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कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान, अलीगढ़ में बांटी गईं मिठाइयां - कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान

हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वाले भाजपा के कर्मठ नेता कल्याण सिंह को 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान देने पर अतरौली इलाके में खुशी की लहर है. यहां देर शाम मिठाइयां बांटी गईं. कल्याण सिंह द्वारा राजनीति के क्षेत्र में लोक कल्याणकारी एवं सराहनीय योगदान दिए जाने पर उन्हें सम्मान दिया गया. हालांकि कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण का सम्मान देने के राजनीतिक मायने भी है.

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कल्याण सिंह को मरणोपरांत पदम विभूषण सम्मान, अलीगढ़ में बांटी गईं मिठाइयां
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Published : Jan 25, 2022, 10:34 PM IST

अलीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह को भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा है. कल्याण सिंह के पुत्र एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया ने इसके लिए आभार जताया. सांसद राजवीर सिंह ने कहा कि बाबूजी सर्व समाज के व्यक्ति थे. समाज में खुशी का माहौल है.

कल्याण सिंह अलीगढ़ के अतरौली के रहने वाले थे. इनका जन्म 5 जनवरी 1932 को मढौली में हुआ था. उनकी मृत्यु 21 अगस्त 2021 में हुई. कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे. राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.

कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान, अलीगढ़ में बांटी गईं मिठाइयां

उन्हें प्रखर राष्ट्रवादी राजनेता के रूप में जाना जाता था. अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय में कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे. ढांचा ढहने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

हालांकि 1999 में कल्याण सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दिया था लेकिन फिर जनवरी 2004 में फिर से भाजपा से जुड़े. कल्याण सिंह भारतीय जनता पार्टी से ओबीसी वर्ग के एक बड़ा चेहरा था जिसे संघ ने तराशा था.

यह भी पढ़ें : ढाई महीने उत्तर प्रदेश में रहेगा हिंदू-मुस्लिम और जिन्ना का भूत : राकेश टिकैत

हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वाले भाजपा के कर्मठ नेता कल्याण सिंह को 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान देने पर अतरौली इलाके में खुशी की लहर है.

यहां देर शाम मिठाइयां बांटी गईं. कल्याण सिंह द्वारा राजनीति के क्षेत्र में लोक कल्याणकारी एवं सराहनीय योगदान दिए जाने पर उन्हें सम्मान दिया गया. हालांकि कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण का सम्मान देने के राजनीतिक मायने भी है.

कल्याण सिंह के परिवार में उनके पोते संदीप सिंह अतरौली विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, उनके बेटे राजवीर सिंह राजू भैया एटा से सांसद है.

साथ ही राजवीर सिंह राजू भैया की समधन विजय सिंह अलीगढ़ जिला पंचायत की अध्यक्ष है. कल्याण सिंह पिछड़ों और खासतौर लोध बिरादरी के बड़े नेता थे. पश्चिमी यूपी में अलीगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में लोध बिरादरी का वोट प्रतिशत काफी महत्व रखता है.

कल्याण सिंह के निधन पर स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अंतिम संस्कार और तेरहवीं के भोज में शामिल हुए थे. कल्याण सिंह को हिंदुत्व की राजनीति का आइकन माना जाता है. हालांकि इस सम्मान के जरिए बीजेपी पिछड़े वर्ग के वोटों को साधने की कोशिश की है.

अलीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह को भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा है. कल्याण सिंह के पुत्र एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया ने इसके लिए आभार जताया. सांसद राजवीर सिंह ने कहा कि बाबूजी सर्व समाज के व्यक्ति थे. समाज में खुशी का माहौल है.

कल्याण सिंह अलीगढ़ के अतरौली के रहने वाले थे. इनका जन्म 5 जनवरी 1932 को मढौली में हुआ था. उनकी मृत्यु 21 अगस्त 2021 में हुई. कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे. राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.

कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान, अलीगढ़ में बांटी गईं मिठाइयां

उन्हें प्रखर राष्ट्रवादी राजनेता के रूप में जाना जाता था. अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय में कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे. ढांचा ढहने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

हालांकि 1999 में कल्याण सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दिया था लेकिन फिर जनवरी 2004 में फिर से भाजपा से जुड़े. कल्याण सिंह भारतीय जनता पार्टी से ओबीसी वर्ग के एक बड़ा चेहरा था जिसे संघ ने तराशा था.

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हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वाले भाजपा के कर्मठ नेता कल्याण सिंह को 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान देने पर अतरौली इलाके में खुशी की लहर है.

यहां देर शाम मिठाइयां बांटी गईं. कल्याण सिंह द्वारा राजनीति के क्षेत्र में लोक कल्याणकारी एवं सराहनीय योगदान दिए जाने पर उन्हें सम्मान दिया गया. हालांकि कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण का सम्मान देने के राजनीतिक मायने भी है.

कल्याण सिंह के परिवार में उनके पोते संदीप सिंह अतरौली विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, उनके बेटे राजवीर सिंह राजू भैया एटा से सांसद है.

साथ ही राजवीर सिंह राजू भैया की समधन विजय सिंह अलीगढ़ जिला पंचायत की अध्यक्ष है. कल्याण सिंह पिछड़ों और खासतौर लोध बिरादरी के बड़े नेता थे. पश्चिमी यूपी में अलीगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में लोध बिरादरी का वोट प्रतिशत काफी महत्व रखता है.

कल्याण सिंह के निधन पर स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अंतिम संस्कार और तेरहवीं के भोज में शामिल हुए थे. कल्याण सिंह को हिंदुत्व की राजनीति का आइकन माना जाता है. हालांकि इस सम्मान के जरिए बीजेपी पिछड़े वर्ग के वोटों को साधने की कोशिश की है.

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