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संजय गांधी अस्पताल पर हुई कार्रवाई अनुचित, सरकार से परिजनों के भरण पोषण की मांग : बीजेपी नेता संजय सिंह

बीजेपी नेता संजय सिंह ने संजय गांधी अस्पताल पर हुई कार्रवाई (Sanjay Gandhi Hospital action) को अनुचित बताया. उन्होंने सरकार से पीड़ित परिजनों के भरण-पोषण की मांग की.

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बीजेपी नेता संजय सिंह
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 1, 2023, 7:29 PM IST

मीडिया से बात करते बीजेपी नेता संजय सिंह

अमेठी: बीजेपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता डॉ. संजय सिंह ने संजय गांधी अस्पताल को लेकर बड़ा बयान दिया है. डॉ. सिंह ने रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि महिला की मौत में दोषियों पर हो रही कार्रवाई को लेकर अस्पताल बंद करना ठीक नहीं है. वहीं, डॉ. संजय सिंह ने कहा कि सरकार को महिला के परिजन को आर्थिक सहयोग करना चाहिए.

बीजेपी नेता डॉ. संजय सिंह ने कहा कि सरकार को महिला के परिवार के प्रति सहानुभूति करना चाहिए. संजय गांधी अस्पताल में अगल-बगल के जिलों सहित बीमार मरीज अपना इलाज कराने आते हैं. अस्पताल का बंद होना अमेठी के लिए क्षतिपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अस्पताल को बंद किए जाने से पूरे इलाके को दुख है. इसे नकारा नहीं जा सकता है. सबको इस बात से कष्ट है. उन्होंने कहा कि महिला की मौत की जांच होनी चाहिए. उसके उपचार में गड़बड़ी थी. यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि इसकी जांच कर उचित कार्रवाई करना चाहिए.

इसे भी पढ़े-सपा विधायक राकेश प्रताप बोले, संजय गांधी अस्पताल को सरकार ने बदले की भावना में किया सील

डॉ. संजय सिंह ने पीड़ित परिवार के बारे में कहा कि उसके परिवार के भरण-पोषण के लिए सरकार को व्यवस्था करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि अस्पताल 82 में बना और 1996 से लोगों का इलाज अस्पताल में हो रहा है. बनारस, लखनऊ, इलाहाबाद के अलावा तमाम सारे जिलों से लोग इलाज के लिए यहां आते हैं. अस्पताल में तमाम सारी इमरजेंसी, ब्लड बैंक और अन्य सुविधाएं हैं. सरकार को अस्पतालों में तमाम सुविधाएं बढ़ाना चाहिए. संजय गांधी अस्पताल मुंशीगंज अस्पताल पर हुई कार्रवाई को लेकर इसके पूर्व भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को पत्र लिखकर अस्पताल की सेवाएं बहाल करने की मांग की थी. उन्होंने अस्पताल को बंद कराए जाने के निर्णय को अनुचित बताया था.

अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने के विरोध में अस्पताल के कर्मचारियों और चिकित्सकों का प्रदर्शन रविवार को छठे दिन भी जारी रहा. अमेठी जिले के राम शाहपुर गांव की रहने वाली दिव्या शुक्ला को 14 सितंबर को ऑपरेशन के लिए अस्पताल लाया गया था. उसके पति अनुज शुक्ला का आरोप है कि संजय गांधी अस्पताल के चिकित्सक ने घोर लापरवाही बरतते हुए एनेस्थीसिया का ओवरडोज दे दिया. इसके कारण उसकी हालत बिगड़ गई और लखनऊ के मेदांता अस्पताल में रेफर किए जाने के बाद वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इससे पहले 16 सितंबर देर शाम परिजनों ने दिव्या के शव को अस्पताल के मुख्य द्वार पर रखकर देर रात तक प्रदर्शन किया था. पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर संजय गांधी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अवधेश शर्मा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सिद्दीकी, जनरल सर्जन मोहम्मद रजा और फिजिशियन डॉ. शुभम द्विवेदी के खिलाफ मुंशीगंज थाने में गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

यह भी पढ़े-संजय गांधी अस्पताल को लेकर चल रहा सत्याग्रह आंदोलन स्थगित, किशोरी लाल शर्मा बोले- हम पीड़ित परिवार के साथ हैं

मीडिया से बात करते बीजेपी नेता संजय सिंह

अमेठी: बीजेपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता डॉ. संजय सिंह ने संजय गांधी अस्पताल को लेकर बड़ा बयान दिया है. डॉ. सिंह ने रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि महिला की मौत में दोषियों पर हो रही कार्रवाई को लेकर अस्पताल बंद करना ठीक नहीं है. वहीं, डॉ. संजय सिंह ने कहा कि सरकार को महिला के परिजन को आर्थिक सहयोग करना चाहिए.

बीजेपी नेता डॉ. संजय सिंह ने कहा कि सरकार को महिला के परिवार के प्रति सहानुभूति करना चाहिए. संजय गांधी अस्पताल में अगल-बगल के जिलों सहित बीमार मरीज अपना इलाज कराने आते हैं. अस्पताल का बंद होना अमेठी के लिए क्षतिपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अस्पताल को बंद किए जाने से पूरे इलाके को दुख है. इसे नकारा नहीं जा सकता है. सबको इस बात से कष्ट है. उन्होंने कहा कि महिला की मौत की जांच होनी चाहिए. उसके उपचार में गड़बड़ी थी. यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि इसकी जांच कर उचित कार्रवाई करना चाहिए.

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डॉ. संजय सिंह ने पीड़ित परिवार के बारे में कहा कि उसके परिवार के भरण-पोषण के लिए सरकार को व्यवस्था करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि अस्पताल 82 में बना और 1996 से लोगों का इलाज अस्पताल में हो रहा है. बनारस, लखनऊ, इलाहाबाद के अलावा तमाम सारे जिलों से लोग इलाज के लिए यहां आते हैं. अस्पताल में तमाम सारी इमरजेंसी, ब्लड बैंक और अन्य सुविधाएं हैं. सरकार को अस्पतालों में तमाम सुविधाएं बढ़ाना चाहिए. संजय गांधी अस्पताल मुंशीगंज अस्पताल पर हुई कार्रवाई को लेकर इसके पूर्व भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को पत्र लिखकर अस्पताल की सेवाएं बहाल करने की मांग की थी. उन्होंने अस्पताल को बंद कराए जाने के निर्णय को अनुचित बताया था.

अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने के विरोध में अस्पताल के कर्मचारियों और चिकित्सकों का प्रदर्शन रविवार को छठे दिन भी जारी रहा. अमेठी जिले के राम शाहपुर गांव की रहने वाली दिव्या शुक्ला को 14 सितंबर को ऑपरेशन के लिए अस्पताल लाया गया था. उसके पति अनुज शुक्ला का आरोप है कि संजय गांधी अस्पताल के चिकित्सक ने घोर लापरवाही बरतते हुए एनेस्थीसिया का ओवरडोज दे दिया. इसके कारण उसकी हालत बिगड़ गई और लखनऊ के मेदांता अस्पताल में रेफर किए जाने के बाद वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इससे पहले 16 सितंबर देर शाम परिजनों ने दिव्या के शव को अस्पताल के मुख्य द्वार पर रखकर देर रात तक प्रदर्शन किया था. पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर संजय गांधी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अवधेश शर्मा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सिद्दीकी, जनरल सर्जन मोहम्मद रजा और फिजिशियन डॉ. शुभम द्विवेदी के खिलाफ मुंशीगंज थाने में गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

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