अलीगढ़: केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्हें चेतावनी देने के लिए पुलिस ने जिलों में फ्लैग मार्च निकाला. मगर अलीगढ़ में पुलिस का बुलडोजर के साथ फ्लैग मार्च अचानक सुर्खियों में आ गया. जहां पुलिस की इस कार्रवाई पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. सपा प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने कहा कि सरकार लगातार बुलडोजर का उपयोग आम आदमी को डराने के लिए कर रही है, लेकिन जनता सरकार से डरेगी नहीं. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पंकज तिवारी ने कहा फ्लैग मार्च के साथ बुलडोजर लोकतंत्र और संविधान का मखौल उड़ाने की श्रेणी में आता है. सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.
पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता ने अलीगढ़ पुलिस के इस कदम को गैरकानूनी बताया है. उनका कहना है कि योजना का विरोध करने वाले कोई कोई माफिया या गुंडे नहीं हैं. योजना का विरोध छात्र, बेरोजगार कर रहे है, जिन्हें समझाने की जरूरत है न कि बुलडोजकर दिखाकर आग में घी डालने की आवश्यकता है. पूर्व डीजीपी एके जैन का कहना है कि योजना को लेकर इसके पहले भी अलीगढ़ में हिंसा भड़क चुकी है तो शायद सड़क पर रास्ता अवरोध किए जाने की स्थिति में बुलडोजर से मार्ग खुलवाया जा सके. इसलिए उसे मार्च में जगह दी गई.
दरअसल, अलीगढ़ के तहसील खैर में पिछले दिनों प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ के साथ आगजनी की थी, इसलिए सोमवार को उन्हीं मार्गों पर दंगाइयों को डराने के लिए अलीगढ़ एसपी ग्रामीण पलाश बंसल के नेतृत्व में बुलडोजर के साथ फ्लैग मार्च निकाला गया था.
सरकार से नहीं डरती जनता: फखरूल हसन चांद
इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने कहा है कि बुलडोजर के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट सुन रहा है. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी की सरकार को होश नहीं आ रहा है. भाजपा सरकार लगातार जनता को बुलडोजर के जरिए डराने का प्रयास कर रही है. अब अलीगढ़ जैसे संवेदनशील शहर में बुलडोजर के जरिए फ्लैग मार्च करना यह दर्शाता है कि सरकार बुलडोजर को उपयोग आम आदमी को डराने के लिए लगातार कर रही है. सपा प्रवक्ता चांद ने कहा कि यह देश गांधी का, लोहिया का और बाबा साहब का है. यहां की जनता डरने वालों में से नहीं है. सरकार कितना भी बुलडोजर दिखा ले मगर जनता सच्चाई के रास्ते पर चलेगी और सरकार से बिल्कुल भी नहीं डरेगी.
'जनता में दहशत फैलाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल'
इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता पंकज तिवारी का कहना है कि 'बिना किसी कारण या अपराध के अगर पुलिस फ्लैग मार्च करने के दौरान अपने साथ बुलडोजर लेकर चलती है, तो यह सीधे तौर पर लोकतंत्र और संविधान का मखौल उड़ाने की श्रेणी में आता है. ऐसे पुलिस अधिकारी पर सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. उसे सस्पेंड करना चाहिए. जनता में दहशत फैलाने के लिए बुलडोजर लेकर पुलिस को नहीं चलना चाहिए. यह कानून का भी मजाक है और भारत के तिरंगे का भी अपमान है. पुलिस को ऐसा करने से पहले जरूर सोचना चाहिए, क्योंकि पुलिस जनता की रक्षा करने के लिए है, न कि दहशत पैदा करने के लिए.'
बुलडोजर बना अन्याय का प्रतीक-सपा प्रवक्ता
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा है कि 'उत्तर प्रदेश में बुलडोजर अन्याय का प्रतीक बन चुका है. भारत के कानून में कहीं नहीं लिखा है कि बगैर नोटिस और उपयुक्त समय दिए किसी भी व्यक्ति के घर या दुकान को नष्ट नहीं किया जा सकता है. कोई भी व्यक्ति चाहे वो पुलिस ही क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है. बुलडोजर से डराने की राजनीति का हम विरोध करते हैं. सभ्य समाज में बुलडोजर से डराने की राजनीति की कोई जगह नहीं हो सकती. अलीगढ़ में पुलिस द्वारा जो कृत्य किया गया है, वह बहुत ही निंदनीय है. इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है. व्यापारियों और आम नागरिकों में इस तरह भय का माहौल बनाना संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. ऐसा करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
'बुलडोजर लेकर आग में घी डाल रही अलीगढ़ पुलिस'
पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता ने अलीगढ़ पुलिस के इस कदम को गैरकानूनी बताया है. उनका कहना है कि योजना का विरोध करने वाले कोई कोई माफिया या गुंडे नहीं हैं. योजना का विरोध छात्र, बेरोजगार कर रहे है, जिन्हें समझाने की जरूरत है न कि बुलडोजकर दिखाकर आग में घी डालने की आवश्यकता है.
के एल गुप्ता कहते है कि कई बार पुलिस मुख्यालय की ओर से ये सख्त निर्देश दिए जा चुके है कि बुलडोजर चलाना या इससे कोई कार्रवाई करना जिला प्रशासन व विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी है. पुलिस बल सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने व सहयोगी विभागों को सहयोग करने के लिए होती है. उसके बावजूद पुलिस बार-बार मनमानी कर रही है. बुलडोजर से अपराधियों के मकान व अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया जाता है न की प्रदर्शनकारियों को डराने के लिए इसका उपयोग किया जाता है.
क्या सड़क की सफाई करने के लिए साथ लाए थे बुलडोजर ?
पूर्व डीजीपी एके जैन का कहना है कि योजना को लेकर इसके पहले भी अलीगढ़ में हिंसा भड़क चुकी है तो शायद सड़क पर रास्ता अवरोध किए जाने की स्थिति में बुलडोजर से मार्ग खुलवाया जा सके. इसलिए उसे मार्च में जगह दी गई. पूर्व डीजीपी एके जैन कहते हैं कि ये अलीगढ़ पुलिस से पूछना होगा कि क्या सड़क की सफाई के किये बुलडोजकर उनके साथ था?
प्रदर्शनकारियों ने की थी आगजनी
बीते दिनों अलीगढ़ जिले के खैर क्षेत्र में 'अग्निपथ योजना' के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा चौकी में तोड़फोड़ की गई थी. साथ ही नेशनल हाईवे पर जमकर उत्पात भी मचाया गया था. दंगाइयों को डराने के लिए सोमवार को अलीगढ़ एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में बुलडोजर के साथ गौमत चौराहे से लेकर नौहझील बाजना रोड स्थित गौमत गांव तक फ्लैग मार्च निकाला गया. इस दौरान पुलिस ने लोगों से किसी भी अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की. साथ ही कहा गया कि सोशल मीडिया पर डाली जा रही भड़काऊ वीडियो पर बिल्कुल ध्यान न दें. अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट या अफवाह इलाके में फैला रहा है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी जाएं. जबकि पुलिस को सूचना देने वाले का नाम और उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी. पुलिस के इस एक्शन के दौरान भारी संख्या में पीएसी के जवान मौजूद रहे.
अब तक 525 गिरफ्तार
'अग्निपथ योजना' को लेकर देश में विरोध जारी है. यूपी-बिहार में ये विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुका है. इस मामले में अब तक 14 जिलों में 46 मुकदमे दर्ज किए जा चुके है. जिसमें 525 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की गई है.
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