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अंबेडकर नगर: कोर्ट के फैसले से सदमे में आए याचिकाकर्ता शिक्षा मित्र की मौत

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Published : Jun 13, 2020, 10:49 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

शिक्षा मित्रों को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अंबेडकर नगर के याचिकाकर्ता की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ता रमाकांत फैसले के बाद काफी तनाव में थे. इसी रविवार को मृतक रमाकांत की बेटी की शादी थी.

मृतक रमाकांत (फाइल फोटो).
मृतक रमाकांत (फाइल फोटो).

अंबेडकर नगर: शिक्षा मित्रों को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मुकदमे के एक याचिकाकर्ता की अचानक मौत हो गई. बताया जा रहा है याचिकाकर्ता रमाकांत फैसले के बाद काफी तनाव में थे. रविवार को रमाकांत की बेटी की शादी है, लेकिन रमाकांत की जिंदगी की डोर बेटी की डोली उठने से पहले ही टूट गई.

सदमे में आए शिक्षा मित्र की मौत.
अकबरपुर क्षेत्र के ग्राम कसेरुआ निवासी रमाकांत की वर्ष 2003 में शिक्षा मित्र के पद पर नियुक्ति हुई थी. पूर्ववर्ती सपा सरकार ने शिक्षा मित्रों को स्थायी अध्यापक बनाने का निर्णय लिया. ऐसे में शिक्षा मित्रों की तरह रमाकांत ने भी जिंदगी के हसीन सपने संजोने लगे, लेकिन प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही शिक्षा मित्रों को लेकर बवाल शुरू हुआ. कभी सरकार ने पेंच फसाया तो कभी कोर्ट में मामला अटक गया.
ambedkar nagar news
याचिकाकर्ता की मौत.

एक बार फिर जब टेट (TET) की मेरिट में कमी का मामला सामने आया तो उम्मीद जगी, लेकिन बाद में फिर टेट की मेरिट बढ़ा दी गई, जिसको लेकर रमाकांत अपने अन्य साथियों के साथ लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन कोर्ट ने बढ़ी हुई मेरिट लिस्ट को ही सही माना.

बताया जा रहा है कि तब से ही रमाकांत सदमे में थे, जिसके चलते शनिवार को उनकी मौत हो गई. रमाकांत की बेटी की शादी भी रविवार को है. परिजनों का कहना है कि सरकार ने मेरिट 40-45 से बढ़ाकर 60-65 कर दिया, जिसको लेकर रमाकांत कोर्ट गए थे, लेकिन वहां भी कुछ नहीं हुआ. इसको लेकर रमाकांत काफी तनाव में थे.

अंबेडकर नगर: शिक्षा मित्रों को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मुकदमे के एक याचिकाकर्ता की अचानक मौत हो गई. बताया जा रहा है याचिकाकर्ता रमाकांत फैसले के बाद काफी तनाव में थे. रविवार को रमाकांत की बेटी की शादी है, लेकिन रमाकांत की जिंदगी की डोर बेटी की डोली उठने से पहले ही टूट गई.

सदमे में आए शिक्षा मित्र की मौत.
अकबरपुर क्षेत्र के ग्राम कसेरुआ निवासी रमाकांत की वर्ष 2003 में शिक्षा मित्र के पद पर नियुक्ति हुई थी. पूर्ववर्ती सपा सरकार ने शिक्षा मित्रों को स्थायी अध्यापक बनाने का निर्णय लिया. ऐसे में शिक्षा मित्रों की तरह रमाकांत ने भी जिंदगी के हसीन सपने संजोने लगे, लेकिन प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही शिक्षा मित्रों को लेकर बवाल शुरू हुआ. कभी सरकार ने पेंच फसाया तो कभी कोर्ट में मामला अटक गया.
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याचिकाकर्ता की मौत.

एक बार फिर जब टेट (TET) की मेरिट में कमी का मामला सामने आया तो उम्मीद जगी, लेकिन बाद में फिर टेट की मेरिट बढ़ा दी गई, जिसको लेकर रमाकांत अपने अन्य साथियों के साथ लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन कोर्ट ने बढ़ी हुई मेरिट लिस्ट को ही सही माना.

बताया जा रहा है कि तब से ही रमाकांत सदमे में थे, जिसके चलते शनिवार को उनकी मौत हो गई. रमाकांत की बेटी की शादी भी रविवार को है. परिजनों का कहना है कि सरकार ने मेरिट 40-45 से बढ़ाकर 60-65 कर दिया, जिसको लेकर रमाकांत कोर्ट गए थे, लेकिन वहां भी कुछ नहीं हुआ. इसको लेकर रमाकांत काफी तनाव में थे.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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