अलीगढ़: जिले में मंगलवार को ईंट-भट्ठे पर फंसे बिहार के पांच हजार मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से बिहार रवाना किया गया. भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों के लिए करीब 10 से अधिक ट्रेनों का प्रबंध किया गया. मजदूरों को भेजने की जिम्मेदारी ईंट-भट्ठा मालिकों ने वहन किया है. बताया जा रहा है कि ईंट-भट्ठा मजदूरों को ट्रेन से भेजने में एक करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च की गई है. भट्ठा मजदूरों के लिए शाम आठ बजे तक स्पेशल ट्रेन बिहार के लिए रवाना की गई. इस दौरान मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग की गई. उन्हें मास्क, सैनिटाइजर व रास्ते के लिए खाने पीने का सामान उपलब्ध कराया गया.
देश में लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद से ईंट-भट्ठा मजदूर परिवार सहित काम करने के स्थान पर ही फंसे हुए थे. करीब पांच हजार से अधिक मजदूर अपने घर जाने का इंतजार कर रहे थे. वहीं ईंट-भट्ठों पर अगले तीन महीने काम बंद रहेगा. इसलिए इनको घर भेजने की जिम्मेदारी ईंट-भट्ठा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ली. पहले ईंट-भट्ठों से बस, ट्रैक्टर, ट्रॉली और छोटे वाहनों से मजदूरों को रेलवे स्टेशन लाया गया. इसके बाद मजदूरों के सामान को सैनिटाइज करने के साथ ही चिकित्सकों ने थर्मल स्कैनिंग की.
ईंट-भट्ठा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष जनक पाल सिंह ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक ट्रेन में 1750 मजदूरों को बैठाया गया. उन्होंने बताया कि अलीगढ़ में बिहार के करीब 25 हजार मजदूर काम करते हैं. वहीं ईंट-भट्ठा मालिक राजेंद्र महाजन ने बताया कि सम्मानजनक तरीके से भट्ठा मजदूरों को उनके घर भिजवा रहे हैं. भट्ठा मालिक हेमेंन्द्र ने बताया कि मजदूरों के किराये का वहन ईंट-भट्ठा स्वामियों की ओर से किया गया है. वहीं मजदूर घर वापस लौटने पर खुश दिखे.