माथे पर लाल रंग की बिंदिया और शरीर पर भगवा रंग के वस्त्र धारण किए यह महिला सन्यासी और कोई नहीं जूना अखाड़े की शजल शैलजा देवी है. शैलजा देवी से मिलने के लिए लंबी लाइने लगती हैं.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शैलजा देवी गिरी इंटरनेशनल बास्केटबॉल कैप्टन रह चुकी हैं और कई मेडल अपने नाम कर चुकी हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में शैलजा देवी ने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई खास बातें बताई. उन्होंने बताया कि उन्होंने 19 साल की उम्र में अध्यात्म में रुची दिखाई और आखिरकार इसी मार्ग को अपनाया.
शैलजा देवी बताती हैं कि उन्हें काफी दिक्कतें आई लेकिन उन्होंने मन में ठान ली थी. उन्होंने बताया कि नई वस्तु को स्वीकारने में समय लगता है जो उनके साथ भी हुआ.