अम्बेडकरनगर: चुनावी मौसम में जोर शोर से राजनीतिक दल खुद को किसानों का हितैषी साबित करने का प्रयास कर रहे है. सरकार भी खुद को किसानों की सरकार साबित करने में लगी है. लेकिन हकीकत में जिले के गन्ना किसानों के हालात कुछ ओर ही है. खेतों में खड़ी गन्ने की फसल सूख रही है और किसान गन्ना पर्ची के लिए भटक रहे हैं.
जिले के किसानों का गन्ना मिझौडा गन्ना मिल को जाता है, लेकिन गन्ना मिल और गन्ना समिति में बिचौलियों के हाबी होने से किसानों को पर्ची नसीब नहीं हो रही है. बिचौलिए माला माल हो रहे हैं. गन्ना किसान अपना गन्ना बेचने के लिए भटक रहे हैं. पर्ची न मिलने के कारण गन्ने की फसल खेतों में सूख रही है. गन्ना न बिकने के कारण किसानों को दोहरा नुकसान हो रहा है. एक तरफ गन्ना सूख कर खराब हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ गन्ना न बिकने के कारण उस खेत में दूसरे फसल की खेती नहीं हो पा रही है.
गन्ना किसानों को लेकर राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा भी इनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया ज रहा है. हालांकि किसान यूनियन ने जरूर इस मुद्दे को उठाया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष वी के वर्मा ने कहा कि गन्ना बेचने में बहुत समस्या हो रही है सही तरीके से तौल नहीं हो रही है. समय से पर्ची न मिलने के कारण गन्ना की फसल को नुकसान हो रहा है.