अलीगढ़: सड़क को गड्ढा मुक्त करने का दावा भले ही योगी सरकार कर रही है, लेकिन जिले के लोधा ब्लॉक के बिजौना और शिखारन इलाके की सड़क पिछले 20 साल से नहीं बनी. 2 किलोमीटर लंबी सड़क का स्टीमेट पीडब्ल्यूडी विभाग दो साल पहले बना चुका है. लेकिन जमीनी हकीकत में सड़क का निर्माण नहीं हुआ.
दो विधानसभा क्षेत्र के बीच में पड़ने के कारण यह इलाका विकास से अछूता रहा. लोकसभा चुनाव में गांव के लोगों ने वोट डालने का बहिष्कार भी किया. लेकिन जिला प्रशासन, ग्राम प्रधान, विधायक और सांसद कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं.
20 साल से नहीं बनी सड़क
20 साल पहले बनी सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है. जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है . इस गांव को जाने वाले पांच रास्ते हैं . जो सभी जर्जर है . जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. बरसात के चलते मार्ग पर पानी भर जाता है . कीचड़, गंदगी हो जाती है. जिसकी चपेट में आकर लोग चोटिल हो जाते हैं . किसानों को मंडी बाजार व शहर जाने का मुख्य रास्ता यही है . बरसात में रास्ते से निकलना दुश्वार हो जाता है. यहां किसान और जनता परेशान है.
स्थानीय लोग काट रहें जिला प्रशासन के चक्कर
यहां रहने वाले निधीश जादौन 2014 से सड़क बनवाने के लिए जिला प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं. सड़क क्यों नहीं बनी ? इसको लेकर के आरटीआई के तहत सवाल भी पूछ चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया. लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सड़क नहीं होने की पीड़ा बयां कर चुके हैं, लेकिन जर्जर मार्ग की तस्वीर नहीं बदली है.
20 साल पहले यहां सड़क बनी थी, लेकिन उसके बाद इस जर्जर मार्ग को देखने वाला कोई नहीं है. पिछले कई सालों से इस जर्जर मार्ग की शिकायत ग्राम प्रधान, विधायक और सांसद से कर चुके हैं, लेकिन सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है. बिजौना , शिखारन सड़क मार्ग कब बनेगा ? इसका कोई अता-पता नहीं है. सरकार बदल गई, नेता बदल गए. लेकिन गांव की दुर्दशा जस की तस बनी हुई है. वहीं कहा जा रहा है कि इस मार्ग का बजट को देखते हुए विभाग भी पीछे हट जाता है. वही इस गांव के हालात बदतर हो गए हैं. चुनाव बहिष्कार करने के समय जिलाधिकारी भी यहां पहुंचे थे. सांसद विधायक केवल आश्वासन देकर ही चले जाते हैं, लेकिन सड़क नहीं बन रही है .
-स्थानीय निवासी