अलीगढ़: पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को एएमयू के छात्रों ने सीएए के मुद्दे पर धरना स्थल पर बुलाया था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें जाने से रोक दिया. वे सपा नेता ख्वाजा जिब्रान के आवास पर पहुंचे और पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देश अशांत है. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है.
यूपी सरकार पर साधा निशाना
यशवंत सिन्हा ने यूपी सरकार पर हिंसा करने का आरोप लगाया और कहा कि देश-प्रदेश में शांति की बहुत जरूरत है. इसलिए गांधी जी को याद करते हुए मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से गांधी शांति यात्रा निकाली है. 21 दिन की यात्रा के बाद गुरुवार को राजघाट पर गांधी यात्रा का समापन होगा. यह यात्रा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि इस यात्रा का मुख्य संदेश है कि सरकार काले कानून को वापस ले. जो विरोध हो रहा है, वह शांतिपूर्ण तरीके से हो ताकि सरकार कोई हिंसा न कर पाए.
'झूठ और हिंसा के बल पर शासन नहीं चलेगा'
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि गांधी के देश में नाथूराम गोडसे की विचारधारा नहीं चलेगी. देश सत्य,अहिंसा और शांति के रास्ते पर ही चलेगा, हिंसा और झूठ के रास्ते पर नहीं. उन्होंने कहा कि अगर कोई सोचता है कि झूठ और हिंसा के बल पर शासन करेगा, तो यह गलत सोच है. गोडसे को इस देश ने कभी स्वीकार नहीं किया .
'रसातल में पहुंची अर्थव्यवस्था'
वहीं आने वाले बजट पर सवाल पूछे जाने पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार से सभी अपेक्षाएं मृत हो गई हैं. अर्थव्यवस्था के हालात बहुत संगीन हैं. अर्थव्यवस्था को मोदी सरकार ने रसातल में पहुंचा दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार का खजाना बिल्कुल खाली है. उनके पास राज्य सरकारों को देने के लिए पैसा नहीं है. मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां गलत हैं.
'गलत तरीके से लागू किया गया नोटबंदी और जीएसटी'
यशवंत सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी को गलत तरीके से लागू किया गया. इन्हीं कारणों के चलते अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी ने कहा था मुझे 50 दिन का समय दीजिए. नोटबंदी सफल नहीं हुई, तो चौराहे पर खड़ा कर देना लेकिन आज उस बात को प्रधानमंत्री भूल गये. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है. मोदी सरकार की गलत नीतियां अर्थव्यवस्था के खस्ताहाल के लिए जिम्मेदार है.
'दिल्ली चुनाव हार रही है बीजेपी'
वहीं दिल्ली चुनाव के बारे में यशवंत सिंहा ने कहा कि बीजेपी दिल्ली विधान सभा चुनाव में बुरी तरह से हार रही है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण है बीजेपी के नेताओं की भाषा शैली. उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति निराश होता है और घबरा जाता है तो इस तरीके की भाषा का प्रयोग करता है. दिल्ली के चुनाव को बीजेपी सांप्रदायिक आधार पर लड़ना चाह रही है. इसलिए इनके नेता बेतुके बयान दे रहे हैं.
'अटल सरकार में नहीं थी साम्प्रदायिकता'
पूर्व वित्त मंत्री ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय में सांप्रदायिकता नहीं थी. अटल जी ने संजीदगी के साथ सरकार चलाई थी. मुसलमानों को कभी विभाजित करने का काम नहीं किया था. उन्होंने कहा कि अटल सरकार में गलत रास्ते का अनुसरण नहीं किया. जो कि आज सरकार कर रही है.
'भाजपा छोड़ चुका हूं'
वहीं अपने पुत्र जयंत सिन्हा के भाजपा में मंत्री होने के सवाल पर कहा कि दोनों ही वयस्क हैं और फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं, वह अपना फैसला लें, हम अपना फैसला लेंगे. न हम उन पर दबाव बनाएंगे, न वे हम पर दबाव बनाएंगे. उन्होंने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी छोड़ चुका हूं, इसलिए हमारी विचारधारा अलग है.
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