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सिमी के सदस्य अब्दुल्ला दानिश को दिल्ली पुलिस ने अलीगढ़ से किया गिरफ्तार

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Published : Dec 7, 2020, 6:58 PM IST

प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य अब्दुल्ला दानिश को दिल्ली पुलिस ने अलीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि वह 20 साल से फरार चल रहा था. दानिश के खिलाफ सन् 2001 में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में देशद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने का मामला दर्ज किया गया था.

सिमी का सदस्य अब्दुल्ला दानिश.
सिमी का सदस्य अब्दुल्ला दानिश.

अलीगढ़: करीब 20 साल से फरार चल रहे है प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य अब्दुल्ला दानिश को दिल्ली पुलिस ने अलीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसे अपने साथ जाकिर नगर गिरफ्तार करके ले गई. दानिश के खिलाफ सन् 2001 में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में देशद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने का मामला दर्ज किया गया था. 2002 में निचली अदालत से उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. अब्दुल्ला दानिश को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अलीगढ़ से कानपुर के लिए शादी समारोह में शामिल होने के लिए पत्नी के साथ जा रहा था.

58 वर्षीय अब्दुल्ला दानिश मऊ जिले के बांडीघाट गांव का रहने वाला है और बताया जा रहा है कि इन दिनों अलीगढ़ के दोदपुर स्थित शमी अपार्टमेंट में रह रहा था. अब्दुल्ला दानिश पर मुंबई, मध्य प्रदेश, गुजरात में ब्लास्ट के आरोपी सफदर हुसैन नागौरी के परिजनों के संपर्क में रहने की बात सामने आई है. नागौरी के परिवार को वह आर्थिक मदद पहुंचा रहा था.

20 साल से था वांछित
अब्दुल्ला दानिश को शताब्दी एक्सप्रेस से कानपुर जाना था. दिल्ली पुलिस ने अब्दुल्ला को जब पकड़ा तो किसी को भनक भी नहीं लगी. परिवार के लोगों ने पहले तो अब्दुल्ला के अपहरण की सूचना थाना सिविल लाइन में दी. पुलिस ने जब छानबीन की तो पता चला कि दिल्ली पुलिस अब्दुल्ला को उठा ले गई. इसके बाद पुलिस ने भी रविवार को शमी अपार्टमेंट में अब्दुल्ला के घर की तलाशी ली. बता दें कि दानिश दो दशक से अलीगढ़ में रह रहा था, लेकिन स्थानीय पुलिस और खुफिया तंत्र को उसकी गतिविधियों की जानकारी नहीं थी. हालांकि अलीगढ़ पुलिस के अनुसार अब्दुल्ला दानिश बीस साल से दिल्ली से वांछित चल रहा था और अलीगढ़ में सामान्य तरीके से रह रहा था. अलीगढ़ में अब्दुला किसी तरह की आपराधिक गतिविधि नहीं की है. नई दिल्ली पुलिस की गिरफ्तारी के बाद अब अलीगढ़ पुलिस अब्दुल्ला के नेटवर्क के बारे में पता लगा रही है.

खुफिया एजेंसी सतर्क
सिमी का गठन अलीगढ़ में ही 1977 में हुआ था. 2001 में सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि इसका एक कार्यालय शमशाद मार्केट में कई वर्षों से बंद पड़ा है और खुफिया एजेंसी भी यह मान रही थी कि अब सिमी का नेटवर्क खत्म हो चुका है, लेकिन दानिश की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि 2001 से अब्दुल्ला दानिश छिपकर रहा था.

एएमयू से अरबी में किया था एमए
अब्दुल्ला दानिश 1985 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अरबी में एमए किया था और यहां पर सिमी के संपर्क में आया था. वहीं सिमी की मैगजीन के हिंदी वर्जन का संपादक भी बनाया गया था. यह भी बताया जा रहा है कि अब्दुल्ला के घर में आतंकी को पनाह भी दी थी. उर्दू फारसी अनुवादक के रुप में अब्दुला की पहचान थी.

अलीगढ़: करीब 20 साल से फरार चल रहे है प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य अब्दुल्ला दानिश को दिल्ली पुलिस ने अलीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसे अपने साथ जाकिर नगर गिरफ्तार करके ले गई. दानिश के खिलाफ सन् 2001 में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में देशद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने का मामला दर्ज किया गया था. 2002 में निचली अदालत से उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. अब्दुल्ला दानिश को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अलीगढ़ से कानपुर के लिए शादी समारोह में शामिल होने के लिए पत्नी के साथ जा रहा था.

58 वर्षीय अब्दुल्ला दानिश मऊ जिले के बांडीघाट गांव का रहने वाला है और बताया जा रहा है कि इन दिनों अलीगढ़ के दोदपुर स्थित शमी अपार्टमेंट में रह रहा था. अब्दुल्ला दानिश पर मुंबई, मध्य प्रदेश, गुजरात में ब्लास्ट के आरोपी सफदर हुसैन नागौरी के परिजनों के संपर्क में रहने की बात सामने आई है. नागौरी के परिवार को वह आर्थिक मदद पहुंचा रहा था.

20 साल से था वांछित
अब्दुल्ला दानिश को शताब्दी एक्सप्रेस से कानपुर जाना था. दिल्ली पुलिस ने अब्दुल्ला को जब पकड़ा तो किसी को भनक भी नहीं लगी. परिवार के लोगों ने पहले तो अब्दुल्ला के अपहरण की सूचना थाना सिविल लाइन में दी. पुलिस ने जब छानबीन की तो पता चला कि दिल्ली पुलिस अब्दुल्ला को उठा ले गई. इसके बाद पुलिस ने भी रविवार को शमी अपार्टमेंट में अब्दुल्ला के घर की तलाशी ली. बता दें कि दानिश दो दशक से अलीगढ़ में रह रहा था, लेकिन स्थानीय पुलिस और खुफिया तंत्र को उसकी गतिविधियों की जानकारी नहीं थी. हालांकि अलीगढ़ पुलिस के अनुसार अब्दुल्ला दानिश बीस साल से दिल्ली से वांछित चल रहा था और अलीगढ़ में सामान्य तरीके से रह रहा था. अलीगढ़ में अब्दुला किसी तरह की आपराधिक गतिविधि नहीं की है. नई दिल्ली पुलिस की गिरफ्तारी के बाद अब अलीगढ़ पुलिस अब्दुल्ला के नेटवर्क के बारे में पता लगा रही है.

खुफिया एजेंसी सतर्क
सिमी का गठन अलीगढ़ में ही 1977 में हुआ था. 2001 में सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि इसका एक कार्यालय शमशाद मार्केट में कई वर्षों से बंद पड़ा है और खुफिया एजेंसी भी यह मान रही थी कि अब सिमी का नेटवर्क खत्म हो चुका है, लेकिन दानिश की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि 2001 से अब्दुल्ला दानिश छिपकर रहा था.

एएमयू से अरबी में किया था एमए
अब्दुल्ला दानिश 1985 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अरबी में एमए किया था और यहां पर सिमी के संपर्क में आया था. वहीं सिमी की मैगजीन के हिंदी वर्जन का संपादक भी बनाया गया था. यह भी बताया जा रहा है कि अब्दुल्ला के घर में आतंकी को पनाह भी दी थी. उर्दू फारसी अनुवादक के रुप में अब्दुला की पहचान थी.

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