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अलीगढ़ में चंदे की मदद से चलती है प्रदेश की पहली दो मंजिला गोशाला - श्री गोमाता सेवा समिति

अलीगढ़ में प्रदेश की पहली दो मंजिला गोशाला बनाई गई है. भक्तों के दान से इस गोशाला का संचालन हो रहा है. यहां गोवंशों की देखभाल के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं.

चंदे से चलती है दो मंजिला गोशाला.
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Published : Nov 7, 2019, 8:29 AM IST

अलीगढ़: जिले के नगला मसानी में गोवंश को रहने के लिए प्रदेश की पहली दो मंजिला गोशाला बनाई गई है. इस गोशाला में करीब 700 गोवंश को रखा गया है. यहां लगातार गोवंश की संख्या बढ़ने पर दो मंजिला गोशाला बनवाई गई. यह गोशाला बिना सरकारी मदद के चल रही है. गोशाला में प्रतिदिन पशु चिकित्सक गोवंश के स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं. दरअसल दान और चंदे की मदद से यह गोशाला चल रही है.

चंदे से चलती है दो मंजिला गोशाला.

यह पंचायती गोशाला 80 वर्ष पुरानी है. 1938 में इस गोशाला की नींव पड़ी थी. तब यहां केवल 36 गोवंश थे. सन् 2010 तक गोशाला की स्थिति ठीक नहीं थी. संयोजिका कृष्णा गुप्ता इस गोशाला से जुड़ी और यहां गायों की अच्छी से सेवा करने लगी. जिसे देखकर दान देने वाले आगे आने लगे, लेकिन जगह कम होने के चलते यहां दो मंजिला गोशाला बनवाया गया.

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गायों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक रहते हैं मौजूद
यहां आस-पास के लोग गोशाला में गायों के खाने के लिए कुछ न कुछ दान करने आते हैं. वहीं सड़कों पर घूमने वाली गायों को पकड़कर इस गोशाला में लाया जाने लगा. हालांकि प्रशासन व नगर निगम की तरफ से गोशाला बनवाई गई हैं, लेकिन अक्सर गोवंश को इसी गोशाला में लोग छोड़ जाते हैं. पंचायती गोशाला हर किसी के लिए नजीर बनी हुई है. यहां बीमार गायों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक भी प्रतिदिन मौजूद रहते हैं. आज इस गोशाला में करीब 700 से अधिक गोवंश पल रहे हैं. गोवंश के खाने की पूरी व्यवस्था यहां की जाती है.

गोशाला में हैं 700 से अधिक गोवंश
कृष्णा गुप्ता बताती हैं कि यह गोशाला श्री गोमाता सेवा समिति द्वारा संचालित है. इस गोशाला में करीब 700 से अधिक गोवंश हैं. यहां नगर निगम से आवारा गोवंश पकड़ने के बाद इसी गोशाला में लाया जाता है. बिना शासन प्रशासन की मदद व बिना किसी अनुदान के यह गोशाला चल रही है. गर्मी में इनके लिए पंखों की व्यवस्था है, तो वहीं ठंड से बचाने के लिए भी पूरी व्यवस्था की जाती है.

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कृष्णा गुप्ता बताती हैं कि भक्तों के दान से यह गोशाला का संचालन हो रहा है. दान से ही यह दो मंजिला गोशाला बनी है. प्रदेश की पहली गोशाला है जो दो मंजिला है और यहां गाय बड़े आराम से रहती हैं.

अलीगढ़: जिले के नगला मसानी में गोवंश को रहने के लिए प्रदेश की पहली दो मंजिला गोशाला बनाई गई है. इस गोशाला में करीब 700 गोवंश को रखा गया है. यहां लगातार गोवंश की संख्या बढ़ने पर दो मंजिला गोशाला बनवाई गई. यह गोशाला बिना सरकारी मदद के चल रही है. गोशाला में प्रतिदिन पशु चिकित्सक गोवंश के स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं. दरअसल दान और चंदे की मदद से यह गोशाला चल रही है.

चंदे से चलती है दो मंजिला गोशाला.

यह पंचायती गोशाला 80 वर्ष पुरानी है. 1938 में इस गोशाला की नींव पड़ी थी. तब यहां केवल 36 गोवंश थे. सन् 2010 तक गोशाला की स्थिति ठीक नहीं थी. संयोजिका कृष्णा गुप्ता इस गोशाला से जुड़ी और यहां गायों की अच्छी से सेवा करने लगी. जिसे देखकर दान देने वाले आगे आने लगे, लेकिन जगह कम होने के चलते यहां दो मंजिला गोशाला बनवाया गया.

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गायों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक रहते हैं मौजूद
यहां आस-पास के लोग गोशाला में गायों के खाने के लिए कुछ न कुछ दान करने आते हैं. वहीं सड़कों पर घूमने वाली गायों को पकड़कर इस गोशाला में लाया जाने लगा. हालांकि प्रशासन व नगर निगम की तरफ से गोशाला बनवाई गई हैं, लेकिन अक्सर गोवंश को इसी गोशाला में लोग छोड़ जाते हैं. पंचायती गोशाला हर किसी के लिए नजीर बनी हुई है. यहां बीमार गायों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक भी प्रतिदिन मौजूद रहते हैं. आज इस गोशाला में करीब 700 से अधिक गोवंश पल रहे हैं. गोवंश के खाने की पूरी व्यवस्था यहां की जाती है.

गोशाला में हैं 700 से अधिक गोवंश
कृष्णा गुप्ता बताती हैं कि यह गोशाला श्री गोमाता सेवा समिति द्वारा संचालित है. इस गोशाला में करीब 700 से अधिक गोवंश हैं. यहां नगर निगम से आवारा गोवंश पकड़ने के बाद इसी गोशाला में लाया जाता है. बिना शासन प्रशासन की मदद व बिना किसी अनुदान के यह गोशाला चल रही है. गर्मी में इनके लिए पंखों की व्यवस्था है, तो वहीं ठंड से बचाने के लिए भी पूरी व्यवस्था की जाती है.

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कृष्णा गुप्ता बताती हैं कि भक्तों के दान से यह गोशाला का संचालन हो रहा है. दान से ही यह दो मंजिला गोशाला बनी है. प्रदेश की पहली गोशाला है जो दो मंजिला है और यहां गाय बड़े आराम से रहती हैं.

Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ में प्रदेश की पहली दो मंजिला गौशाला बनाई गई है. इस गौशाला में करीब 700 गौवंश को रखा गया है , नगला मसानी में पंचायती गौशाला के नाम से यह जानी जाती है. लगातार गौवंश की संख्या बढ़ने पर दो मंजिला गौशाला बनवाई  गई , यह गौशाला बिना सरकारी मदद के चल रही है. गौशाला में प्रतिदिन पशु चिकित्सक गौवंश के स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं, डबल स्टोरी गौशाला ऐसी बनाई गई है, जिससे गौवंश को चढ़ने व उतरने में दिक्कत नहीं होती है. दान और चंदे की मदद से यह गौशाला चल रही है.



 



Body: हालांकि यह पंचायती गौशाला अस्सी वर्ष पुरानी है. 1938 में इस गौशाला की नींव पड़ी थी. तब यहां केवल 36 गौवंश थी. सन् 2010 तक गौशाला की स्थिति ठीक नहीं थी. गौ भक्त और गौशाला की संयोजिका कृष्णा गुप्ता इस गौशाला से जुड़ी और यहां गायों की अच्छी से सेवा करने लगी. जिसे देख कर दान देने वाले आगे आने लगे.  लेकिन जगह कम होने के चलते यहां दो मंजिला गौशाला बनवाया है. यहां आस-पास के लोग गौशाला में गायों के खाने के लिए कुछ न कुछ दान करने आते हैं.वही आवारा घूमने वाली गायों को पकड़कर इस गौशाला में लाया जाने लगा. हांलाकि प्रशासन व नगर निगम की तरफ से गौशाला बनवाई गई हैं. लेकिन अक्सर आवारा गौवंश को इसी गौशाला में लोग छोड़ जाते हैं. पंचायती गौशाला हर किसी के लिए नजीर बनी हुई है. यहां बीमार गायों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक भी प्रतिदिन मौजूद रहते हैं. आज इस गौशाला में करीब 700 से अधिक गौवंश पल रहे हैं गोवंश के खाने की पूरी व्यवस्था यहां की जाती है.


Conclusion:कृष्णा गुप्ता बताती है कि यह गौशाला श्री गौमाता सेवा समिति द्वारा संचालित है. इस गौशाला में करीब 700 से अधिक गौवंश है. यहां नगर निगम से आवारा गोवंश पकड़ने के बाद इसी गौशाला में लाया जाता है. बिना शासन प्रशासन की मदद व बिना किसी अनुदान के यह गौशाला चल रही है. गर्मी में इनके लिए पंखों की व्यवस्था है तो वहीं ठंड से बचाने के लिए भी पूरी व्यवस्था की जाती है. कृष्णा गुप्ता बताती हैं कि गौ भक्तों के दान से यह गौशाला का संचालन हो रहा है. गौ भक्तों के दान से ही यह दो मंजिला गौशाला बनी है. प्रदेश की पहली गौशाला है जो दो मंजिला है और यहां गाय बड़े आराम से रहती हैं. उन्होंने बताया कि यहां गायों को बांधकर नहीं रखा जाता है.  गौशाला की संयोजिका कृष्णा गुप्ता बताती है कि शासन और प्रशासन से किसी प्रकार का अनुदान नहीं मिला है . एक भूसी की बोरी का भी सहयोग शासन प्रशासन से नहीं मिला है. गौ भक्तों की वजह से यह गौशाला चल रही है. साल में एक बार गौ कथा का आयोजन किया जाता है. जिसके माध्यम से धन एकत्र होता है. और इसी धन से पूरे साल भर का भूसा एकत्र कर लिया जाता है.

बाइट - कृष्णा गुप्ता , संयोजिका , पंचायती गौशाला

आलोक सिंह , अलीगढ़
9837830535


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