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साथा चीनी मिल बंद होने से परेशान किसानों का धरना-प्रदर्शन, DM ने दिया यह आश्वासन

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Published : Nov 18, 2021, 6:07 PM IST

अलीगढ़ में साथा चीनी मिल (Satha Sugar Mill) बंद होने की वजह से वहां के गन्ना किसान (Sugarcane Farmers) परेशान हैं. गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट पर इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन दिया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ किसानों की नोक-झोंक भी हुई.

गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया
गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया

अलीगढ़ : गन्ना किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया. दरअसल साथा चीनी मिल (Satha Sugar Mill) नहीं चलने से गन्ना किसान परेशान हैं. अलीगढ़ में एकमात्र साथा चीनी मिल है, जो पिछले कई वर्षों से जर्जर अवस्था में है. गन्ना किसानों से कहा गया था कि चीनी मिल नवंबर महीने में सही हो जाएगी लेकिन चीनी मिल बंद पड़ी है और गन्ना किसान परेशान हैं. साथा चीनी मिल को चलवाने के लिए किसान जिलाधिकारी से मिलने के लिये कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी से नोक-झोंक होने पर किसान उग्र हो गये.

किसान इस मौसम में गन्ने की कटाई कर गेहूं की रोपाई करना शुरु करता है. लेकिन, अभी तक साथा चीनी मिल बंद होने की वजह से किसानों का गन्ना कट नहीं पाया है. इस बारे में जिला प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे रहा है कि चीनी मिल कब शुरू होगी. गुरुवार को भारी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गये. इसके बाद एडीएम सिटी राकेश पटेल ने किसानों को कलेक्ट्रेट गेट से बाहर जाने के लिये कहा. इससे किसान भड़क गये और कलेक्ट्रेट में ही धरने पर बैठ गये.

गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया

अलीगढ़ का साथा चीनी मिल करीब 50 साल पुराना है और चीनी मिल की मशीन जर्जर हो चुकी है. इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव शैलेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि नई चीनी मिल की मांग की जा रही है. इसको लेकर गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने अनुपूरक बजट आने तक किसानों को इंतजार करने के लिए कहा है. कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा अलीगढ़ के प्रभारी मंत्री भी हैं. किसान नेता डॉ. शैलेन्द्र पाल सिंह कहते हैं कि जिला प्रशासन से ही जर्जर साथा चीनी मिल को चलाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि गन्ना किसान बहुत परेशान हैं.

इसे भी पढ़ें - किसानों ने क्यों कहा : अधिकारी लिखकर दें 'झूठी है सरकार', फिर नहीं करेंगे परेशान


भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव डॉक्टर शैलेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि चीनी मिल को जल्द से जल्द चलाया जाए. जिले में करीब 48 हजार गन्ना किसान परिवार हैं, जो प्रभावित हो रहे हैं. शैलेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि साथा चीनी मिल को सही करने के लिए हर साल करीब दो करोड़ रुपये आते हैं, जिसका बंदरबांट हो जाता है. इसमें गन्ना विभाग के अधिकारी शामिल हैं.

गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया
गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया

इसे भी पढ़ें - पंचामृत तरीके से गन्ना किसानों की आमदनी होगी दोगुनी

कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने कहा कि अगर चीनी मिल नहीं चलती है तो गन्ने में आग लगा देंगे या फिर कलेक्ट्रेट में गन्ना लाकर फेंकेगे. कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान जहरी ने बताया कि हमारे दो हजार कुंतल गन्ना खेत में खड़े हैं. चीनी मिल नहीं चलने से परेशान हैं. प्रदेश में हर जगह चीनी मिल चल रही है, लेकिन अलीगढ़ की चीनी मिल बंद पड़ी है. वहीं जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने बताया कि साथा चीनी मिल को सही कराया जा रहा है. अगर मिल सही नहीं होती है तो दूसरे जिले की मिल में किसानों का गन्ना भिजवाया जाएगा.

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अलीगढ़ : गन्ना किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया. दरअसल साथा चीनी मिल (Satha Sugar Mill) नहीं चलने से गन्ना किसान परेशान हैं. अलीगढ़ में एकमात्र साथा चीनी मिल है, जो पिछले कई वर्षों से जर्जर अवस्था में है. गन्ना किसानों से कहा गया था कि चीनी मिल नवंबर महीने में सही हो जाएगी लेकिन चीनी मिल बंद पड़ी है और गन्ना किसान परेशान हैं. साथा चीनी मिल को चलवाने के लिए किसान जिलाधिकारी से मिलने के लिये कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी से नोक-झोंक होने पर किसान उग्र हो गये.

किसान इस मौसम में गन्ने की कटाई कर गेहूं की रोपाई करना शुरु करता है. लेकिन, अभी तक साथा चीनी मिल बंद होने की वजह से किसानों का गन्ना कट नहीं पाया है. इस बारे में जिला प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे रहा है कि चीनी मिल कब शुरू होगी. गुरुवार को भारी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गये. इसके बाद एडीएम सिटी राकेश पटेल ने किसानों को कलेक्ट्रेट गेट से बाहर जाने के लिये कहा. इससे किसान भड़क गये और कलेक्ट्रेट में ही धरने पर बैठ गये.

गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया

अलीगढ़ का साथा चीनी मिल करीब 50 साल पुराना है और चीनी मिल की मशीन जर्जर हो चुकी है. इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव शैलेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि नई चीनी मिल की मांग की जा रही है. इसको लेकर गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने अनुपूरक बजट आने तक किसानों को इंतजार करने के लिए कहा है. कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा अलीगढ़ के प्रभारी मंत्री भी हैं. किसान नेता डॉ. शैलेन्द्र पाल सिंह कहते हैं कि जिला प्रशासन से ही जर्जर साथा चीनी मिल को चलाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि गन्ना किसान बहुत परेशान हैं.

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भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव डॉक्टर शैलेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि चीनी मिल को जल्द से जल्द चलाया जाए. जिले में करीब 48 हजार गन्ना किसान परिवार हैं, जो प्रभावित हो रहे हैं. शैलेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि साथा चीनी मिल को सही करने के लिए हर साल करीब दो करोड़ रुपये आते हैं, जिसका बंदरबांट हो जाता है. इसमें गन्ना विभाग के अधिकारी शामिल हैं.

गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया
गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया

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कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने कहा कि अगर चीनी मिल नहीं चलती है तो गन्ने में आग लगा देंगे या फिर कलेक्ट्रेट में गन्ना लाकर फेंकेगे. कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान जहरी ने बताया कि हमारे दो हजार कुंतल गन्ना खेत में खड़े हैं. चीनी मिल नहीं चलने से परेशान हैं. प्रदेश में हर जगह चीनी मिल चल रही है, लेकिन अलीगढ़ की चीनी मिल बंद पड़ी है. वहीं जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने बताया कि साथा चीनी मिल को सही कराया जा रहा है. अगर मिल सही नहीं होती है तो दूसरे जिले की मिल में किसानों का गन्ना भिजवाया जाएगा.

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