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अंबेडकरनगर: जान जोखिम में डालकर कर सरयू नदी पार कर रहे किसान

उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में बारिश के कारण सरयू नदी में जलस्तर बढ़ गया है. इस कारण किसानों की चिंता भी बढ़ गई है. किसान जान जोखिम में डालकर नदी को पार कर रहे हैं. वहीं टांडा में भी सरयू का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

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पुल पर सीढ़ी लगाकर खेतों में जा रहे किसान.
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Published : Jul 18, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकरनगर: बारिश के कारण सरयू नदी का जल स्तर बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने के कारण किसान अपने खेतों में नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में कुछ किसान जान जोखिम में डालकर पुल पर सीढ़ियां लगाकर खेतों में जा रहे हैं.

पुल पर सीढ़ी लगाकर खेतों में जा रहे किसान.

अयोध्या से होकर टांडा पहुंची सरयू नदी सम्हरिया गांव के करीब से दो बड़ी धाराओं में बट गई जाती है. मई जून के माह में छोटी धाराओं में पानी सूख जाता है लेकिन इस समय नदी में बारिश के कारण जलस्तर बढ़ गया है. जब नदी में पानी नहीं होता था, तो बड़े पैमाने पर सफेद बालू का कारोबार होता है. वहीं तटवर्ती इलाकों में रहने वाले किसान तरबूज, खीरे और ककड़ी आदि की खेती भी करते थे. नदी की दो धाराओं के बीच किसान मक्का, बाजरे आदि की खेती करते हैं.

मौजूदा समय में जलस्तर बढ़ने के कारण किसान अपने खेतों में नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में कुछ किसान जान जोखिम में डालकर नदी पर बने पुल पर सीढ़िया लगा कर खेतों में जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि खेती से जीवन यापन होता है. इस कारण हम रोजाना सीढ़ियां लगा कर 30 से 35 फिट नीचे उतरते हैं और काम करके वापस आते हैं.

सरयू नदी का पानी टांडा में भी बढ़ता नजर आ रहा है. नदी का जलस्तर बढ़ने से खाली पडे़ नदी के किनारों पर इस समय काफी पानी दिख रहा है. वहीं जल स्तर बढ़ने के कारण महादेवा घाट पर अंतिम संस्कार इस समय शेडों में ही करना पड़ रहा है. सरयू नदी के बढ़ने से नगर के हनुमानगढ़ी के निकट बनी पक्की सीढ़ियां डूब गई हैं. वहीं थिरुवा पुल का पानी नेहरू नगर तक पहुंच गया है.

अंबेडकरनगर: बारिश के कारण सरयू नदी का जल स्तर बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने के कारण किसान अपने खेतों में नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में कुछ किसान जान जोखिम में डालकर पुल पर सीढ़ियां लगाकर खेतों में जा रहे हैं.

पुल पर सीढ़ी लगाकर खेतों में जा रहे किसान.

अयोध्या से होकर टांडा पहुंची सरयू नदी सम्हरिया गांव के करीब से दो बड़ी धाराओं में बट गई जाती है. मई जून के माह में छोटी धाराओं में पानी सूख जाता है लेकिन इस समय नदी में बारिश के कारण जलस्तर बढ़ गया है. जब नदी में पानी नहीं होता था, तो बड़े पैमाने पर सफेद बालू का कारोबार होता है. वहीं तटवर्ती इलाकों में रहने वाले किसान तरबूज, खीरे और ककड़ी आदि की खेती भी करते थे. नदी की दो धाराओं के बीच किसान मक्का, बाजरे आदि की खेती करते हैं.

मौजूदा समय में जलस्तर बढ़ने के कारण किसान अपने खेतों में नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में कुछ किसान जान जोखिम में डालकर नदी पर बने पुल पर सीढ़िया लगा कर खेतों में जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि खेती से जीवन यापन होता है. इस कारण हम रोजाना सीढ़ियां लगा कर 30 से 35 फिट नीचे उतरते हैं और काम करके वापस आते हैं.

सरयू नदी का पानी टांडा में भी बढ़ता नजर आ रहा है. नदी का जलस्तर बढ़ने से खाली पडे़ नदी के किनारों पर इस समय काफी पानी दिख रहा है. वहीं जल स्तर बढ़ने के कारण महादेवा घाट पर अंतिम संस्कार इस समय शेडों में ही करना पड़ रहा है. सरयू नदी के बढ़ने से नगर के हनुमानगढ़ी के निकट बनी पक्की सीढ़ियां डूब गई हैं. वहीं थिरुवा पुल का पानी नेहरू नगर तक पहुंच गया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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