अंबेडकरनगर: जिले के पूर्वांचल में स्थित आलापुर तहसील क्षेत्र के देवारांचल में गांवों की दहलीज पर बाढ़ की मुसीबत ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. एक तरफ जहां देवारांचल के ग्रामीणों को आवागमन के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ फसलें जलमग्न हो गई हैं. लोग जिंदगी को दांव पर लगाकर पानी में घुसकर नदी की धारा को पार करने को विवश हैं. बच्चे नाव के सहारे नदी की धारा पार करते हैं. परेशान ग्रामीणों ने प्रशासन से नाव की व्यवस्था करने की मांग की है.
आलापुर तहसील क्षेत्र के बाढ़ से प्रभावित रहने वाले देवारांचल के आराजी देवारा और मांझा कम्हरिया में भारी बारिश के चलते बरसाती नालों और घाघरा नदी के बढ़ते जलस्तर से नदी की एक और धारा बहने लगी है, जिसके कारण बाढ़ से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त होना शुरू हो गया है. आराजी देवारा और मांझा कम्हरिया के कल्लू का पुरवा, पटपरवा, नौवका पूरा, बद्री का पूरा, सतनारायण का पूरा, दलित बस्ती, प्रसाद कुर्मी का पूरा, करिया लोना का पूरा, रघु का पुरवा हंसू का पूरा, जयराम निषाद का पुरवा में धीरे-धीरे पानी गावों के रास्तों को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है.
सिद्धनाथ की कुटी के पास पानी अधिक होने के कारण लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. बंधे से सटे क्षेत्र और पुरवों के रास्तों में पानी भरे होने से ग्रामीण पानी में से होकर आवागमन कर रहे हैं. बाढ़ के कारण अब लोगों को अपने पशुओं के चारे की भी समस्या खड़ी हो गई है. ग्रामीण मछली रखने वाले थर्माकोल के डिब्बे के सहारे आवागमन कर रहे हैं. बंधे से सटे खेतों में पानी भरे होने के कारण फसलें डूब गई हैं. आराजी देवारा और मांझा कम्हरिया, इंदौरपुर घिन्हापुर गावों की फसल पानी में डूब रही है.
ग्रामीण रणविजय वर्मा, अर्जुन का कहना है कि यहां बाढ़ हर साल आती है और हम सब पानी में घुसकर या जुगाड़ से नाव बनाकर इस पार से उस पार खेती बाड़ी करने जाते हैं. हम सब की मांग है कि प्रशासन हमें जल्द नाव उपलब्ध कराए.
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