अलीगढ़: जिले में मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के विरोध में आवाज उठने लगी है. इसमें अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र सहित कई मुस्लिम धर्मगुरु विरोध प्रदर्शन में उतर आए हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जुमे की नमाज के बाद प्रोटेस्ट मार्च निकालने का आह्वान सोशल मीडिया के जरिए किया गया है. हालांकि विश्वविद्यालय इंतजामियां ने ऐसी किसी गतिविधि से इनकार किया है.
वहीं शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में मुस्लिम संगठन और धर्म गुरुओं ने राज्यपाल को प्रेषित मेमोरेंडम जिलाधिकारी को दिया है. जिसमें उन्होंने इस्लामिक स्कॉलर और धर्मगुरु मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर विरोध दर्ज किया गया है और उनकी ससम्मान रिहाई की मांग की है. मुस्लिम स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी को दो दिन पहले उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने धर्म परिवर्तन के मामले में गिरफ्तार किया था.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोहम्मद सलमान इम्तियाज ने कहा कि इस्लाम का प्रचार करना और उनके संदेशों को विचारों से वाकिफ कराना मुसलमानों का धार्मिक कर्तव्य है. भारत के संविधान के अनुसार देश के हर नागरिक को अपनी धार्मिक आस्थाओं के मुताबिक अमल करने और अपने धर्म से दूसरों को वाकिफ कराने की आजादी है. कुरान में भी यही कहा गया है. उन्होंने कहा कि आस्था और धर्म के मामले में किसी पर कोई जबरदस्ती नहीं है. इस्लाम के प्रचारक किसी को लालच या भय से इस्लाम कबूल करने पर मजबूर नहीं करते हैं.
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समाजसेवी आगा यूनुस खान ने कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी पर लगाए गए मुकदमे को तुरंत वापस किया जाए और उनको सम्मान पूर्वक रिहा किया जाएं. उन्होंने कहा कि झूठे आरोप और गैरकानूनी तरीके से मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है. एएमयू के छात्रों के तरफ से सोशल मीडिया पर पोस्टर वायरल हो रहा है. जिसमें नफरत के खिलाफ खड़े होने की बात कही गई है. इसके साथ ही असम में मुसलमानों की हत्या और मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी को लेकर आवाज उठाने का आह्वान किया गया है.