अलीगढ़: ओलावृष्टि व बारिश से किसानों की फसल चौपट होने के बाद सरकार मुआवजा देकर मरहम तो लगा रही है, लेकिन मुआवजा पाने के बाद भी किसान मायूस है. किसानों की मायूसी का कारण मुवाजे की कम रकम है. उनका कहना कि जितना नुकसान हुआ है उतना सरकार मुआवजा नहीं दे रही है. हालांकि, किसानों के नुकसान पर सरकार ने मुआवजा देने की पहल त्वरित की है.
कलेक्ट्रट सभागार में ओलावृष्टि प्रभावित 31 किसानों को गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने मुआवजे का प्रमाण पत्र बांटा, लेकिन इस दौरान किसानों के चेहरों पर कोई खुशी नहीं दिखी. अलीगढ़ में 55 हजार किसानों की फसल का नुकसान हुआ है और इन चिन्ह्ति किसानों के नुकसान का 27 करोड़ रुपये का आंकलन किया गया है.
तीन चरणों में मुआवजें की राशि अलीगढ़ प्रशासन को मिली, जिसमें पहले चरण में 30 लाख, दूसरे चरण में करीब 12 करोड़ 82 लाख और तीसरे चरण में करीब 6 करोड़ 37 रुपये मिले. एडीएम फाइनेंस विधान जयसवाल ने बताया कि तीसरे चरण की आधी रकम बंट चुकी है. उन्होंने बताया कि ई पेमेंट के जरिये किसानों के खातों में भेजा जा रहा है.
पढ़ें: सहारनपुर में ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई करेगा प्रशासन, आकलन शुरू
फसल नुकसान का मुआवजा पाने वाले किसानों ने बताया कि खेती के काम में मजदूरों का दाम भी नहीं मिला. किसान अमर पाल ने बताया कि मुआवजा न के बराबर है. बारिश व ओले से सरसों की फसल बर्बाद हो गई. अमर पाल को 4356 रुपये प्राप्त होने का प्रमाण पत्र दिया गया. वहीं किसान सिद्दू में बताया कि मिला मुआवजा नहीं के बराबर है. 10 बीघे सरसों की फसल बर्बाद होने पर केवल 2174 रुपये ई पेमेंट के जरिये खाते में दिए गए हैं.