व अमेठी नरेश डॉ. संजय सिंह ने अमेठी विधानसभा सीट से बीजेपी के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. जहां नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी की योजनाओं को सफल बनाना हमारा पहला उद्देश्य है.
डॉ. संजय सिंह ने कहा की अमेठी को अपराध, उगाही और भ्रष्टाचार से मुक्त कराकर फिर से शांति का वातावरण स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा कि अमेठी की जनता ने पिछले कुछ वर्षों में जो कमी महसूस की है. उस कमी को भरने का काम करेंगे.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा अमेठी की जनता पूरी तरह हमारे साथ है. इसलिए मेरे मुकाबले में कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि यूपी में फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी. नामांकन से पहले उन्होंने ददन सदन तिराहा अमेठी स्थित कार्यालय पर जनता जनार्दन का आशीर्वाद लिया और समर्थन मांगा. फिर वह सती महारानी मंदिर और मशहूर कवि मलिक मोहम्मद जायसी की मजार पर गए. उसके बाद वे सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे और नामांकन दाखिल कर दिया. उनके साथ में रानी अमिता सिंह समेत तमाम भाजपा के पदाधिकारी मौजूद रहे.
अमेठी से 2017 में डॉ. संजय सिंह की पहली पत्नी रानी गरिमा सिंह विधायक चुनी गईं थी. उन्होंने सपा के कद्दावर नेता और सामूहिक दुष्कर्म की सजा भुगत रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को 5 हजार मतों से हराया था. इस बार सपा ने गायत्री की पत्नी महाराजी को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा की ओर से कई अन्य दावेदार भी मैदान में थे. भाजपा ने डॉ. संजय सिंह को ही अमेठी सीट जीतने के सबसे उपयुक्त माना.
दरअसल, पार्टी का मानना था की अन्य में से किसी एक को प्रत्याशी बनाए जाने पर भाजपा के कुछ स्थानीय नेता नाराज हो सकते थे. डॉ.संजय सिंह ऐसा चेहरा हैं जिनके उम्मीदवार बनाए जाने से कोई नाराज नहीं होगा. भाजपा हर हाल में अमेठी सीट अपनी झोली में चाहती है. अमेठी सीट पर पूरे बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर है. इस लिहाज से काफी मंथन के बाद डॉ. संजय सिंह को अमेठी से मैदान में उतार दिया है.
फिलहाल बीजेपी के इस फैसले ने नाराज होकर भाजपा नेता आशीष शुक्ला ने कांग्रेस से टिकट ले लिया. अब वह कांग्रेसी हो चुके हैं. इसके पहले बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी रहे हैं. आज आशीष शुक्ला ने भी कांग्रेस के टिकट पर नामांकन दाखिल कर दिया. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा की भाजपा में निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होती है. इसलिए हमने फैसला किया की कांग्रेस से चुनाव लडूंगा. उन्होंने जीत का दावा करते हुए कहा की अमेठी का जनादेश मेरे साथ है.
अमेठी समेत पूरे देश की राजनीति में बड़ा कद रखने वाले भाजपा नेता डॉ. संजय सिंह प्रथम पंक्ति के बड़े नेताओं में शुमार हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और वीपी सिंह की कैबिनेट में रहे. 1985 के चुनाव में 98.29 प्रतिशत वोट पाकर इतिहास रच दिया था. अब 33 साल बाद वह फिर अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के साथ राजनीतिक यात्रा शुरू कर डॉ. संजय 1980 में पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे. इसके बाद वह मंत्री भी बने. संजय गांधी उनके सबसे गहरे मित्र रहे. 1985 के चुनाव में अमेठी में पड़े कुल 1 लाख 26 हजार मत में से उन्हें 1 लाख 24 हजार वोट मिले थे. यह आज भी पूरे देश में एक रिकॉर्ड है. 1998 में भाजपा से ही अमेठी लोकसभा से सांसद रहे चुके हैं. 2009 में सुलतानपुर से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा में पहुंचे. फिर 2014 से वह असम से राज्यसभा सांसद रहे. पीएम मोदी और अमित शाह से उनके गहरे राजनीतिक रिश्ते हैं. इसके चलते वह भाजपा में शामिल हो गए.
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