अलीगढ़: जिले के नगला मसानी में गोवंश को रहने के लिए प्रदेश की पहली दो मंजिला गोशाला बनाई गई है. इस गोशाला में करीब 700 गोवंश को रखा गया है. यहां लगातार गोवंश की संख्या बढ़ने पर दो मंजिला गोशाला बनवाई गई. यह गोशाला बिना सरकारी मदद के चल रही है. गोशाला में प्रतिदिन पशु चिकित्सक गोवंश के स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं. दरअसल दान और चंदे की मदद से यह गोशाला चल रही है.
यह पंचायती गोशाला 80 वर्ष पुरानी है. 1938 में इस गोशाला की नींव पड़ी थी. तब यहां केवल 36 गोवंश थे. सन् 2010 तक गोशाला की स्थिति ठीक नहीं थी. संयोजिका कृष्णा गुप्ता इस गोशाला से जुड़ी और यहां गायों की अच्छी से सेवा करने लगी. जिसे देखकर दान देने वाले आगे आने लगे, लेकिन जगह कम होने के चलते यहां दो मंजिला गोशाला बनवाया गया.
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गायों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक रहते हैं मौजूद
यहां आस-पास के लोग गोशाला में गायों के खाने के लिए कुछ न कुछ दान करने आते हैं. वहीं सड़कों पर घूमने वाली गायों को पकड़कर इस गोशाला में लाया जाने लगा. हालांकि प्रशासन व नगर निगम की तरफ से गोशाला बनवाई गई हैं, लेकिन अक्सर गोवंश को इसी गोशाला में लोग छोड़ जाते हैं. पंचायती गोशाला हर किसी के लिए नजीर बनी हुई है. यहां बीमार गायों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक भी प्रतिदिन मौजूद रहते हैं. आज इस गोशाला में करीब 700 से अधिक गोवंश पल रहे हैं. गोवंश के खाने की पूरी व्यवस्था यहां की जाती है.
गोशाला में हैं 700 से अधिक गोवंश
कृष्णा गुप्ता बताती हैं कि यह गोशाला श्री गोमाता सेवा समिति द्वारा संचालित है. इस गोशाला में करीब 700 से अधिक गोवंश हैं. यहां नगर निगम से आवारा गोवंश पकड़ने के बाद इसी गोशाला में लाया जाता है. बिना शासन प्रशासन की मदद व बिना किसी अनुदान के यह गोशाला चल रही है. गर्मी में इनके लिए पंखों की व्यवस्था है, तो वहीं ठंड से बचाने के लिए भी पूरी व्यवस्था की जाती है.
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कृष्णा गुप्ता बताती हैं कि भक्तों के दान से यह गोशाला का संचालन हो रहा है. दान से ही यह दो मंजिला गोशाला बनी है. प्रदेश की पहली गोशाला है जो दो मंजिला है और यहां गाय बड़े आराम से रहती हैं.