अलीगढ़: पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ ने अपनी और अपने बेटे दिवाकर गौड़ की हत्या की आशंका जताई है. इस बार हत्या की साजिश जेल की चाहरदीवारी के पीछे से किए जाने का आरोप है. इतना ही नहीं हत्या कराने के षड्यंत्र के आरोप में जेल अधीक्षक की संलिप्तता होने की आशंका जताई गई है. पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है. डीएम ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
नगर पालिका खैर के पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ ने मुख्यमंत्री योगी से अपनी व अपने बेटे की हत्या करवाने का षड्यंत्र किए जाने की आशंका जताते हुए शिकायत की है. पूर्व विधायक ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका खैर के पूर्व चेयरमैन संजीव अग्रवाल द्वारा पूर्व में भी हत्या का षड्यंत्र रचा गया था. अगस्त 2022 से वह जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ पुलिस-प्रशासन द्वारा गैंगेस्टर भी लगाया जा चुका है. आरोप है कि जेल में जेल अधीक्षक ने खुली छूट दे दी है. दूसरे नामों से जेल में बंद चेयरमैन से मुलाकातें कराई जा रही हैं. पूर्व विधायक ने शिकायत में लिखा है कि अगर उनके साथ कोई घटना होती है तो इसके लिए जिम्मेदार पूर्व चेयरमैन के साथ जेल अधीक्षक भी होंगे.
पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ ने शिकायत में लिखा है कि बीते दिनों प्रमुख सचिव कारागार ने जेल अधीक्षक से पूर्व चेयरमैन को दूसरी जेल में शिफ्ट किए जाने के संबंध में आख्या मांगी थी. आरोप है कि जेल अधीक्षक द्वारा दूसरी जेल में ट्रांसफर करने की संस्तुति नहीं की गई. प्रमोद गौड़ ने बताया कि पूर्व चेयरमैन द्वारा जेल में बंद रहकर उनकी व उनके बेटे की हत्या कराए जाने के षड्यंत्र के संबंध में मुख्यमंत्री को शिकायत की है. इसकी जांच होनी चाहिए.
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