अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान राथर ने शाहजमाल में महिलाओं के प्रदर्शन में बुर्का पहनकर जाने की घटना को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब हम वहां धरने में शामिल हुए तो महिलाओं को कोऑर्डिनेट करने वाला कोई नहीं था.
सज्जाद सुभान राथर ने कहा कि एसपी सिटी और अन्य अधिकारियों से महिलाओं की परेशानी के बारे में जब बताया तो प्रशासन ने रजाई और टेंट की सुविधा देने से मना कर दिया. देर रात में ठंड को लेकर महिलाओं को परेशानी हो रही थी, जिसके लिए जिलाधिकारी को भी पत्र लिखा था. मैं वहां महिलाओं की हिम्मत बढ़ाने के लिए गया था.
सज्जाद ने बताया कि कुछ मीडिया के लोगों ने मुझे बुर्के में जाने की बात कही है. यह बिल्कुल गलत है और मुझे बदनाम करने की साजिश है. मेरे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है. मेरे साथ जिस महिला की फोटो दिखाई जा रही है. यह उसके लिए भी पीड़ादायक है. मेरे खिलाफ यह काम जिन लोगों ने किया है, उनको कानूनी नोटिस भेजूंगा. उन्होंने बताया कि उस वक्त का वीडियो फेसबुक पर मौजूद है.
इसे भी पढ़ें:- मैनपुरी: खतरे में ईसन नदी का अस्तित्व, डीएम ने बचाने का उठाया बीड़ा
मुझे कानून पर पूरा भरोसा है. चाहे जितनी एफआईआर कर लें, मैंने कोई हिंसा नहीं बढ़ाई है. मैंने कुछ गलत नहीं किया है. मुझे निशाना बनाया जा रहा है, जो बुर्के वाली फोटो में मुझे बताया जा रहा है, वह गलत है.
-सज्जाद सुभान राथर, पूर्व उपाध्यक्ष , एएमयू छात्रसंघ