अम्बेडकरनगर : डगर तो कठिन है, लेकिन इस संकट काल में अपने मजबूत इरादों के साथ ये डॉक्टर बखूबी अपने फर्ज और पुत्र /पुत्री धर्म का निर्वहन कर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं.
दरअसल, जिले के महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉ. ज्योत्सना इस समय कोरोना मरीजों का इलाज कर रही हैं, लेकिन इनके माता-पिता और भाई भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. जो इसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं. परिवार पर आई आफत के बावजूद भी ज्योत्सना के कदम लड़खड़ाए नहीं. वो और मजबूत इरादों के साथ अस्पताल में आने वाले मरीजों की बखूबी देखभाल कर रही हैं.
इसी मेडिकल कॉलेज के ही डॉक्टर प्रभात शाह भी कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं. इनकी भी मां कोरोना पीड़ित हैं, लेकिन डॉ प्रभात पहले आम मरीजों को देखते हैं. उसके बाद समय निकालकर अपनी माता की सेवा भी कर रहे हैं. डॉक्टर के फर्ज में पुत्र धर्म आड़े न आये इसका ख्याल भी रख रहे हैं.
वहीं अस्पताल में तैनात इन कोरोना फाइटर्स डाक्टरों का स्पष्ट कहना था कि हमें बेटा होने का धर्म तो निभाना है, लेकिन साथ ही यहां आने वाले सभी मरीजों के हम लोग ही माता पिता हैं. इसलिए उनका ख्याल रखना हमारा फर्ज भी है और धर्म भी.