प्रयागराज: कुंभ मेले में तीसरे शाही स्नान में जूना अखाड़ा ने आस्था की डुबकी लगाई. अखाड़ों की शान कहे जाने वाले जूना अखाड़े में दो हजार से ज्यादा नागा सन्यासियों ने स्नान किया. इस दौरान जूना अखाड़े के महंत प्रेम गिरी ने बताया कि आज मां सरस्वती का जन्मदिन भी है, इसलिए बसंत पंचमी के दिन यह शाही स्नान और भी अधिक खास होता है.
हर हर महादेव के जयघोष के साथ पहुचे साधु संतों ने भारत की सनातन परम्परा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया. शाही स्नान के दौरान जूना अखाड़े के जुलूस को देखने के लिये लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. स्नान के दौरान नागा सन्यासियों का यह हुजूम अविस्मरणीय रहा.
तन पर भभूत लपेटे अवधूत रूप धारण किये नागा साधु त्रिवेणी संगम में घाट पर डुबकी लगाने पहुंचे. शाही स्नान परंपरा के अनुरूप नागा साधु संगम में दो डुबकी लगाते हैं. जूना अखाड़े के शाही स्नान में विदेशी श्रद्धालुओं का जुलूस भी संगम में डुबकी लगाने पहुंचा.
त्रिवेणी संगम पर जूना अखाड़े के महंत प्रेम गिरी ने बताया कि आज का दिन पुराणों में बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. यह नवरात्रि का गुप्त पर्व भी है. साथ ही आज बसंत पंचमी भी है. उन्होंने बताया कि आज मां सरस्वती का जन्मदिन भी है, इसलिए आज का दिन और भी अधिक महत्तवपूर्ण है. साथ ही उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी के बाद से ऋतु में भी परिवर्तन शुरू हो जाता है.