अलीगढ़ : जिले के अतरौली रजिस्ट्रार कार्यालय में 2 लड़कियों ने जहर खा लिया. दाेनाें सगी बहनें हैं. हालत गंभीर हाेने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां से उन्हें जेएन मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. घटना के बाद रजिस्ट्रार ऑफिस के कर्मचारी कार्यालय में ताला लगाकर फरार हो गए. परिजनाें के अनुसार काफी समय से वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं. इसके बावजूद सुनवाई नहीं हाे रही है.
जनपद के छर्रा क्षेत्र के गांव धनसारी के गुलशन पुत्र नन्हे ने बताया कि मेरे पिताजी मुझे संपत्ति से बेदखल करना चाहते हैं. उनकी निगरानी के लिए मैं वर्ष 2015 से लगातार रजिस्ट्रार ऑफिस पर सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक अपने परिवार के साथ बैठ रहा हूं . डर था कि कहीं मेरे पिताजी किसी और को संपत्ति बेच न दें. गुलशन ने बताया रजिस्ट्रार ऑफिस में आपत्ति दर्ज होने के बाद भी 10 फरवरी को जमीन का बैनामा कर दिया गया. जबकि पहले से आपत्ति दर्ज है. इसके बावजूद बैनामे की काेई जानकारी नहीं दी गई.
गुलशन ने बताया कि उसके पास 6 बच्चे हैं. इनमें सबसे बड़ी 2 बेटिया रहनुमा और कहकशा ने साेमवार की सुबह 11 बजे रजिस्ट्रार ऑफिस में जहर खा लिया. दाेनाें बेटिया बैनामे काे निरस्त करने की मांग कर रहीं थीं. हालत बिगड़ने पर पुलिस काे घटना की सूचना दी गई. पुलिस दोनों लड़कियों को अपनी जीप में बैठाकर अतरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई. जहां हालत नाजुक होने की वजह से उन्हें अलीगढ़ जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.
दाेनाें बहनाें की मां रईसन ने बताया कि गलत तरीके से रजिस्ट्रार कार्यालय में बैनामा किया गया है. सौतेली सास ने जमीन बिकवाई है. रईसन ने बताया कि पिछले 8 साल से खेत और रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी बैनामा को लेकर रखवाली कर रहे हैं. पिता गुलशन ने बताया कि उसके पिता जायदाद से उसे बेदखल करना चाहते हैं. पिछले 5 साल से केस चल रहा है. अतरौली रजिस्ट्रार कार्यालय के उपनिबंधक चैतन्य सिंह बताया कि लड़कियां पहले से ही जहर खाकर कार्यालय आईं थीं. उन्होंने बताया कि इनके बाबा के द्वारा संपत्ति बेची गई है. बेटियों ने विरोध किया था. अगर इन्हें बैनामा रुकवाना है तो सक्षम न्यायालय में जाकर अपील करें. वहां से जो आदेश मिलेगा उसके तहत कार्रवाई की जाएगी.
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