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अलीगढ़: इगलास उपचुनाव में वोट प्रतिशत हुआ कम, भाजपा की गिरी लोकप्रियता

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कई गांवों से नाराज किसानों ने मतदान का बहिष्कार किया, इसका भी असर इस उपचुनाव में देखने को मिला, जिसके चलते इगलास विधानसभा में पिछली बार की अपेक्षा इस बार मतदान प्रतिशत कम हुआ है.

कम हुआ भाजपा का वोट प्रतिशत.
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Published : Oct 24, 2019, 9:44 PM IST

अलीगढ़: जिले में भले ही भाजपा के प्रत्याशी ने जीत हासिल की हो, लेकिन इस बार चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत गिरा है. 2017 के इगलास विधानसभा चुनाव में भाजपा के राजवीर दिलेर ने 1 लाख 28 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. जबकि बीएसपी के राजेन्द्र कुमार को 53 हजार 200 वोट मिले थे. इस उपचुनाव में भाजपा के राजकुमार सहयोगी को 75 हजार 673 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. हालांकि इस बार भी एक लाख से अधिक वोट मिलने का भाजपा दावा कर रही थी.

कम हुआ भाजपा का वोट प्रतिशत.

कम हुआ भाजपा का वोट प्रतिशत

इस बार भाजपा ने इगलास विधानसभा में पूरी ताकत झोंक दी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव से पहले दो बार जनसभा को संबोधित किया था और यहां कि जनता से कई वादे भी किये थे. जाट बाहुल्य इलाके में लोगों को राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम से राजकीय विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा भी की. इतना ही नहीं किसानों की आय दुगनी करने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही थी. इगलास विधानसभा सीट राजवीर दिलेर के हाथरस संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद खाली हो गई थी, तब राजवीर दिलेर ने 74 हजार 800 वोट के अंतर से जीत हासिल की थी और 55.06 प्रतिशत वोट प्राप्त किया था.

इस बार उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर थे, फिर भी भाजपा पिछली बार की अपेक्षा इस बार एक लाख मतों के आंकड़े को नहीं छू पाई. इगलास विधानसभा में कुल करीब 3.75 लाख मतदाता हैं.

कई जगह हुआ मतदान बहिष्कार

इगलास विधानसभा के 2017 चुनाव में बंपर वोटों से भाजपा की जीत हुई थी, लेकिन ढाई साल के अंदर ही तस्वीर बदल गई. इस उपचुनाव में केवल 37 प्रतिशत ही मतदान हुआ. जिसमें राजकुमार सहयोगी को 75 हजार 673 वोट मिले. हालांकि 12 से अधिक गांवों में मतदान का बहिष्कार किया गया. किसानों ने नाराज होकर मतदान में भाग नहीं लिया. वहां के किसान आवारा जानवरों और क्षेत्र में विकास नहीं होने से नाराज थे.

अलीगढ़: जिले में भले ही भाजपा के प्रत्याशी ने जीत हासिल की हो, लेकिन इस बार चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत गिरा है. 2017 के इगलास विधानसभा चुनाव में भाजपा के राजवीर दिलेर ने 1 लाख 28 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. जबकि बीएसपी के राजेन्द्र कुमार को 53 हजार 200 वोट मिले थे. इस उपचुनाव में भाजपा के राजकुमार सहयोगी को 75 हजार 673 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. हालांकि इस बार भी एक लाख से अधिक वोट मिलने का भाजपा दावा कर रही थी.

कम हुआ भाजपा का वोट प्रतिशत.

कम हुआ भाजपा का वोट प्रतिशत

इस बार भाजपा ने इगलास विधानसभा में पूरी ताकत झोंक दी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव से पहले दो बार जनसभा को संबोधित किया था और यहां कि जनता से कई वादे भी किये थे. जाट बाहुल्य इलाके में लोगों को राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम से राजकीय विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा भी की. इतना ही नहीं किसानों की आय दुगनी करने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही थी. इगलास विधानसभा सीट राजवीर दिलेर के हाथरस संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद खाली हो गई थी, तब राजवीर दिलेर ने 74 हजार 800 वोट के अंतर से जीत हासिल की थी और 55.06 प्रतिशत वोट प्राप्त किया था.

इस बार उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर थे, फिर भी भाजपा पिछली बार की अपेक्षा इस बार एक लाख मतों के आंकड़े को नहीं छू पाई. इगलास विधानसभा में कुल करीब 3.75 लाख मतदाता हैं.

कई जगह हुआ मतदान बहिष्कार

इगलास विधानसभा के 2017 चुनाव में बंपर वोटों से भाजपा की जीत हुई थी, लेकिन ढाई साल के अंदर ही तस्वीर बदल गई. इस उपचुनाव में केवल 37 प्रतिशत ही मतदान हुआ. जिसमें राजकुमार सहयोगी को 75 हजार 673 वोट मिले. हालांकि 12 से अधिक गांवों में मतदान का बहिष्कार किया गया. किसानों ने नाराज होकर मतदान में भाग नहीं लिया. वहां के किसान आवारा जानवरों और क्षेत्र में विकास नहीं होने से नाराज थे.

Intro:अलीगढ़ :  अलीगढ़ में भले ही भाजपा के प्रत्याशी ने जीत हासिल की हो. लेकिन भाजपा का वोट प्रतिशत गिरा है. 2017 के इग्लास विधान सभा चुनाव में भाजपा के राजवीर दिलेर ने 74800 वोटों से जीत हासिल की थी. भाजपा के राजवीर दिलेर को 128000 वोट मिले थे. जब कि बीएसपी के राजेन्द्र कुमार को 53200 वोट मिले थे. लेकिन इस उपचुनाव में भाजपा के राजकुमार सहयोगी को 75673 वोटों से ही संतोष करना पड़ा.हांलाकि  इस बार भी एक लाख से अधिक वोट मिलने का भाजपा दावा कर रही थी.






Body:इस बार भाजपा ने इग्लास विधान सभा में पूरी ताकत झोंक दी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ उपचुनाव में दो बार जनसभा को संबोधित करने आये. यहां कि जनता से कई वायदे भी किये.जाट बाहुल्य इलाके में लोगों को राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम से राजकीय विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा भी की. इतना ही नहीं किसानों की आय दुगनी करने की बात  मुख्यमंत्री ने कही थी. इग्लास विधान सभा सीट राजवीर दिलेर के हाथरस संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद खाली हो गई थी. तब राजवीर दिलेर में 74800 वोट से जीत हासिल की थी.  और 55.06 प्रतिशत वोट प्राप्त किया था. इस बार उपचुनाव में राष्टीय लोक दल प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर थी.फिर भी भाजपा  पिछली बार की अपेक्षा इस बार एक लाख मतों के  आंकड़े को नहीं छू पाई. इगलास विधान सभा मे कुल करीब 3.75 लाख मतदाता हैं।


Conclusion:हांलाकि लोकतंत्र में मतदाता ही सर्वोपरि होता है. वो चाहे किसी को सिर पर बैठा लें. और चाहे तो जमीन पर गिरा दें. मतदाता को समझना आसान नहीं है.इग्लास विधान सभा के 2017 चुनाव में बंपर वोटों से भाजपा की जीत हुई थी.लेकिन ढाई साल के अंदर ही तस्वीर बदल गई.कम मतदान ने भाजपा के माथे पर शिकन पैदा कर दी. उपचुनाव में केवल 37 प्रतिशत ही मतदान हुआ. जिसमें राजकुमार सहयोगी को 75673 वोट मिले.हांलाकि डेढ़ दर्जन गांव में मतदान का बहिष्कार किया गया. किसानों ने नाराज होकर मतदान में भाग नहीं लिया. क्षेत्र में विकास नहीं होने और आवारा जानवरों से किसानों की परेशानी ने वोट प्रतिशत गिरा दिया. ढाई साल पहले भाजपा की जो लोकप्रियता थी. उसमें कमी आई. हांलाकि कि भाजपा की जीत से यहां जिला प्रशासन अपनी पीठ भले ही थपथपवा लें , लेकिन अब राजकुमार सहयोगी के सामने क्षेत्र की बड़ी चुनौती है. हांलाकि भाजपा के जिलाअध्यक्ष गोपाल सिंह वोट प्रतिशत कम पड़ने के कुछ और ही कारण बता रहे हैं. भाजपा के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह ने कहा कि मतदान बहिष्कार करना विरोधियों की साजिश थी. और किसानों के खेत में काम करना व महिलाओं के व्रत रखने के कारण कम मतदान हुआ. 

बाइट - गोपाल सिंह, जिलाध्यक्ष, भाजपा
बाइट - चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी, अलीगढ़

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535


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