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रिक्शे वाले को ठिठुरते देखा तो हर ठंड में गरीबों को बांटने लगे कंबल

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जज्बा फाउंडेशन के डॉ. स्वालेहीन अख्तर गरीबों और असहाय लोगों को हर साल ठंड से बचाने के लिए कंबल वितरण करते हैं. वह अब तक 1200 से अधिक कंबल वितरण कर चुके हैं. वह 7 कंबल वितरण नि:शुल्क कैंप लगा चुके हैं.

गरीबों को नि:शुल्क कंबल वितरण.
गरीबों को नि:शुल्क कंबल वितरण.
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Published : Dec 14, 2020, 7:24 PM IST

अलीगढ़: ठंड का मौसम आते ही गरीब और कमजोर लोगों के लिए यह कष्टदायक हो जाती है. ठंड से बचाव का कोई इंतजाम नहीं होने पर लोग बीमार पड़ जाते है. वहीं भीषण ठंड नहीं झेल पाने पर लोगों की मौत भी हो जाती है. हालांकि सरकार ठंड से बचाव की व्यवस्था करती है, लेकिन ये इंतजाम काफी नहीं होते हैं. ऐसे में समाज के लोग मदद के लिए आगे आते हैं. अलीगढ़ में जज्बा फाउंडेशन के डॉ. स्वालेहीन अख्तर ने गरीबों के लिए कुछ ऐसी ही पहल की है. हर साल गरीबों को ठंड से बचाने के लिए वह मुफ्त में कम्बल बांटते हैं. डॉ. स्वालेहीन शाह जमाल खैर रोड पर एक छोटा सा क्लीनिक चलाते हैं और गरीब लोगों का इलाज करते हैं. वह कैंप लगाकर कंबल वितरण के साथ ही खामोशी से ठिठुरते लोगों की मदद भी करते हैं.

रिक्शा चालक को कड़कती ठंड में दिया कंबल
पांच साल पहले डॉ. स्वालेहीन ने एक रिक्शा चालक को ठंड में सिकुड़ते हुए देखा, तो उनके अंदर दयाभाव आ गया. उन्होंने रिक्शा चालक को कंबल देकर कड़कड़ाती ठंड से बचाया. इसके साथ ही उन्होंने गरीबों को हर साल कंबल वितरित कर ठंड से राहत पहुंचाने का काम शुरू कर दिया. वह सड़क के किनारे फुटपाथ पर रहने वालों को ठंड आते ही खामोशी से कंबल वितरित करते हैं, ताकि गरीब आदमी की जिंदगी बची रहे. बता दें कि 3 साल पहले डॉ. स्वालेहीन ने जज्बा फाउडेंशन का गठन किया और फिर फाउंडेशन के जरिए वह कंबल वितरण करने लगे.

निशुल्क कैंप लगाकर कर चुके हैं कंबल वितरण
इस फाउंडेशन में डॉ. स्वालेहीन के 188 सदस्य हैं. जो कई इलाकों में जाकर गरीब लोगों को ढूंढ़ते हैं. जिन्हें कंबल की जरुरत होती है, वह उन्हें एक कूपन देते हैं और फिर नि:शुल्क ठंड से बचने के लिए दिया जाता है. गरीबों को कंबल बेहतरीन क्वालिटी का दिया जाता है, जिससे ठंड से बचाव हो सके. डॉ. स्वालेहीन स्वयं बचत के रुपयों से कंबल खरीद कर लोगों की मदद करते थे. जब दोस्त और लोगों की मदद करने वालों से जुड़ाव हुआ तो जज्बा फाउंडेशन बनाया गया. ये लोग आपस में रुपयों का कंट्रीब्यूशन कर फंड जुटाते हैं. फिर गरीबों को ठंड से बचाने के लिए कंबल का इंतजाम करते हैं. वह अब तक 1200 से अधिक कंबल वितरण कर चुके हैं. वह 7 कंबल वितरण नि:शुल्क कैंप लगा चुके हैं.

गरीबों को नि:शुल्क कंबल वितरण.

गरीबों को मुफ्त दवा के साथ देते हैं कंबल
डॉ. स्वालेहीन का मानना है कि वह गरीबों का सहयोग करने का दिखावा नहीं करते, बल्कि गरीबों को ठंड से बचाने की पहल है. अब तक जमालपुर, गोंडा रोड, खैर रोड, भुजपुरा, जेलरोड, शाहजमाल, अचलताल, आमिर निशा, सिविल लाइन इलाकों में कंबल वितरित कर चुके हैं. शाहजमाल की रहने वाली शाइस्ता खान ने बताया कि डॉक्टर साहब ने कंबल दिया है. जिससे वह बच्चों को ओढ़ा कर ठंड से बचाव करते हैं. उन्होंने बताया कि कैंप लगाकर गरीबों को बुलाते है और एक एक कर मुफ्त में कंबल बांटते हैं. रेहाना ने बताया कि गरीब लोगों को मुफ्त में दवा देने के साथ ठंड से बचाव के लिए कंबल भी देते हैं.

ठंड में चलाते है 'नेकी की दौलत' कार्यक्रम
डॉ. स्वालेहीन 'नेकी की दौलत' के नाम से कार्यक्रम करते हैं. उनका कहना है कि जो लिबास उनके पास ज्यादा हैं, उसे गराबों के नाम करते हैं. वह बताते हैं कि जिनके पास जरुरत से ज्यादा या पुराने गर्म कपड़े हैं, वह दान देकर सर्दी के मौसम में गरीबों की मदद कर सकते हैं. स्वेटर, जैकेट, कोट, पैन्ट-शर्ट, लेडीज सूट व बच्चे -बच्चियों के सूट, शॉल, कम्बल, रजाई, दस्ताने, जूते और चप्पल आदि सामान को जज्बा फाउण्डेशन को दें. जज्बा फाउंडेशन इन सामन को जरुरतमंद लोगों तक पहुंचायेगा. जरुरत पड़ने पर वह नए गर्म कपड़े भी मुहैया कराते हैं. उन्होंने बताया कि नेकी की दौलत कार्यक्रम के तहत अलाव और गर्म चाय पिलाने का प्रबंध भी किया जाता है, ताकि ठंड से बचाव किया जा सके. हालांकि सरकार रैन बसेरा के जरिये गरीब लोगों की मदद करती है, लेकिन इसके बावजूद कई लोग ठंड से खुद को नहीं बचा पाते हैं.

अलीगढ़: ठंड का मौसम आते ही गरीब और कमजोर लोगों के लिए यह कष्टदायक हो जाती है. ठंड से बचाव का कोई इंतजाम नहीं होने पर लोग बीमार पड़ जाते है. वहीं भीषण ठंड नहीं झेल पाने पर लोगों की मौत भी हो जाती है. हालांकि सरकार ठंड से बचाव की व्यवस्था करती है, लेकिन ये इंतजाम काफी नहीं होते हैं. ऐसे में समाज के लोग मदद के लिए आगे आते हैं. अलीगढ़ में जज्बा फाउंडेशन के डॉ. स्वालेहीन अख्तर ने गरीबों के लिए कुछ ऐसी ही पहल की है. हर साल गरीबों को ठंड से बचाने के लिए वह मुफ्त में कम्बल बांटते हैं. डॉ. स्वालेहीन शाह जमाल खैर रोड पर एक छोटा सा क्लीनिक चलाते हैं और गरीब लोगों का इलाज करते हैं. वह कैंप लगाकर कंबल वितरण के साथ ही खामोशी से ठिठुरते लोगों की मदद भी करते हैं.

रिक्शा चालक को कड़कती ठंड में दिया कंबल
पांच साल पहले डॉ. स्वालेहीन ने एक रिक्शा चालक को ठंड में सिकुड़ते हुए देखा, तो उनके अंदर दयाभाव आ गया. उन्होंने रिक्शा चालक को कंबल देकर कड़कड़ाती ठंड से बचाया. इसके साथ ही उन्होंने गरीबों को हर साल कंबल वितरित कर ठंड से राहत पहुंचाने का काम शुरू कर दिया. वह सड़क के किनारे फुटपाथ पर रहने वालों को ठंड आते ही खामोशी से कंबल वितरित करते हैं, ताकि गरीब आदमी की जिंदगी बची रहे. बता दें कि 3 साल पहले डॉ. स्वालेहीन ने जज्बा फाउडेंशन का गठन किया और फिर फाउंडेशन के जरिए वह कंबल वितरण करने लगे.

निशुल्क कैंप लगाकर कर चुके हैं कंबल वितरण
इस फाउंडेशन में डॉ. स्वालेहीन के 188 सदस्य हैं. जो कई इलाकों में जाकर गरीब लोगों को ढूंढ़ते हैं. जिन्हें कंबल की जरुरत होती है, वह उन्हें एक कूपन देते हैं और फिर नि:शुल्क ठंड से बचने के लिए दिया जाता है. गरीबों को कंबल बेहतरीन क्वालिटी का दिया जाता है, जिससे ठंड से बचाव हो सके. डॉ. स्वालेहीन स्वयं बचत के रुपयों से कंबल खरीद कर लोगों की मदद करते थे. जब दोस्त और लोगों की मदद करने वालों से जुड़ाव हुआ तो जज्बा फाउंडेशन बनाया गया. ये लोग आपस में रुपयों का कंट्रीब्यूशन कर फंड जुटाते हैं. फिर गरीबों को ठंड से बचाने के लिए कंबल का इंतजाम करते हैं. वह अब तक 1200 से अधिक कंबल वितरण कर चुके हैं. वह 7 कंबल वितरण नि:शुल्क कैंप लगा चुके हैं.

गरीबों को नि:शुल्क कंबल वितरण.

गरीबों को मुफ्त दवा के साथ देते हैं कंबल
डॉ. स्वालेहीन का मानना है कि वह गरीबों का सहयोग करने का दिखावा नहीं करते, बल्कि गरीबों को ठंड से बचाने की पहल है. अब तक जमालपुर, गोंडा रोड, खैर रोड, भुजपुरा, जेलरोड, शाहजमाल, अचलताल, आमिर निशा, सिविल लाइन इलाकों में कंबल वितरित कर चुके हैं. शाहजमाल की रहने वाली शाइस्ता खान ने बताया कि डॉक्टर साहब ने कंबल दिया है. जिससे वह बच्चों को ओढ़ा कर ठंड से बचाव करते हैं. उन्होंने बताया कि कैंप लगाकर गरीबों को बुलाते है और एक एक कर मुफ्त में कंबल बांटते हैं. रेहाना ने बताया कि गरीब लोगों को मुफ्त में दवा देने के साथ ठंड से बचाव के लिए कंबल भी देते हैं.

ठंड में चलाते है 'नेकी की दौलत' कार्यक्रम
डॉ. स्वालेहीन 'नेकी की दौलत' के नाम से कार्यक्रम करते हैं. उनका कहना है कि जो लिबास उनके पास ज्यादा हैं, उसे गराबों के नाम करते हैं. वह बताते हैं कि जिनके पास जरुरत से ज्यादा या पुराने गर्म कपड़े हैं, वह दान देकर सर्दी के मौसम में गरीबों की मदद कर सकते हैं. स्वेटर, जैकेट, कोट, पैन्ट-शर्ट, लेडीज सूट व बच्चे -बच्चियों के सूट, शॉल, कम्बल, रजाई, दस्ताने, जूते और चप्पल आदि सामान को जज्बा फाउण्डेशन को दें. जज्बा फाउंडेशन इन सामन को जरुरतमंद लोगों तक पहुंचायेगा. जरुरत पड़ने पर वह नए गर्म कपड़े भी मुहैया कराते हैं. उन्होंने बताया कि नेकी की दौलत कार्यक्रम के तहत अलाव और गर्म चाय पिलाने का प्रबंध भी किया जाता है, ताकि ठंड से बचाव किया जा सके. हालांकि सरकार रैन बसेरा के जरिये गरीब लोगों की मदद करती है, लेकिन इसके बावजूद कई लोग ठंड से खुद को नहीं बचा पाते हैं.

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