अलीगढ़: किसानों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी आयोजित की गयी. कोरोना संकटकाल में संक्रमण से महफूज रखते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित गोष्ठी में एपीसी आलोक सिन्हा ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री का किसानों की आय को दोगुना किये जाने के सपने को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा किसानों के हितों में कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से उपज को बढाने के लिए जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं. ताकि किसान कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर सकें. अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी द्वारा प्रतिभाग करते हुए मण्डल की डिमाण्ड एवं कृषि क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों के बारे में शासन को अवगत कराया गया.
गोष्ठी में जनपद के प्रगतिशील कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया. खेती में अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करने, जैविक खेती, जीरो बजट फार्मिंग को बढ़ावा देने, पानी का सदुपयोग करने एवं पर्यावरण संरक्षण के सम्बन्ध में विषय विशेषज्ञों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गयी. आलोक सिंह ने बताया कि प्रदेश में खाद एवं बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. जनपद स्तर पर उर्वरक एवं बीजों की कालाबाजारी व अफरा-तफरी से बचने के लिए डीएम अपने स्तर से बैठक अवश्य कर लें. सभी धान क्रय केन्द्र समय से खोलकर धान क्रय की कार्यवाही अमल में लाई जाएं. 15 अक्टूबर से मक्का क्रय केन्द्र भी खोले जाएंगे. पराली जलाने की समस्या को लेकर सरकार अत्यंत ही गंभीर है. पराली के बेहतर प्रबन्धन के लिये सरकार द्वारा कृषि उपकरणों पर अनुदान देने के साथ ही दोषियों के विरूद्ध जुर्माना एवं सजा का प्रावधान किया गया है.
अलीगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी अनुनय झा ने बताया कि किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिये जिलास्तर पर वार्तालाप किया जाता है. जनपद में बिजली-पानी एवं खाद की कोई समस्या नहीं है. नहरों में टेल तक पानी पहुंचाने के लिए सिल्ट सफाई का कार्य कराया जा रहा है. उन्होंने यूरिया के रिजर्व स्टाक के लिए 3000 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध कराने एवं बाजरा क्रय केन्द्र खोलने की भी मांग की. उन्होंने बताया कि जनपद में धान क्रय के लिए 20 केन्द्र खोले गये हैं. खरीद प्रारम्भ हो गयी है. पराली जलाने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही करते हुए अब तक 11 दोषी किसानों पर एफआईआर एवं 05 को गिरफ्तार किया गया है. जिला प्रशासन की सख्ती को देखते हुए अधिकतर किसानों द्वारा पराली को रोटावेटर से काटकर खेतों में सड़ाया जा रहा है. उन्होंने शीघ्र ही पराली प्रबन्धन यंत्र क्रय किये जाने का भी आश्वासन दिया.
सीडीओ ने बताया कि जनपद में 04 एफपीओ का गठन किया गया है जो सीड प्रोडक्शन, सब्जी उत्पादन, आर्गेनिक फार्मिंग, जैविक खेती का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जनपद में आलू 20 हजार हेक्टेयर एवं गेंहू 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोया जाता है. जनपद में 1600 कुन्तल आलू बीज का आवंटन लाटरी के माध्यम से किया गया. मांग के सापेक्ष अभी 7000 कुन्तल आलू बीज की आवश्यकता है. इसी प्रकार से 6000 कुन्तल यूरिया का भी आवंटन वांछित है. 18000 मीट्रिक टन धान क्रय के लक्ष्य के सापेक्ष 20 क्रय केन्द्र खोलकर धान खरीद प्रारम्भ की गयी है. आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिए प्रत्येक तहसील स्तर पर कैटल कैचर की आवश्यकता महसूस की जा रही है. गौशालाओं के लिए अब तक 95 हजार कुन्तल पराली का क्रय किया गया है.