अम्बेडकरनगर: शासन के लाख दावों के बावजूद धान क्रय केंद्रों पर किसानों की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं. धान बेचने के लिए सैकड़ों किसान अकबरपुर मंडी समिति में गत दस पन्द्रह दिनों से लाइन लगाए कड़ाके की ठंड में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. यहां के जो हालात हैं वो सरकारी दावों की पोल खोल रहे हैं. किसानों का आरोप है कि यहां पर पीसीएफ के जो क्रय केंद्र बनाए गए हैं, वहां किसानों से ही बोरी की मांग होती है. क्रय केंद्र पर एक दो ट्राली धान की तौल होती है, जबकि कागजों में 8 से 10 ट्राली की तौल दिखाई जाती है. किसानों का कहना है कि बिचौलियों को लाभ पहुचाने की मंशा से यहां किसानों को परेशान किया जा रहा है.
धान क्रय केंद्रों पर किसानों को असुविधा
किसानों को अपना धान बेचने में कोई असुविधा न हो इसलिए प्रशासन मंडी समिति में विभिन्न विभागों के 12 से अधिक क्रय केंद्र खोले हैं. मंडी समिति में धान बेचने के लिए सैकड़ों किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर दो-दो सप्ताह से यहां जमे हैं. वैसे तो प्रशासन खरीद में तेजी लाने और कांटो की संख्या बढ़ाने का दावा करता है, लेकिन मंडी परिसर की जो तस्वीर है वो प्रशासन के दावों की हवा निकाल रही है. सोमवार को ईटीवी भारत की टीम ने मंडी परिसर का जायजा लिया तो पता चला कि शासन के दावे महज कागजों तक ही सीमित हैं.
किसानों ने खरीद में धांधली का लगाया आरोप
मंडी समिति में अपना धान बेचने आये किसानों ने आरोप लगाया कि यहां पर पीसीएफ के जो सेंटर बनाये गए हैं. उस पर किसानों से ही बोरी की मांग की जा रही है. किसानों का यह भी आरोप है कि यहां खरीद में धांधली की जा रही है. गत 25 तारीख को यहां एक ट्राली धान की तौल हुई थी, जबकि केंद्र प्रभारी ने कागज में 10 ट्राली धान खरीद लिया है. किसानों का कहना है कि बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों को परेशान किया जा रहा है, और डीएस द्वारा किसानों को धमकाया जाता है.