अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सोमवार को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में स्थाई कुलपति का पैनल बनने से पहले छात्रों ने सर सैयद हाउस पर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने कहा कि उन्हें आरएसएस से जुड़ा हुआ कुलपति नहीं चाहिए. छात्रों ने कहा कि पिछले कुलपति का चयन सही नहीं किया गया. लेकिन, इस बार एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य ऐसे कुलपति का चयन करें, जो विश्वविद्यालय के हित में काम करें, न कि अपने जाति हित में काम करें. बैठक में शामिल होने के लिए पहुंच रहे लोगों को छात्रों ने ज्ञापन सौंपा.
स्थाई कुलपति के लिए छात्रों, शिक्षकों ने चलाया आंदोलन: बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और एमएलसी तारिक मंसूर का कार्यकाल विवादों से भरा रहा. कार्यकाल पूरा करके जाते-जाते भी विवादों ने तारिक मंसूर का पीछा नहीं छोड़ा. कोरोना काल में तारिक मंसूर ने एक साल का एक्सटेंशन अगले वीसी का चुनाव कराने के लिए मांगा था. करीब 6 महीने से प्रोफेसर मोहमम्द गुलरेज के पास कार्यकारी कुलपति का चार्ज होने के बाद भी जब कुलपति की चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही थी, तो एएमयू कैंपस में छात्रों और टीचरों ने "SAVE ACT, SAVE AMU" के नाम से आंदोलन चलाया. जिसको कामयाबी मिली और अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नए कुलपति की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है.
आरएसएस से जुड़ा कुलपति नहीं चाहिए: वहीं, सोमवार को एएमयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की मीटिंग है. जिसमें, अपेक्षित सभी उम्मीदवारों में से पांच का चयन करके नाम यूनिवर्सिटी कोर्ट को भेजे जाएंगे. इसी मौके पर सभी की निगाहें "ईसी मेंबर्स" और उनके फैसले पर टिकी हुई हैं. सुबह नौ बजे जब ईसी की मीटिंग सर सैयद हाउस में होनी थी. यहां पहुंचकर छात्रों ने शांतिपूर्वक तरीके से प्ले कार्ड, पोस्टर हाथ में लेकर अपना संदेश दिया. अलग-अलग प्ले कार्ड पर अलग-अलग स्लोगन लिखे हुए थे. जिस पर लिखा था कि 'हमें संघी वीसी नहीं चाहिए , हमें लालची वीसी नहीं चाहिए, विश्वविद्यालय के हित में काम करने वाला कुलपति चाहिए'.
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ईसी कुलपति के पैनल के लिए पांच नामों का करेगी चयन: छात्रों ने मीटिंग के लिए आने वाले सभी ईसी मेंबर्स की पैनल प्रक्रिया (EC members empanelment process) शुरू होने की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉ. तारिक मंसूर का गलत चयन किया गया था, जिसका खामियाजा पूरे विश्वविद्यालय को पिछले 6 साल में भुगतना पड़ा. अब फैसला आप लोगों के हाथ में है, आप लोगों से अपील करते हैं कि अच्छे कुलपति का चयन करें, जो विश्वविद्यालय के हित में काम करें. विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाए. इस बातचीत के अलावा छात्रों ने लिखित तौर पर एक मेमोरेंडम भी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सभी सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया. जिसमें इसी तरह की अपील की गई थी.
कुलपति की कुर्सी पर गलत व्यक्ति स्वीकार नहीं: छात्रों ने यह भी कहा कि गलत इंसान के चयन से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं. यह सब तजुर्बा पिछले 6 साल में किया और विश्वविद्यालय इससे ज्यादा एक गलत आदमी को वाइस चांसलर की कुर्सी पर बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है. अगला कुलपति भी अगर कोई तारिक मंसूर की तरह गलत आदमी को चुना गया तो चुनने वाले ईसी मेंबरों की जवाबदेही तय की जाएगी.
छात्रों और प्रॉक्टर टीम में हुई नोकझोंकः इस मौके पर छात्रों की प्रॉक्टर टीम से नोक झोंक भी हुई. वहीं, डिप्टी प्रॉक्टर प्रोफेसर नवाज जैदी ने छात्रों से कहा कि अब वीसी पैनल बन रहा है, तो फिर अब क्यों आए हो. इस पर छात्रों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लगता है आपको वीसी पैनल प्रक्रिया शुरू होने की बहुत तकलीफ हुई है. राष्ट्रपति नॉमिनी, प्रोफेसर उमेश कदम जब अपनी गाड़ी से सर सैय्यद अकादमी की तरफ आए तो प्रॉक्टीरियल टीम ने छात्रों को छुपाने के लिए सभी गार्डों को उनके सामने लाइन बनाकर खड़ा कर दिया. वहीं, प्रोफेसर उमेश कर्दम ने अपनी गाड़ी रुकवा कर गार्डों से हटने के लिए कहा और छात्रों को अपने पास बुलाकर उनकी पूरी बात सुनी. इसके साथ ही मेमोरेंडम लिया और उनकी लगन और विश्वविद्यालय के लिए उनके प्रेम को देखते हुए उन्हें शुभकामनाएं भी दी.
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