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अलीगढ़ के स्कूलों में नहीं मिल रहा मिड डे मील, हजारों बच्चे भूखे पढ़ने को मजबूर

अलीगढ़ के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों (Aligarh government primary schools) से लापरवाही का मामला आया है. इन स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है.

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Published : Nov 17, 2022, 10:52 AM IST

अलीगढ़: यूपी में सरकार की पोषण योजना में लापरवाही बरती जा रही है. अलीगढ़ के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है. इससे हजारों बच्चे स्कूल में भूखे ही पढ़ने को मजबूर हैं.

बच्चों का कहना है कि कई दिन से स्कूल में मिड डे मील (Negligence in Mid Day Meal of Aligarh schools) नहीं आया है. इससे पहले प्रतिदिन बहुत सी चीजें खाने के लिए आती थी. जैसे कभी दाल, दलिया और रोटी. लेकिन, अब खाने के लिए कुछ भी नहीं आता है. बुधवार को हम अपने घर से खाना लेकर भी नहीं आए. बच्चों को लगा कि स्कूल में मिड डे मील मिलेगा, लेकिन मिड डे मील बुधवार को भी नहीं आया है. जिसकी वजह से सभी बच्चे भूखे रहे.

जानकारी देते DM इंद्रविक्रम सिंह, छात्रा और टीचर
टीचर भावना कुमारी ने बताया कि जिला अधिकारी का आदेश है कि विद्यालय परिसर में ही मिड डे मील (Mid day meal is not available in Aligarh) बनना चाहिए. इससे पहले हमारे यहां पर एनजीओ से बनकर मिड डे मील आता था. लेकिन, अब हमारे विद्यालय में इतनी व्यवस्था नहीं है कि मिड डे मील यहां पर बना सकें और यहां पर मिड डे मील बनाने के लिए महिलाओं को रख सकें. इसके अलावा चंपादेवी अग्रवाल इंटर कॉलेज अचल ताल पर स्थित है. यहां पर बंदरों का भी काफी आतंक रहता है. इस विद्यालय में छात्रों की संख्या भी बहुत ज्यादा है, जिसके कारण हम लोग यह कार्य करने में असमर्थ हैं. मिड डे मील बनाने के लिए फाइनेंशियल परेशानी है. जितनी बच्चों की संख्या है. उसके अनुपात में राशि पर्याप्त नहीं हो पाती है. बुधवार से बच्चों को मिड डे मील नहीं मिला है.


पढ़ें- एएमयू में क्रिकेट खेलते समय दो गुटों में बवाल, एक छात्र गंभीर, कैंपस में तनाव


इस मामले में प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष अनूप शर्मा ने बताया कि मिड डे मील को लेकर हम भी बहुत परेशान हैं. उनका कहना है कि 1000 रुपयों में रसोईया 12 सौ बच्चों के लिए 2 घंटे में रोटी कैसे तैयार करेगा. उसके बाद पूरे स्टाफ को सब्जी लाना और खाना बनाना, फिर खाना बटवाना इसी में जोड़ देंगे, तो पढ़ाई कैसे होगी. वहीं, इस विद्यालय में स्थान भी काफी कम है. उन्होंने बताया कि सभी टीचर ने अपनी जेब से बिस्किट मंगाकर बच्चों को खिला दिए हैं.

DM डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अलीगढ़ जनपद में जो शहरी क्षेत्र है. उनमें हम लोग एनजीओ और प्राइवेट पर्सन के माध्यम से मिड डे मील बटवा रहे थे. इनकी जो पॉलिसी है उसके तहत भोजन तैयार करने में एक रूपया प्रति बच्चा मिलता हैं. लेकिन, बच्चों ने खाने की गुणवत्ता सही नहीं होने पर खाना छोड़ दिया. खाने को लेकर कई शिकायतें भी आई हैं. इसके बाद जिन विद्यालयों में खाने की व्यवस्था हो सकती थी. जहां पर जगह, सारे संसाधन हैं. उन प्राइमरी विद्यालयों में उनका वहीं पर अकाउंट खुलवा कर भोजन बनाने की व्यवस्था की है. लेकिन, माध्यमिक स्कूलों में थोड़ी सी परेशान आ रही है. क्योंकि, कहीं बच्चे बहुत ज्यादा हैं, कहीं पर स्टाफ की कमी है और भोजन बनाने की व्यवस्था में भी दिक्कत है. बच्चों को बेहतर भोजन देने के लिए कोई एक रास्ता निकाला जाएगा इसकी कोशिश की जा रही है.

पढ़ें- AMU में छात्रों के दो गुटों में खूनी संघर्ष, एक छात्र गंभीर

अलीगढ़: यूपी में सरकार की पोषण योजना में लापरवाही बरती जा रही है. अलीगढ़ के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है. इससे हजारों बच्चे स्कूल में भूखे ही पढ़ने को मजबूर हैं.

बच्चों का कहना है कि कई दिन से स्कूल में मिड डे मील (Negligence in Mid Day Meal of Aligarh schools) नहीं आया है. इससे पहले प्रतिदिन बहुत सी चीजें खाने के लिए आती थी. जैसे कभी दाल, दलिया और रोटी. लेकिन, अब खाने के लिए कुछ भी नहीं आता है. बुधवार को हम अपने घर से खाना लेकर भी नहीं आए. बच्चों को लगा कि स्कूल में मिड डे मील मिलेगा, लेकिन मिड डे मील बुधवार को भी नहीं आया है. जिसकी वजह से सभी बच्चे भूखे रहे.

जानकारी देते DM इंद्रविक्रम सिंह, छात्रा और टीचर
टीचर भावना कुमारी ने बताया कि जिला अधिकारी का आदेश है कि विद्यालय परिसर में ही मिड डे मील (Mid day meal is not available in Aligarh) बनना चाहिए. इससे पहले हमारे यहां पर एनजीओ से बनकर मिड डे मील आता था. लेकिन, अब हमारे विद्यालय में इतनी व्यवस्था नहीं है कि मिड डे मील यहां पर बना सकें और यहां पर मिड डे मील बनाने के लिए महिलाओं को रख सकें. इसके अलावा चंपादेवी अग्रवाल इंटर कॉलेज अचल ताल पर स्थित है. यहां पर बंदरों का भी काफी आतंक रहता है. इस विद्यालय में छात्रों की संख्या भी बहुत ज्यादा है, जिसके कारण हम लोग यह कार्य करने में असमर्थ हैं. मिड डे मील बनाने के लिए फाइनेंशियल परेशानी है. जितनी बच्चों की संख्या है. उसके अनुपात में राशि पर्याप्त नहीं हो पाती है. बुधवार से बच्चों को मिड डे मील नहीं मिला है.


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इस मामले में प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष अनूप शर्मा ने बताया कि मिड डे मील को लेकर हम भी बहुत परेशान हैं. उनका कहना है कि 1000 रुपयों में रसोईया 12 सौ बच्चों के लिए 2 घंटे में रोटी कैसे तैयार करेगा. उसके बाद पूरे स्टाफ को सब्जी लाना और खाना बनाना, फिर खाना बटवाना इसी में जोड़ देंगे, तो पढ़ाई कैसे होगी. वहीं, इस विद्यालय में स्थान भी काफी कम है. उन्होंने बताया कि सभी टीचर ने अपनी जेब से बिस्किट मंगाकर बच्चों को खिला दिए हैं.

DM डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अलीगढ़ जनपद में जो शहरी क्षेत्र है. उनमें हम लोग एनजीओ और प्राइवेट पर्सन के माध्यम से मिड डे मील बटवा रहे थे. इनकी जो पॉलिसी है उसके तहत भोजन तैयार करने में एक रूपया प्रति बच्चा मिलता हैं. लेकिन, बच्चों ने खाने की गुणवत्ता सही नहीं होने पर खाना छोड़ दिया. खाने को लेकर कई शिकायतें भी आई हैं. इसके बाद जिन विद्यालयों में खाने की व्यवस्था हो सकती थी. जहां पर जगह, सारे संसाधन हैं. उन प्राइमरी विद्यालयों में उनका वहीं पर अकाउंट खुलवा कर भोजन बनाने की व्यवस्था की है. लेकिन, माध्यमिक स्कूलों में थोड़ी सी परेशान आ रही है. क्योंकि, कहीं बच्चे बहुत ज्यादा हैं, कहीं पर स्टाफ की कमी है और भोजन बनाने की व्यवस्था में भी दिक्कत है. बच्चों को बेहतर भोजन देने के लिए कोई एक रास्ता निकाला जाएगा इसकी कोशिश की जा रही है.

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