अलीगढ़ः एएमयू (Aligarh Muslim University) के पूर्व शोध छात्र डॉक्टर दानिश रहीम ने आरोप लगाया है कि बीते 22 दिसंबर 2020 को जब देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने यूनिवर्सिटी को संबोधित किया था, तो उनकी तारीफ में मैंने मीडिया के सामने बाइट दी थी. जिसकी वजह से भाषा विज्ञान (Linguistics Department) के चेयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद जागीर के द्वारा परेशान किया जा रहा है और मुझे भाषा विज्ञान से पीएचडी की डिग्री मिली थी. उसे वापस कर दूसरी डिग्री देने के लिए कहा जा रहा है. जिसकी शिकायत उसने हायर अथॉरिटी से लेकर देश के प्रधानमंत्री और सीएम योगी को पत्र लिख कर किया है.
एएमयू के शोध छात्र डॉक्टर दानिश रहीम ने कहा मैंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से भाषा विज्ञान से पीएचडी किया है. मेरी पीएचडी 9 मार्च 2021 को डिग्री मिल गई. मेरी एक सीनियर है डॉक्टर मारिया नईम उनकी डिग्री नवंबर 2020 में अवार्ड हो गई, लेकिन मेरी गलती इतनी रही मुझे नहीं पता चला कि चेयरमैन प्रोफ़ेसर जहांगीर भारती मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं. 22 दिसंबर 2020 को जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एएमयू को संबोधित किया था, तो उनकी तारीफ में मैंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर एक बाइट दिया था. मुझे नहीं पता था उसका अंजाम क्या होगा.
उन्होंने कहा कि जिस तरह मोदी जी ने एएमयू की तारीफ की, उसके लिए मैंने मोदी जी की तारीफ की थी. हमने कहा था कि जिस तरह वो देश को लेकर साथ चल रहे हैं, और जो मुसलमान डरता है बीजेपी से उसको भी साथ लेकर चल रहे हैं. इसी विषय पर उसका जो वीडियो आया था मेरे पर उसको मैंने सबको भेजा और अपने चेयरमैन को भी भेजा. उसके बाद 8 फरवरी को मेरा बाय-बाय हुआ. उससे एक-दो दिन पहले चेयरमैन ने मुझको बुलाया और कहा आप एक स्टूडेंट हैं, आपको इस तरह की बाइट नहीं देनी चाहिए. किसी पार्टी के फेवर में नहीं बोलना चाहिए, आपकी भाषा से और इंटरव्यू से लगता है आप किसी पार्टी के आदमी हो. 3 दिन बाद मेरा बाय-बाय था. मैंने उसको हल्के में ले लिया और मेरी डिग्री अवार्ड हो गई.
इसके बाद 25 जून से मेरे चेयरमैन ने यह सियासत कि मेरे खिलाफ और वाइस चांसलर कंट्रोलर साहब को मिसगाइड किया. 4 अगस्त 2021 को मेरे खिलाफ एक लेटर जारी कर दिया कि आपको जो भाषा विज्ञान (Linguistics) की डिग्री मिली है वो डिग्री आपको गलती से मिल गई है. अब आप बताइए देश की इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी जहां दुनिया के लोग पढ़ने जाते हों क्या वो अनजाने में डिग्री बांट रही है, वह भी हायर एजुकेशन की जो सबसे बड़ी पीएचडी की पढ़ाई होती है. देश के अंदर उस डिग्री को देने के बाद कह रहे हैं कि हमने आपको अनजाने में डिग्री दे दी, आप गलत डिग्री वापस करके सही डिग्री ले लीजिए. जब कि मेरे पास एक-एक डॉक्यूमेंट रहता है उसे प्रूफ के बतौर दिखा सकता हूं, कि मुझे डिग्री भाषा विज्ञान ( Linguistics) की ही मिली है, जो मेरे पास है. लेकिन चेयरमैन सब को मिस गाइड कर रहे हैं, क्योंकि कहीं न कहीं उनको अंदेशा है जब मेरा अपार्टमेंट होगा, तो उन्हें उस चीज का लाभ नहीं मिल पाएगा जो डिपार्टमेंट में तानाशाही कर रहे हैं. मुझ जैसा सच्चा इंसान जाएगा तो उन्हें डर है कि जाऊंगा तो उनकी कमियां मीडिया में ला सकता हूं, क्योंकि उनके दोनों अपॉइंटमेंट यूजीसी के रूल रेगुलेशन के खिलाफ हैं.
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आगे शोध छात्र दानिश रहीम ने कहा मैं हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट करता हूं, कि मेरी बात को आगे बढ़ाएं और मेरा कैरियर बर्बाद होने से बचाएं मेरी जिंदगी दांव पर लगी है. वो एएमयू के हायर अथॉरिटी, कंट्रोलर साहब और वाइस चांसलर साहब को मिसगाइड कर रहे हैं, वो भाषा विज्ञान (linguistics) के चेयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद जहांगीर वारसी हैं. मैंने कल मोदी जी और योगी जी को ईमेल किया है और हायर अथॉरिटी यूजीसी और एचआरडी को भी मेल किया है. इनको पहले भी लिखता रहा हूं. मैं चाहता हूं कि जो डिग्री मुझे मिली है वो मेरी कायम रहे. जिस तरह से चेयरमैन मिस गाइड कर रहे हैं, उनकी उसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए.
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