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कानपुर दंगाः जुमे की नमाज पर प्रतिबंध को साध्वी ने राष्ट्रपति को लिखा खून से पत्र

कानपुर में हुए दंगे के विरोध में साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. इसमें जुमे की नमाज पर प्रतिबंध समेत कई मांगें उठाई गईं हैं.

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Published : Jun 6, 2022, 8:07 PM IST

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कानपुर दंगाः जुमे की नमाज पर प्रतिबंध को साध्वी ने राष्ट्रपति को लिखा खून से पत्र

अलीगढ़ः कानपुर में हुए दंगे के विरोध में निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. इसमें मांग की है कि जुमे की नमाज पर प्रतिबंध लगाया जाए. मस्जिदों में इबादत के नाम पर आतंक फैलाया जाता है. उन्होंने देशभर के दंगों के अलावा कानपुर के दंगे को जुमे वाले दिन से जोड़ते हुए उदाहरण दिया है.

साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि जुमे की नमाज के नाम पर हर मस्जिद के बाहर और भीतर हजारों की संख्या में भीड़ एकत्रित होती है. भीड़ को उन्मादित कराकर दूसरे सम्प्रदाय पर हमला कराया जाता है. लूटपाट, छेड़छाड़ और आगजनी की जाती है. पुलिस पर हमला होता है.जुमे की नमाज के बाद तकरीर होती है जो साम्प्रदायिकता से भरी हुई होती है. जुमे की नमाज के बाद ही आखिर उपद्रव क्यों होता है. उन्होंने कहा कि इस दिन भीड़ को नियंत्रित करना चाहिए.

साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखा.

मांग की है कि जुमे के दिन सामूहिक नमाज पर प्रतिबंध लगाया जाए. मस्जिद में 25 से ज्यादा व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लगे. साथ ही उन्होंने मांग की कि जुमे के दिन राष्ट्रविरोधी तकरीर देने वाले मौलानाओं व मुक्तियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए. उन्होंने एसीएम केबी सिंह को राष्ट्रपति को संबोधित पत्र सौंपा.

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अलीगढ़ः कानपुर में हुए दंगे के विरोध में निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. इसमें मांग की है कि जुमे की नमाज पर प्रतिबंध लगाया जाए. मस्जिदों में इबादत के नाम पर आतंक फैलाया जाता है. उन्होंने देशभर के दंगों के अलावा कानपुर के दंगे को जुमे वाले दिन से जोड़ते हुए उदाहरण दिया है.

साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि जुमे की नमाज के नाम पर हर मस्जिद के बाहर और भीतर हजारों की संख्या में भीड़ एकत्रित होती है. भीड़ को उन्मादित कराकर दूसरे सम्प्रदाय पर हमला कराया जाता है. लूटपाट, छेड़छाड़ और आगजनी की जाती है. पुलिस पर हमला होता है.जुमे की नमाज के बाद तकरीर होती है जो साम्प्रदायिकता से भरी हुई होती है. जुमे की नमाज के बाद ही आखिर उपद्रव क्यों होता है. उन्होंने कहा कि इस दिन भीड़ को नियंत्रित करना चाहिए.

साध्वी अन्नपूर्णा भारती ने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखा.

मांग की है कि जुमे के दिन सामूहिक नमाज पर प्रतिबंध लगाया जाए. मस्जिद में 25 से ज्यादा व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लगे. साथ ही उन्होंने मांग की कि जुमे के दिन राष्ट्रविरोधी तकरीर देने वाले मौलानाओं व मुक्तियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए. उन्होंने एसीएम केबी सिंह को राष्ट्रपति को संबोधित पत्र सौंपा.

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