आंबेडकरनगर: अपने कार्यों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी की जिंदगी बेहद साधारण रहती है. प्रभाकर चौधरी बरेली के एसएसपी पद से हटाए जाने के बाद जितनी सुर्खियों में रहे, उतनी सुर्खियों में उस समय नहीं आए थे जब पीएम मोदी ने उनके कार्यों की तारीफ की थी. पीएम मोदी ने जिस अफसर की तारीफ की थी, उसके अचानक ट्रांसफर होते ही सोशल मीडिया पर उनके कार्यों की चर्चा होने लगी. इस बीच आईपीएस प्रभाकर चौधरी के पिता ने प्रभाकर चौधरी को लेकर खुलकर बातचीत की. बताया कि आखिर उनका ट्रांसफर हुआ क्यों?
आंबेडकरनगर जिले के थाना हंसवर के ग्राम महमूदपुर निवासी प्रभाकर चौधरी के पिता का नाम पारसनाथ चौधरी है. प्रभाकर की प्राथमिक शिक्षा शिशु मंदिर विद्यालय बसखारी से हुई. इसके बाद इंटर तक की शिक्षा इंदईपुर इंटर कॉलेज से हुई. प्रभाकर ने उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की और 2010 में अपने पहले ही प्रयास में आईपीएस बन गए. प्रभाकर चौधरी के पिता पारसनाथ चौधरी सेवानिवृत्त अध्यापक हैं और 40 साल से संघ और भाजपा से जुड़े हैं. प्रभाकर चौधरी के पास गांव में पुस्तैनी मकान है और पूरे परिवार की जिंदगी काफी सामान्य तरीके से चल रही है.
वैसे तो तेरह साल की नौकरी में प्रभाकर का 21 बार ट्रांसफर हो गया लेकिन, इस बार जब बरेली से उनका ट्रांसफर हुआ तो यह बात उनके पिता के साथ-साथ क्षेत्र वालों को भी अखर गई. उनके पिता ने कहा कि प्रभाकर एक ईमानदार अधिकारी हैं और इसीलिए उनका इतनी जल्दी ट्रांसफर होता है. प्रभाकर का तीन दिन और सात दिन में भी ट्रांसफर हुआ है. बरेली की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जिस अधिकारी को इनाम मिलना था, उसी को हटा दिया गया. जिस रास्ते से कावंड़िए जाना चाहते थे, उस रास्ते पर जाना खतरे से खाली नहीं था. इसलिए प्रभाकर ने लाठीचार्ज का आदेश दिया था. पुलिस लाठीचार्ज न करती तो बड़ी घटना घट जाती और कई कांवड़ियों की मौत हो जाती.
ये भी पढ़ेंः दारोगा का कारनामा, 2017 में गायब हुई केस डायरी अब तक नहीं पहुंची कोर्ट, आरोपी बरी