अलीगढ़: यूपी ATS के कमांडो से एक युवती ने दोस्ती कर लाखों रुपए ठग लिये. युवती ने MBBS की फीस जमा करने का बहाना बनाकर 25 लाख रुपए की डिमांड की थी. लेकिन, ATS कमांडो ने 8 लाख रुपये दिए थे. वहीं, युवती ने व्हाट्सएप पर एमबीबीएस के प्रपत्र भेजे थे. जिसे एटीएस के कमांडो ने जब चेक किया, तो प्रपत्र और सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया. इस घटना को लेकर थाना इगलास पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
यह मामला थाना इगलास के साथिनी गांव में यूपी एटीएस में आरक्षी कमांडो के पद पर तैनात पुष्पेंद्र के साथ हुई है. दरअसल अक्टूबर 2022 में फेसबुक अकाउंट पर अंशु नाम की युवती से दोस्ती की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी. पुष्पेंद्र ने फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया और फेसबुक पर बातें होने लगी. अंशु फिरोजाबाद के सैलई इलाके की रहने वाली है. फेसबुक पर बातचीत आगे दोस्ती में बदल गई.
अंशु ने पुष्पेंद्र को बताया था कि उसने 2019 में यूजीसी नीट की परीक्षा उत्तीर्ण की है. इस समय वह राजस्थान कोटा यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रही है. साथ ही उसने बताया कि फिरोजाबाद के जिला अस्पताल में ट्रेंनिंग कर रही है. अंशु ने पुष्पेंद्र के मोबाइल पर व्हाट्सएप पर अपनी डिग्री के प्रपत्र भी भेजें. वहीं, अंशु अपनी बहन जगनेश और पिता अजब सिंह के साथ इगलास स्थित साथिनी गांव आए और शादी की बात भी की.
वहीं, पिता अजब सिंह ने अपनी बेटी अंशु के लिए एमबीबीएस की फीस 25 लाख रुपए बताएं और फीस भरने के लिए रुपये मांगे. इस पर पुष्पेंद्र के पिता ने 8 लाख रुपए ले गए. वहीं, बाद में पुष्पेंद्र को पता चला कि अंशु की एमबीबीएस के प्रपत्र फर्जी है. उसने जो दस्तावेज दिए थे, वह सब नकली थे. जब पुष्पेंद्र ने पैसे मांगे और शादी नहीं करने की बात कही, तो अंशु और उसके पिता ने धमकी दी कि तुमको और तुम्हारे भाइयों को फर्जी मुकदमें में फसाकर जेल भिजवा देंगे.
पुष्पेंद्र ने बताया कि अंशु झूठे केस में फंसाने और नौकरी छुड़वाने की धमकी देते हुए ब्लैकमेल कर रही है. जिससे हमारा परिवार बहुत परेशान और भयभीत है. वहीं, पुष्पेंद्र और उसके पिता ने इस मामले में एसएसपी कलानिधि नैथानी से शिकायत की. पुष्पेंद्र ने अंशु, उसकी बहन और पिता के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद थाना इगलास में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. वहीं, थाना इगलास प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि प्रार्थना पत्र के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है और आगे की कार्रवाई प्रचलित है.
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