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मोहन भागवत जैसे नेता आरएसएस संगठन को खत्म कर देंगेः नरसिंहानंद सरस्वती - तूफान मूवी

अलीगढ़ में सोमवार को 'भारत में बढ़ता जिहाद' विषय पर नौरंगाबाद स्थित सनातन भवन में गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान भारतीय संत परिषद के संयोजक स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती (Narasimhananda Saraswati) ने मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) और तूफान मूवी (Toofaan Movie) को लेकर विवादित बयान दिया.

नरसिंहानंद सरस्वती विवादित बयान.
नरसिंहानंद सरस्वती विवादित बयान.
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Published : Jul 13, 2021, 12:22 AM IST

अलीगढ़: जिले में सोमवार को 'भारत में बढ़ता जिहाद' विषय पर नौरंगाबाद स्थित सनातन भवन में गोष्ठी आयोजित की गई. इस गोष्ठी में डासना मंदिर के पीठाशीश्वर और भारतीय संत परिषद के संजोयक स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती (Narasimhananda Saraswati) ने मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के डीएनए वाले बयान पर विवादित बयान देते हुए कहा कि, मोहन भागवत जैसे नेता अगर आरएसएस में और होते रहे तो संगठन खत्म होने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगा.

उन्होंने कहा कि मोहन भागवत और औरंगजेब का डीएनए एक हो सकता है. वह अपने डीएनए की बात करें. वह हिंदू समाज के ठेकेदार नहीं है. आरएसएस अपने कार्यकर्ताओं की बात करे. आरएसएस जैसी संस्था पर बैन लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पब्लिक बैन लगा देगी. वहीं फरहान अख्तर की फिल्म 'तूफान' (Toofaan Movie) पर बोलते हुए यति नरसिंहानंद ने कहा कि लव जिहाद को बढ़ाने के लिए यह फिल्म बनाई गई है. बॉलीवुड इसी काम में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड की सफाई बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार इस तरह की फिल्मों पर बैन लगाए.

नरसिंहानंद सरस्वती का विवादित बयान.

इसे भी पढ़ें- विश्व धर्म संसद के लिए संतों का समर्थन मांगने हरिद्वार पहुंचे यति नरसिंहानंद सरस्वती

नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि जनसंख्या कानून बनाकर योगी सरकार एक कदम आगे बढ़ी है. ये शुरुआत है, लेकिन और सख्त कानून की अभी जरूरत है. उन्होंने कहा कि जितना कड़ा कानून चीन में है. वैसा ही कानून देश में बनना चाहिए. दंडात्मक प्रावधान होना चाहिए. तब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण मामले में भारत को चीन जैसी रणनीति बनानी चाहिए.

ओपेक देश द्वारा कश्मीर मसले को हल करने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने पर उन्होंने कहा कि ओपेक देश मुसलमानों का संगठन है और उनके माध्यम से कश्मीर का मुद्दा हल नहीं हो सकता. दुनिया में जहां भी जिहाद चलता है. उसका सबसे बड़ा फाइनेंसर सऊदी अरब है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को ओपेक देशों से कोई समझौता नहीं करना चाहिए. हम उनसे तेल खरीदते हैं और उनकी धमकी भी सहन करते हैं. अगर भारत तेल न खरीदे तो वह भुखमरी की नौबत पर आ जाएगें. भारत सरकार को अपनी शर्तों पर काम करना चाहिए.

अलीगढ़: जिले में सोमवार को 'भारत में बढ़ता जिहाद' विषय पर नौरंगाबाद स्थित सनातन भवन में गोष्ठी आयोजित की गई. इस गोष्ठी में डासना मंदिर के पीठाशीश्वर और भारतीय संत परिषद के संजोयक स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती (Narasimhananda Saraswati) ने मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के डीएनए वाले बयान पर विवादित बयान देते हुए कहा कि, मोहन भागवत जैसे नेता अगर आरएसएस में और होते रहे तो संगठन खत्म होने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगा.

उन्होंने कहा कि मोहन भागवत और औरंगजेब का डीएनए एक हो सकता है. वह अपने डीएनए की बात करें. वह हिंदू समाज के ठेकेदार नहीं है. आरएसएस अपने कार्यकर्ताओं की बात करे. आरएसएस जैसी संस्था पर बैन लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पब्लिक बैन लगा देगी. वहीं फरहान अख्तर की फिल्म 'तूफान' (Toofaan Movie) पर बोलते हुए यति नरसिंहानंद ने कहा कि लव जिहाद को बढ़ाने के लिए यह फिल्म बनाई गई है. बॉलीवुड इसी काम में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड की सफाई बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार इस तरह की फिल्मों पर बैन लगाए.

नरसिंहानंद सरस्वती का विवादित बयान.

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नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि जनसंख्या कानून बनाकर योगी सरकार एक कदम आगे बढ़ी है. ये शुरुआत है, लेकिन और सख्त कानून की अभी जरूरत है. उन्होंने कहा कि जितना कड़ा कानून चीन में है. वैसा ही कानून देश में बनना चाहिए. दंडात्मक प्रावधान होना चाहिए. तब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण मामले में भारत को चीन जैसी रणनीति बनानी चाहिए.

ओपेक देश द्वारा कश्मीर मसले को हल करने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने पर उन्होंने कहा कि ओपेक देश मुसलमानों का संगठन है और उनके माध्यम से कश्मीर का मुद्दा हल नहीं हो सकता. दुनिया में जहां भी जिहाद चलता है. उसका सबसे बड़ा फाइनेंसर सऊदी अरब है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को ओपेक देशों से कोई समझौता नहीं करना चाहिए. हम उनसे तेल खरीदते हैं और उनकी धमकी भी सहन करते हैं. अगर भारत तेल न खरीदे तो वह भुखमरी की नौबत पर आ जाएगें. भारत सरकार को अपनी शर्तों पर काम करना चाहिए.

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