अंबेडकरनगर : सरकारी क्रय केंद्रों (government purchase centers) पर किसानों से हो रही धान खरीद में खेल सामने आने के बाद डिप्टी आरएमओ ने जांच के आदेश दे दिए हैं. फर्जीवाड़ा करने वाली दोनों समितियों की जांच के लिए दो अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. जांच टीम केंद्र प्रभारियों द्वारा दिखाई गई खरीद और मौके पर मौजूद धान की मात्रा का सत्यापन करेगी और यह पता लगायेगी की कागजों पर जितना धान खरीदा गया है उतना धान सेंटरों पर है या नहीं. जांच टीम यह भी पता करेगी कि मिलों पर धान भेजा गया है या नहीं.
यह है पूरा मामला : मामला टांडा क्षेत्र के साधन सहकारी समिति जियापुर और साधन सहकारी समिति मकदूम नगर का है. अक्सर यहां किसानों से शिकायत मिल रही थी कि धान खरीद नहीं हो रही है. जिले में चल रही धान खरीद की वास्तविकता परखने के लिए जब कुछ क्रय केंद्रों का दौरा किया गया तो जियापुर और मकदूम नगर में हैरान करने वाला भ्रष्टाचार का मामला सामने आया. इन दो सेंटरों पर खुलेआम योगी सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं. बीते सोमवार को जियापुर क्रय केंद्र का निरीक्षण किया गया था. किसानों ने बताया कि अभी खरीद शुरू नहीं हुई है.
केंद्र प्रभारी का कहना है कि दस किसानों से आठ सौ कुंतल की खरीद हुई है, लेकिन विभाग के पोर्टल पर 18 नवम्बर तक ही 17 किसानों से 12 सौ कुंतल से अधिक की खरीद दिखा दी गयी है. इस क्रय केंद्र पर धान की एक बोरी भी नहीं मिली और केंद्र प्रभारी ये भी नहीं बता सके कि धान रखा कहां गया है या फिर किस राइस मिल पर भेजा गया है. इसके बाद जब साधन सहकारी मकदूम नगर का दौरा किया गया तो वहां भी मौजूद किसानों ने बताया कि इस सेंटर पर अभी खरीद शुरू नहीं हुई है. केंद्र प्रभारी का कहना था कि खरीद हो रही है, लेकिन जब पूछा गया कि धान रखा कहां है तो वो बोले चाभी खो गयी है.
डिप्टी आरएमओ राजेश कुमार (Deputy RMO Rajesh Kumar) ने बताया कि साधन सहकारी समिति जियापुर की जांच जिला प्रबंधक राधेश्याम निगम और क्षेत्रीय विपणन अधिकारी राजेश सिंह करेंगे. मकदूम नगर समिति की जांच जिला प्रबन्धक पीसीएफ सुशील कुमार और क्षेत्रीय विपणन अधिकारी राजेश सिंह करेंगे.