अमेठी: गौरीगंज के चौक बाजार में 6 कोरोना पॉजिटिव के नाम पता फर्जी होने के बाद प्रशासन अपनी नाकामियां छिपाने में लगा है. प्रशासन ने उन सभी 6 व्यक्तियों को ढूंढ़ने के लिए कैम्प लगाकर कोविड-19 की एंटीजेन किट से जांच कराना शुरू कराया है, जिसमें 9 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए है. इनमें एक पुलिसकर्मी और एक कैदी सहित सात व्यक्ति चौक बाजार के हैं, जिसमें चार पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं. वहीं दूसरे दिन की जांच में सात संदिग्धों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसमें 6 व्यक्ति चौक बाजार और एक व्यक्ति गौरीगंज वन विभाग का है.
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग डोर-टू डोर मोबाइल मेडिकल वैन के जरिए लोगों का सैंपल लेकर कोरोना जांच करा रहा है. ऐसे में तीन दिन पहले लिए गए सैंपल में से 6 लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आ गई. हालांकि संक्रमित पाए गए लोगों ने सैंपल देते समय अपना निजी ब्योरा गलत बताया. उन्होंने अपना नाम पता गौरीगंज बाजार क्षेत्र अंकित कराया था. लिहाजा प्रशासन ने रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद गौरीगंज बाजार को कन्टेनमेन्ट जोन घोषित कर पूरी तरह से एक माह के लिए सील कर दिया है. बाजार सील होने से स्थानीय व्यापारियों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि लंबे लॉकडाउन की वजह से पहले ही व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ है. ऐसे में फिर से बाजार बंद होने से उनके सामने आर्थिक संकट गहरा सकता है.
मुख्य चिकित्साधिकारी अमेठी राजेश मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि तीन दिन पहले गौरीगंज चौक बाजार में आशा एएनएम के माध्यम से सभी की जांच करवाई गई, जिसमें 6 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. संबंधित व्यक्तियों के नाम और मोबाइल नंबर भिन्न थे. उसके लिए शनिवार को 242 लोगों के टेस्ट किए हैं, जिसमें 8 लोग पॉजिटिव आए हैं. दूसरे दिन रविवार को भी सैंपलिंग की गई है. पाॉजिटिव आए लोगों में से 6 लोग गायब थे, जिनमें पांच पुरुष और एक महिला शामिल हैं. सीएमओ के अनुसार, नाम पता गलत दर्ज कराने वाले लोग एक ही परिवार के हो सकते हैं. सीएमओ ने बताया कि गायब संक्रमित मिल चुके हैं.
जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि 7, 8 और 9 अगस्त को भेजे गए सैंपल में से 797 व्यक्तियों की रिपोर्ट आई है, जिसमें से 28 व्यक्तियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है. वहीं 12 व्यक्तियों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया है. अमेठी में वर्तमान में कुल कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 644 पहुंच चुकी है. इनमें से 447 संक्रमित इलाज के बाद स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. वर्तमान में 197 एक्टिव केस हैं, जबकि दो व्यक्तियों की मौत हुई है.