ETV Bharat / state

अंबेडकरनगर: लॉकडाउन में बेरोजगार मजदूरों का सहारा बनी मनरेगा, मिला रोजगार - workers get work in the village

उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में लाॅकडाउन के कारण बेरोजगार हुए मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. ऐसे में मजदूरों के सामने लाॅकडाउन के कारण पैदा हुआ रोजी-रोटी का संकट खत्म हो गया है.

तालाब में खुदाई का काम करते मजदूर
तालाब में खुदाई का काम करते मजदूर
author img

By

Published : Apr 29, 2020, 1:28 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकरनगर: कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने और बचाव के लिए देश में 3 मई तक लाॅकडाउन घोषित किया गया है. इस कारण सभी कामकाज ठप हैं और दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. ऐसे में जिले में मनरेगा के तहत बेरोजगार मजदूरों को रोजागर उपलब्ध कराया जा रहा है.

मजदूरों से बातचीत करते संवाददाता.

अब नहीं रोजी-रोटी का संकट: मजदूर
जिले के ब्लाॅक टांडा के रामपुर कला गांव में मनरेगा के तहत 100 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं. इन मजदूरों का कहना है कि लाॅकडाउन के बाद काम बंद होने की वजह से रोजी-रोटी का संकट आ गया था, जो अब काम मिलने से खत्म हो गया है. मजदूर अम्बिका रावत ने बताया कि काम मिलने से हम जैसे सैकड़ों मजदूरों के सामने रोजागार की समस्या अब नहीं रही. उन्होंने कहा कि सरकार यह काम लगातार चलाती रहे, जिससे कि लाॅकडाउन में मजदूरों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े.

वर्ष 2005 में शुरू हुई थी 'मनरेगा योजना'
वर्ष 2005 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को लागू किया था. इसके तहत मजदूरों को 100 दिन का रोजगार देने की व्यवस्था की गई. मनरेगा के तहत मजदूरों को उनके ग्राम पंचायत में ही ग्राम प्रधान की ओर से रोजगार उपलब्ध कराया जाता है.

अंबेडकरनगर: कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने और बचाव के लिए देश में 3 मई तक लाॅकडाउन घोषित किया गया है. इस कारण सभी कामकाज ठप हैं और दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. ऐसे में जिले में मनरेगा के तहत बेरोजगार मजदूरों को रोजागर उपलब्ध कराया जा रहा है.

मजदूरों से बातचीत करते संवाददाता.

अब नहीं रोजी-रोटी का संकट: मजदूर
जिले के ब्लाॅक टांडा के रामपुर कला गांव में मनरेगा के तहत 100 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं. इन मजदूरों का कहना है कि लाॅकडाउन के बाद काम बंद होने की वजह से रोजी-रोटी का संकट आ गया था, जो अब काम मिलने से खत्म हो गया है. मजदूर अम्बिका रावत ने बताया कि काम मिलने से हम जैसे सैकड़ों मजदूरों के सामने रोजागार की समस्या अब नहीं रही. उन्होंने कहा कि सरकार यह काम लगातार चलाती रहे, जिससे कि लाॅकडाउन में मजदूरों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े.

वर्ष 2005 में शुरू हुई थी 'मनरेगा योजना'
वर्ष 2005 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को लागू किया था. इसके तहत मजदूरों को 100 दिन का रोजगार देने की व्यवस्था की गई. मनरेगा के तहत मजदूरों को उनके ग्राम पंचायत में ही ग्राम प्रधान की ओर से रोजगार उपलब्ध कराया जाता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.