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अलीगढ़: 'तालों का शहर' झेल रहा लॉकडाउन की मार, उद्योग पर गहराया नकदी का संकट - lock industry of aligarh

'तालों के शहर' के नाम से मशहूर अलीगढ़ जिला इन दिनों लॉकडाउन की मार झेल रहा है. लॉकडाउन के चलते ताला-हार्डवेयर क्षेत्र में नकदी का गहरा संकट छाया हुआ है. यातायात प्रभावित होने से उद्यमियों का माल रास्ते में ही फंसा हुआ है, जिससे व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

ताला उद्योग.
ताला उद्योग.
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Published : Jun 17, 2020, 10:40 PM IST

अलीगढ़: देश भर में 'तालों के शहर' के नाम से अलीगढ़ जिले को पहचाना जाता है. यह प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है. कच्चे माल और ऊर्जा की सरल उपलब्धता के चलते अलीगढ़ जिला एक व्यापार कुशल केन्द्र के रूप में उभरा है. यहां के बने ताले विश्व में निर्यात किए जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन ने इस उभरती इंडस्ट्री में भी सेंध लगा दी है.

जानकारी देते ताला कारोबारी.

छूट के बाद भी कोई सुधार नहीं
लॉकडाउन में छूट के बाद भी ताला इंडस्ट्री के हालात में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है. ताला-हार्डवेयर क्षेत्र में नकदी का संकट गहराया हुआ है, यूपी और अन्य राज्यों में भेजे गए कई सौ करोड़ के माल का बकाया बाकी है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग मालिक और व्यापारी काफी परेशान हैं.

करोड़ों का माल फंसा
लॉकडाउन के चलते यातायात पर काफी प्रभाव पड़ा है. कंपनी से निकला माल दुकानदारों तक नहीं पहुंच पाया है, जिससे व्यापारियों का करोड़ों का माल बाजार में फंसा हुआ है. वहीं दुकानदार माल न मिलने के कारण मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भुगतान नहीं कर रहे हैं. उद्यमियों की मानें तो करीब 200 करोड़ रुपए का फंड बाजार में फंसा हुआ है.

प्रोडक्शन में आई कमी
लॉकडाउन के चलते ताला उद्योग को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. प्रोडक्शन भी बहुत कम हो रहा है. एमएसएमई के तहत सरकार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को लोन देना का प्रयास कर रही है, लेकिन उद्यमी पहले से ही लोन लेकर फंसे होने के कारण आगे लोन नहीं लेना चाहते हैं. लॉकडाउन से पहले का माल अभी तक डीलरों के यहां रिसीव नहीं हुआ है, जिससे डीलर नए माल का ऑर्डर नहीं दे रहे हैं. इसके साथ ही डीलरों ने पुराने माल का भुगतान भी रोक कर रखा हुआ है.

महामारी से बाजार में आई मंदी
कोविड-19 महामारी के पहले ताला इंडस्ट्री में काफी तेजी थी. व्यापारियों में सामान बेचने की होड़ लगी थी. मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के कारीगर रात-दिन ताला बनाने में जुटे थे, लेकिन कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन ने ताला इंडस्ट्री में सेंध लगा दी. यातायात प्रभावित हो गया, जिससे उद्यमियों का करोड़ों का माल बाजार में फंस गया. मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पैसे श्रमिकों की सैलरी, फैक्ट्री की मरम्मत, परिवार चलाने में ही खर्च हो गए.

ठप पड़ा है व्यापार
अलीगढ़ जिले में करीब 8 हजार छोटी-बड़ी ताला-हार्डवेयर इकाइयां हैं. इन इकाइयों का कारोबार तकरीबन 8 हजार करोड़ का है. सरकार द्वारा लागू अनलॉक में इकाइयां तो खुली हैं, लेकिन व्यापार ठप हैं. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से हुई क्षति को पूरा करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित किया है, जिसका उपयोग व्यापारी लोन के तौर पर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन मंदी के चलते व्यापारी लोन लेने को तैयार नहीं है.

दुनिया भर में मशहूर हैं अलीगढ़ के ताले
अलीगढ़ के ताले दुनिया भर में मशहूर हैं. यहां के बने ताले मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली और श्रीलंका तक जाता है. अभी लॉकडाउन के चलते यूपी के बाहर के डीलर ऑर्डर नहीं दे रहे हैं तो वहीं पुराने माल का भुगतान भी रोक कर रखा है. इंडस्ट्री में उत्पादन कम है तो मैटेरियल भी कम है, जिससे लोग उधार देने की भी हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं. बाजार में तालों की डिमांड भी फिलहाल नहीं दिख रही है.

प्रशासन ने बढ़ाया मदद का हाथ
जिला उद्योग केन्द्र के उपायुक्त श्रीनाथ पासवान ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते ताला इंडस्ट्री को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. मार्केट में तालों की डिमांड काफी कम हो गई है. इसके चलते व्यापारियों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. इन सभी तकलीफों को देखते सरकार कई योजनाएं चलाकर उद्यमियों को लाभान्वित करने का काम कर रही है.

इसे भी पढ़ें- अलीगढ़: आंख में मिर्च झोंककर किसान से लूटे 1.20 लाख रुपये

अलीगढ़: देश भर में 'तालों के शहर' के नाम से अलीगढ़ जिले को पहचाना जाता है. यह प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है. कच्चे माल और ऊर्जा की सरल उपलब्धता के चलते अलीगढ़ जिला एक व्यापार कुशल केन्द्र के रूप में उभरा है. यहां के बने ताले विश्व में निर्यात किए जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन ने इस उभरती इंडस्ट्री में भी सेंध लगा दी है.

जानकारी देते ताला कारोबारी.

छूट के बाद भी कोई सुधार नहीं
लॉकडाउन में छूट के बाद भी ताला इंडस्ट्री के हालात में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है. ताला-हार्डवेयर क्षेत्र में नकदी का संकट गहराया हुआ है, यूपी और अन्य राज्यों में भेजे गए कई सौ करोड़ के माल का बकाया बाकी है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग मालिक और व्यापारी काफी परेशान हैं.

करोड़ों का माल फंसा
लॉकडाउन के चलते यातायात पर काफी प्रभाव पड़ा है. कंपनी से निकला माल दुकानदारों तक नहीं पहुंच पाया है, जिससे व्यापारियों का करोड़ों का माल बाजार में फंसा हुआ है. वहीं दुकानदार माल न मिलने के कारण मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भुगतान नहीं कर रहे हैं. उद्यमियों की मानें तो करीब 200 करोड़ रुपए का फंड बाजार में फंसा हुआ है.

प्रोडक्शन में आई कमी
लॉकडाउन के चलते ताला उद्योग को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. प्रोडक्शन भी बहुत कम हो रहा है. एमएसएमई के तहत सरकार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को लोन देना का प्रयास कर रही है, लेकिन उद्यमी पहले से ही लोन लेकर फंसे होने के कारण आगे लोन नहीं लेना चाहते हैं. लॉकडाउन से पहले का माल अभी तक डीलरों के यहां रिसीव नहीं हुआ है, जिससे डीलर नए माल का ऑर्डर नहीं दे रहे हैं. इसके साथ ही डीलरों ने पुराने माल का भुगतान भी रोक कर रखा हुआ है.

महामारी से बाजार में आई मंदी
कोविड-19 महामारी के पहले ताला इंडस्ट्री में काफी तेजी थी. व्यापारियों में सामान बेचने की होड़ लगी थी. मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के कारीगर रात-दिन ताला बनाने में जुटे थे, लेकिन कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन ने ताला इंडस्ट्री में सेंध लगा दी. यातायात प्रभावित हो गया, जिससे उद्यमियों का करोड़ों का माल बाजार में फंस गया. मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पैसे श्रमिकों की सैलरी, फैक्ट्री की मरम्मत, परिवार चलाने में ही खर्च हो गए.

ठप पड़ा है व्यापार
अलीगढ़ जिले में करीब 8 हजार छोटी-बड़ी ताला-हार्डवेयर इकाइयां हैं. इन इकाइयों का कारोबार तकरीबन 8 हजार करोड़ का है. सरकार द्वारा लागू अनलॉक में इकाइयां तो खुली हैं, लेकिन व्यापार ठप हैं. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से हुई क्षति को पूरा करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित किया है, जिसका उपयोग व्यापारी लोन के तौर पर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन मंदी के चलते व्यापारी लोन लेने को तैयार नहीं है.

दुनिया भर में मशहूर हैं अलीगढ़ के ताले
अलीगढ़ के ताले दुनिया भर में मशहूर हैं. यहां के बने ताले मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली और श्रीलंका तक जाता है. अभी लॉकडाउन के चलते यूपी के बाहर के डीलर ऑर्डर नहीं दे रहे हैं तो वहीं पुराने माल का भुगतान भी रोक कर रखा है. इंडस्ट्री में उत्पादन कम है तो मैटेरियल भी कम है, जिससे लोग उधार देने की भी हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं. बाजार में तालों की डिमांड भी फिलहाल नहीं दिख रही है.

प्रशासन ने बढ़ाया मदद का हाथ
जिला उद्योग केन्द्र के उपायुक्त श्रीनाथ पासवान ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते ताला इंडस्ट्री को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. मार्केट में तालों की डिमांड काफी कम हो गई है. इसके चलते व्यापारियों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. इन सभी तकलीफों को देखते सरकार कई योजनाएं चलाकर उद्यमियों को लाभान्वित करने का काम कर रही है.

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