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अमेठी: आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन

आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन ने अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में काली पट्टी बांधकर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया है कि किसी भी योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों से काम तो लिया जाता है लेकिन उन्हें मानदेय व वेतन सम्मानजनक रूप से नही दिया जा रहा है.

जानकारी देती आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन की प्रदेश महामंत्री आशा बौद्ध
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Published : Feb 6, 2019, 7:58 PM IST

अमेठी: आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन द्वारा अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां काली पट्टी बांधे हुई नजर आईं. उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सात सूत्रीय मांग पत्रों पर ठोस निर्णय न आने पर संगठन के द्वारा 'काम बंद, कलम बंद' हड़ताल करते हुए लखनऊ में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा.

जानकारी देती आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन की प्रदेश महामंत्री आशा बौद्ध
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दरअसल, आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन ने मांग की है कि, प्रदेश सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मचारियों की राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. इसके अलावा उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 18000 और सहायिकाओं को 9000 वेतनमान दिए जाने की मांग के साथ रुके हुए मानदेय का भुगतान कने की भी मांग की. धरने के दौरान दर्ज मुकदमे को वापस लिए जाने की भी सरकार से मांग की गई है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि किसी भी योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों से काम लिया जाता है लेकिन उन्हें मानदेय व वेतन सम्मानजनक रूप से नही दिया जा रहा है और न ही सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल पा रहा है.

आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन की प्रदेश महामंत्री आशा बौद्ध ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि, मेरा धरना प्रदर्शन हम लोगों के मानदेय को लेकर चले आ रहे हैं मगर भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आंगनबाड़ी बहनों की समस्या को देख नहीं पा रहे हैं. इसलिए हमें विवश होकर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बार-बार केवल झूठी बातें, झूठे वादे और केवल झूठी बैठक ही करते रहते हैं मगर अब की बार हमें झूठे वादे नहीं चाहिए.

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आशा बौद्ध ने कहा कि, मुख्यमंत्री को शर्म करना चाहिए. वह कहते हैं कि भाजपा की सरकार में आंगनबाड़ी बहनों का सम्मान करेंगे मगर किसी भी कोने में सम्मान नहीं दिख रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहती हूं कि अगर महिला का सम्मान होता तो यह भी आपके उत्तर प्रदेश के आंगनवाड़ी की महिलाएं ही है मगर अबकी बार मैं देखना चाहती हूं कि अगर मानदेय के बढ़ोतरी नहीं करते हैं तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिस तरह से कुर्सी पर बैठाया गया है उसी तरह कुर्सी छीनने का काम भी आंगनवाड़ी बहने ही करेंगी।

अमेठी: आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन द्वारा अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां काली पट्टी बांधे हुई नजर आईं. उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सात सूत्रीय मांग पत्रों पर ठोस निर्णय न आने पर संगठन के द्वारा 'काम बंद, कलम बंद' हड़ताल करते हुए लखनऊ में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा.

जानकारी देती आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन की प्रदेश महामंत्री आशा बौद्ध
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दरअसल, आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन ने मांग की है कि, प्रदेश सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मचारियों की राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. इसके अलावा उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 18000 और सहायिकाओं को 9000 वेतनमान दिए जाने की मांग के साथ रुके हुए मानदेय का भुगतान कने की भी मांग की. धरने के दौरान दर्ज मुकदमे को वापस लिए जाने की भी सरकार से मांग की गई है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि किसी भी योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों से काम लिया जाता है लेकिन उन्हें मानदेय व वेतन सम्मानजनक रूप से नही दिया जा रहा है और न ही सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल पा रहा है.

आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन की प्रदेश महामंत्री आशा बौद्ध ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि, मेरा धरना प्रदर्शन हम लोगों के मानदेय को लेकर चले आ रहे हैं मगर भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आंगनबाड़ी बहनों की समस्या को देख नहीं पा रहे हैं. इसलिए हमें विवश होकर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बार-बार केवल झूठी बातें, झूठे वादे और केवल झूठी बैठक ही करते रहते हैं मगर अब की बार हमें झूठे वादे नहीं चाहिए.

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आशा बौद्ध ने कहा कि, मुख्यमंत्री को शर्म करना चाहिए. वह कहते हैं कि भाजपा की सरकार में आंगनबाड़ी बहनों का सम्मान करेंगे मगर किसी भी कोने में सम्मान नहीं दिख रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहती हूं कि अगर महिला का सम्मान होता तो यह भी आपके उत्तर प्रदेश के आंगनवाड़ी की महिलाएं ही है मगर अबकी बार मैं देखना चाहती हूं कि अगर मानदेय के बढ़ोतरी नहीं करते हैं तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिस तरह से कुर्सी पर बैठाया गया है उसी तरह कुर्सी छीनने का काम भी आंगनवाड़ी बहने ही करेंगी।

Intro:अमेठी। आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन द्वारा अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में काली पट्टी बांधकर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दिया है। कार्यक्रम में सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सात सूत्री मांग पत्रों पर ठोस निर्णय ना आने पर संगठन के द्वारा काम बंद कलम बंद हड़ताल करते हुए लखनऊ में प्रदर्शन अनिश्चितकालीन किया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मचारियों की राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और राज्य कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग की साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 18000 और सहायिकाओं को 9000 वेतनमान दिए जाने की मांग के साथ रुके हुए मानदेय का भुगतान। धरने के दौरान दर्ज मुकदमे को वापस लिए जाने की मांग के साथ आंगनवाड़ी सेवा नियमावली के अनुसार 1000 की जनसंख्या पूर्ण होने पर मिनी आंगनवाड़ी केंद्र की स्थापना की मांग को पूरा करती है। तो 2019 में केंद्र सरकार को बदलने की बात कही है आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि किसी भी योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायकों से काम लिया जाता है लेकिन उन्हें मानदेय व वेतन सम्मानजनक रूप से नही दिया जा रहा है और न ही सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ दिया जा रहा है।


Body:वी/ओ- मेरा धरना प्रदर्शन हमलोगों के मानदेय को लेकर चले आ रहे हैं। मगर भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आंगनवाड़ी भवनों के समस्या को देख नहीं पा रहे हैं। जो कि हमें विवश होकर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। बार-बार केवल झूठी बातें,झूठे वादे और केवल झूठे ही बैठक करते रहते हैं। मगर अब की बार हमें झूठे वादे नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री को शर्म करना चाहिए कि आंगनबाड़ी बहनों को कहते हैं कि भाजपा की सरकार में आंगनबाड़ी बहनों का सम्मान करेंगे मगर किसी भी कोने में सम्मान नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहती हूं कि अगर महिला का सम्मान होता तो यह भी आपके उत्तर प्रदेश के आंगनवाड़ी की महिलाएं ही है मगर अबकी बार मैं देखना चाहती हूं कि अगर मानदेय के बढ़ोतरी नहीं करते हैं तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिस तरह से कुर्सी पर बैठाया गया है उसी तरह कुर्सी छीनने का काम भी आंगनवाड़ी बहने ही करेंगी।

बाइट- आशा बौद्ध (आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन उत्तर प्रदेश,प्रदेश महामंत्री)


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