अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिजाब प्रकरण को लेकर छात्रों ने भारी प्रदर्शन किया. छात्रों के साथ छात्राएं भी सड़क पर उतर कर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. भारी संख्या में बॉबे सैयद गेट के बाहर पुलिस तैनात की गई है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने जुमे की नमाज के बाद ही जामा मस्जिद से निकलकर प्रोटेस्ट मार्च निकाला.
छात्र एएमयू कैंपस में नारेबाजी करते हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर निकले. छात्रों ने हाथों में जो पोस्टर लिए हुए थे, उसमें तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही गई. छात्रों ने पोस्टर के जरिए संदेश दिया कि हिजाब हमारी 'डिग्निटी' है और हमारा राइट है. वहीं छात्रों के बैनर में 'माय चॉइस माय राइट' की बात कही. एएमयू कैंपस में ये तदबीर अल्लाह ओ अकबर के नारे लगे. तो वहीं बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ भी छात्रों ने नारे लगाए. छात्रों ने 'आजादी' के भी नारे लगाए और यह नारा सरकार की तानाशाही से आजादी से जुड़ा था.
छात्र नेता आरिफ त्यागी ने कहा कि कर्नाटक को लेकर एएमयू में सॉलिडेरिटी मार्च निकाला गया है. कर्नाटक में छात्रा के फेवर में एएमयू के छात्र खड़े हैं. छात्रा के साथ बदसलूकी की गई. उस छात्रा की हिम्मत को सलाम किया है.
छात्र नेता ने कहा कि किसी भी मजहब पर जुल्म हो. एएमयू छात्र उसके खिलाफ आवाज उठाते हैं. छात्र नेता आरिफ ने बताया कि अगर हिजाब को टारगेट किया गया. अगर इस्लाम को टारगेट किया गया तो रोड जाम कर देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह हिजाब पहनना फंडामेंटल राइट्स है और किसी भी लिबास को टारगेट नहीं किया जा सकता है.
छात्र मोहम्मद रियाज पाशा ने बताया कि हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट हिजाब पर कुछ करता है, तो वह जायज है. लेकिन आरएसएस या एबीवीपी वाले किसी के धर्म में अड़ंगा नहीं लगा सकते. यूपी में चुनावी माहौल को लेकर छात्र ने कहा कि इस प्रकरण को लेकर ध्रुवीकरण कर दिया गया है.
इसे भी पढ़ें- कर्नाटक हिजाब का मामला कट्टरपंथियों का क्रूर षड्यंत्र: इंद्रेश कुमार
लेकिन यह देखना होगा कि इस माहौल को जो बनाया गया है, इसमें महंगाई और अन्य मुद्दों पर ध्यान रखना पड़ेगा. क्योंकि अब हिजाब सियासी प्रकरण बन गया है. हमारे महंगाई और बेरोजगारी के जो मुद्दे थे, अगर यह भूलकर लोग वोट करेंगे, तो देश का भविष्य बहुत कठिन होगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप