अम्बेडकरनगर: उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर में बिजली विभाग में हुई निविदा कर्मियों की नियुक्ति सवालों के घेरे में आ गई है. कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराए गए कर्मियों की नियुक्ति में बड़े स्कैम की बू आ रही है. कम्पनी ने जिन कर्मियों को ज्वाइनिंग के लिए भेजा है, उसमें से कुछ को यह भी नहीं पता कि उनकी नियुक्ति किस पद पर हुई है और कुछ कर्मी ऐसे हैं कि जिनके पास कोई डिप्लोमा या आईटीआई की डिग्री भी नहीं है. इन लोगों को कुशल कर्मी के तौर पर नियुक्त किया गया है. नियुक्त कर्मियों की सूची में अंकित मोबाइल नम्बर पर जब बात की गई तो नियम शर्तों को दर किनार कर नियुक्ति के नाम पर अवैध वसूली का मामला उजागर हुआ.
शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए निविदा कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है. इन निविदा कर्मियों की आपूर्ति का जिम्मा ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड को दी गई है. अम्बेडकरनगर में विभाग की जरूरतों के मुताबिक यह कम्पनी कुशल और अकुशल कर्मियों की नियुक्ति करके उन्हें विभाग को उपलब्ध कराता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी हाल ही में इस कम्पनी ने 81 कुशल और अकुशल कर्मियों को नियुक्त करके विभाग को भेजा है. इनमें से 7 कर्मी आलापुर, जलालपुर और अकबरपुर में 15 कर्मी और टांडा में 44 कर्मियों की नियुक्ति की गई है. इनमें से अधिकांश कर्मियों की ज्वाइनिंग भी हो गई है और बताया जा रहा है कि कुछ को चरित्र और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न देने पर ज्वाइनिंग से रोका गया है. कम्पनी की यह नियुक्ति अब सवालों के घेरे में आ गई है.
नाम न छापने की शर्त पर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियुक्ति मनमाने तरीके से की गई है, जिसके पास कोई योग्यता नहीं है उसे कुशल कर्मी बना दिया गया. पूरी नियुक्ति प्रक्रिया में कुशल और अकुशल कर्मियों का कोई टेस्ट भी नहीं हुआ है. अब ऐसे कर्मी से हम काम कैसे कराएंगे. कम्पनी ने जिन कर्मियों को नियुक्त किया है, उसकी सूची हमारे हाथ लगी तो उसमें अंकित मोबाइल नम्बर पर जब हमने बात की तो नियुक्ति में बड़ा स्कैम सामने आया.
कर्मी ने बातचीत के दौरान बताया कि उसकी नियुक्ति कुशल कर्मी के पद पर हुई है. जब पूछा गया कि तुम्हारा आईटीआई पूरा है या नहीं तो उसने बताया कि अभी नहीं, फाइनल रिजल्ट नहीं आया है. कुछ अकुशल कर्मियों का कहना है कि नियुक्ति के समय बात दूसरे पद के लिए हुई थी लेकिन अब ज्वाइनिंग दूसरे पद पर करा रहे हैं.
बातचीत में एक और पहलू सामने आया है कि नियुक्ति के नाम पर इन कर्मियों से एक लाख 20 हजार रुपए भी लिए गए. कुछ अकुशल कर्मियों का कहना है कि उन्हें फील्ड में कार्य करने के लिए भेजा जा रहा है लेकिन हम कभी खम्बे पर नहीं चढ़े हैं. इन कर्मियों को ज्वाइनिंग के लिए तो भेज दिया गया है लेकिन इन्हें कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया. हैरत की बात है कि इन कर्मियों की ज्वाइनिंग हो रही है लेकिन, विभाग इनकी योग्यता का सत्यापन करना भी मुनासिब नहीं समझा.
इस बारे में हमने आलापुर और टांडा के अधिशाषी अभियंताओं से बात की तो आलापुर के अधिशाषी अभियंता एचपी मिश्रा का कहना है कि अभी हमें कोई अधिकार नहीं मिला है, नियुक्ति हाई अथॉरिटी से हुई है. टांडा के अधिशाषी अभियंता एनके सिंह का कहना है कि कम्पनी ने कर्मियों को नियुक्त करके भेजा है. उनकी ज्वाइनिंग हो गई है लेकिन, अब हम उनकी योग्यता की जांच कराएंगे. यदि कर्मी योग्य नहीं पाए गए तो कम्पनी को लिखा जाएगा.
इस बारे में हमने कम्पनी के अधिकारियों से भी सम्पर्क करने का प्रयास किया लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका. पूरे प्रकरण में बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता अम्बा प्रसाद वशिष्ठ का कहना है कि नियुक्ति का अधिकार कम्पनी को है. उसमें हम कुछ नहीं कर सकते. निविदा कर्मियों की ज्वाईनिंग हो रही है. अब हम उनके योग्यता और कार्य क्षमता की जांच कराएंगे.