अलीगढ़: अलीगढ़ जिला जेल में गुनहगारों की क्लास चलती है. 26 खतरनाक कैदियों को बंदी जेल में स्कूली शिक्षा दे रहा है. जेल अधिकारी भी इस अनूठी पहल को आगे बढ़ा रहे हैं. जिला कारागार में 9:00 से 11:00 तक कैदियों की क्लास चलती है. लैपटॉप और प्रोजेक्टर से पढ़ाई कराई जा रही है. करीब 250 लोग इग्नू से पढ़ाई कर रहे हैं. इग्नू की परीक्षा भी चल रही है.
अलीगढ़ जिला जेल में पिछले 7 साल से बंद एक कैदी को पढ़ाई करते देख जेल में बंद अन्य कैदियों में भी पढ़ाई करने का अलख जाग गई. कैदियों ने बैरक में पढ़ाई करने वाले उस कैदी से कॉपी, पेंसिल की डिमांड की. कैदियों में पढ़ाई की प्रति रूचि को देख कैदी ने इस बात को जेल प्रशासन के कानों तक पहुंचाया. कैदी की इस बात पर जेल प्रशासन ने गंभीरता से अमल करते हुए कारावास के भीतर सुचारू रूप से पढ़ाई के लिए एक स्कूल खोल दिया.
इसके बाद कैदियों में पढ़ाई करने की जागृत हुई इच्छा को देख जेल में बंद एक कैदी ने कैदियों की पढ़ाई का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया और कैदियों का शिक्षक बन बैठा. कैदी शिक्षक द्वारा 9:00 से 11:00 तक कारावास में बंद 26 कैदियों को जेल के भीतर खोले गए उस स्कूल में क्लास लगाते हुए शिक्षा दी जा रही है. जेल अधिकारियों द्वारा कैदियों की पढ़ाई को लेकर कारावास में स्कूल खोलते हुए एक अनूठी पहल शुरू की गई है. जेल अधीक्षक का कहना है कि इग्नू की रेगुलर कक्षाएं जेल में चलाई जा रही हैं. इसमें इग्नू के लगभग 250 लोग ऐसे हैं, जो विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर रहे हैं. जबकि जेल में इग्नू की परीक्षाएं भी जारी हैं.
अलीगढ़ जिला जेल में पिछले 7 साल से बंद कैदी हरकेश तेवतिया ने बताया कि वह पिछले 7 साल से जेल के अंदर बंद हैं. जेल में आने से पहले वे बाहर भी बच्चों को पढ़ाते थे, लेकिन जेल के अंदर पहुंचने के बाद भी वह लगातार बैरक के अंदर पढ़ाई करते थे. उसको पढ़ाई करते हुए देख बैरक के अंदर बंद और कैदी भी उसके पास आकर उसकी पढ़ाई को लेकर सवाल करते हुए अखबार पढ़ने लगे. इसके बाद बैरक में बंद अन्य कैदियों में भी उसे पढ़ाई करते हुए देख पढ़ाई के प्रति धीरे-धीरे इच्छा जागृत होने लगी. इसके बाद उससे अन्य कैदियों ने कॉपी, पेंसिल की डिमांड करने लगे. जेल अधिकारियों ने कैदियों की पढ़ाई को प्रॉपर तरीके से संचालित करने के लिए जेल में स्कूल खोल दिया.
कैदी का कहना है कि अगर इसी तरह से कारावास में बंद कैदी पढ़ाई करते रहे, तो जेल में बंद ये कैदी बाहर निकलकर एक बहुत ही अच्छा मुकाम हासिल कर सकते हैं. वहीं, इस मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश सिंह यादव का कहना है कि अलीगढ़ जेल में प्रौढ़ शिक्षा के तहत एक फाउंडेशन की तरफ से कैदियों को पढ़ाने के लिए कार्यक्रम चल रहा है, जबकि इग्नू की तरफ से भी जेल में रेगुलर कक्षाएं चलाई जा रही है. इसमें करीब 250 बच्चे ऐसे हैं, जो इग्नू से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर रहे हैं. वहीं, जेल के अंदर इग्नू की परीक्षाएं भी जारी हैं.